- भीषण युद्ध, नाभि में बाण लगते ही धराशायी हुआ रावण
- पुतले जलते ही गूंज उठे जय श्रीराम के जयकारे
- रामलीला में सीता स्वयंवर का प्रसंग देख मंत्रमुग्ध हुए लोग
- सम्पूर्ण रामायण’ रामलीला में सीता स्वयंवर का प्रसंग देख मंत्रमुग्ध हुए लोग
- पूर्णानंद घाट पर माहौल भक्तिमय हो उठा है गूंज उठे जय श्रीराम के जयकारे
- राम-लखन- सीता को देखकर भावविभोर हुए श्रद्धालुजन
- भगवान राम और सीता ने निहारी गंगा और की गंगा आरती हुए मुरीद
- राम लखन सीता पूर्णानंद घाट की गंगा आरती देख मंत्रमुग्ध रह गए
ऋषिकेश। प्रभु श्री राम के बाल स्वरूप नूतन विग्रह को श्री राम जन्मभूमि पर बना रहे नवीन मंदिर भूतल के गर्भ ग्रह में विराजित करके प्राण प्रतिष्ठा पूर्व संध्या के अवसर पर पूर्णानंद घाट जानकीपुल में प्रसिद्ध विश्व की प्रथम महिला गंगा आरती में ‘सम्पूर्ण रामायण’ का महिलाओं ने किया मंचन। रामलीला में कलाकारों ने भगवान राम की लीला का जीवंत मंचन कर उनके आदर्शों को अपनाने का आह्वान किया। लीला में कलाकारों ने राम-लक्ष्मण के पुष्प वाटिका का भ्रमण, सीता स्वयंवर, राम-सीता विवाह का शानदार मंचन किया।
सीता ने राम के गले में ज्यों ही वरमाला डाली, पूरा पंडाल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा। सभी ने पुष्प वर्षा कर सीता-राम के जयकारे लगाए। ‘सम्पूर्ण रामायण’ मंचन श्रीराम और लंकापति रावण की सेनाओं में भीषण युद्ध हुआ। रावण की मृत्यु के बाद सत्य की जीत हुई। जय श्रीराम के जयकारों से संपूर्ण शहर गूंज उठा। श्रीरामलीला मंचन में नारांतक वध के बाद राम और रावण का युद्ध दिखाया गया। विभीषण ने श्रीराम को बताया कि रावण की नाभि में अमृत है। श्रीराम ने नाभि में तीर मारा। रावण द्वारा धर्म उपदेश और रावण वध की आदि की लीला का आकर्षक मंचन हुआ। महिला अर्चकों ने वैदिक मन्त्रों के बीच हवन पूजन संपन्न कराया। इसमें लोक कल्याण और विश्व शांति के संकल्प के साथ आहुति दी गई। वहीं इसके बाद वैदिक मन्त्रों और गंगा वंदन के बीच मां गंगा की दिव्य-भव्य-अलौकिक आरती सम्पन्न कराई गई।
महिलाओं ने राम, लक्ष्मण और सीता जी की आरती इस अवसर पर महिलाओं ने पुष्प वर्षा की। दिल्ली से आई हुई “आत्म मंदिर” की टीम द्वारा रामलीला का प्रस्तुतिकरण किया गया, जिसमें निम्नलिखित लोगो ने किरदार को जीवंत किया l राम गुरु मां प्रकेता, सीता सुरक्षा, लक्ष्मण अमीता, दशरथ खुशी, कौशल्या दुर्गा, कैकेयी राधा, सुमित्रा सुनीता, भरत सारिका, शत्रुघ्न सामी, हनुमान यशना, रावण सोनू, जनक मृदुला, जनक मृदुला, गुरु वशिष्ठ प्रीतम, विभीषण अनु पुरी, मंथरा रीना, शूर्पणखा शालिनी, हिरण अनीता बनी l महिला गंगा आरती में मुख्य रूप से ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट अध्यक्ष हरिओम शर्मा ज्ञानी, ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष विशाल भट्ट, डाक्टर. ज्योति शर्मा, आंनन्द गुप्ता, आशा ढंग, गायत्री देवी, वंदना, प्रमिला, गंगा दास आदि उपस्थित रहे।