एन्जियोप्लास्टी से खोली दिल की बाईं तरफ की मुख्य खून वाहक धमनी
श्याम वशिष्ठ,सोनीपत। जिला के गॉव जठेडी की 87 वर्षीय बुजुर्ग महिला को आपात स्थिति मे परिजन फिम्स अस्पताल में लाये। वृद्ध महिला कैंसर व दिल की बिमारी से ग्रस्त है और इस रोगी को पहले से ही नसों मे छल्ले डले हुए हैं। रोगी की छाती मे जो भंयकर दर्द उठा था, वो हार्ट अटैक का ईशारा दे रहा था। मरीज की एन्जियोग्राफी की गई, जिसमे पाया गया कि मरीज को पहले से डले हुए छल्ले मे कैल्श्यिम जम गया है। जिस कारण स्टंट के उपर से दिल की तरफ खून को ले जाने वाली मुख्य नस ब्लॉक थी। मरीज की दूसरी मुख्य धमनी भी 90 प्रतिशत बन्द थी। मरीज की उम्र ज्यादा होने से उसका बाई-पास नहीं किया जा सकता था। साथ ही मरीज की नसों में कैल्शियम भी जमा हुआ था, ऐसे मे एन्जियोप्लास्टी या छल्ला भी नहीं डाला जा सकता था।फिम्स अस्पताल के हृदय रोग विभाग के डाक्टरों की टीम ने गहण विचार- विमर्श करके एक नयी विधि को अपनाने हुए पहले नस के अन्दर के कैल्शियम को एक मशीन से शॉक वेव्स देकर तोडा जाए। इस तकनीक का उपयोग आमतौर पर किडनी की पत्थरी को तोडने में किया जाता है। परन्तु इस तकनीक का उपयोग दिल की तरफ जाने वाली मुख्य नस में जमे कैल्शियम को तोडने मे करना असाधारण प्रयोग था, जो ईश्वर की कृपा, डाक्टरी दक्षता व अत्याधुनिक उपकरणों की उपलब्धता के कारण शत प्रतिशत सफल रहा।