गैर-हाजिर मिले चिकित्सा अधिकारी को किया तलब
-पीएचसी का पूर्ण लाभ दें ग्रामीणों को, स्टॉक रजिस्टर की जांच करते हुए दिए कड़े निर्देश
श्याम वशिष्ठ, सोनीपत । पुरखास के ग्रामीणों की खेल स्टेडियम की मांग को पूरा करवाने के उद्देश्य से उपायुक्त डा. मनोज कुमार मंगलवार सुबह गांव में पहुंचे, जहां उन्होंने स्टेडियम के लिए जमीन की आवश्यकता को लेकर विस्तार से मंथन किया। साथ ही उन्होंने पीएचसी का भी औचक निरीक्षण किया, जिसमें गैर-हाजिर मिले चिकित्सा अधिकारी को उन्होंने अपने कार्यालय में उपस्थित होकर स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए।
पुरखास गांव में खेल स्टेडियम के निर्माण कार्य को पूरा करवाने के लिए जमीन की आवश्यकता है, जिसके लिए उपायुक्त ने सभी संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया। वे गांव में पहुंचे, जहां सरपंच ने खेल स्टेडियम के लिए जमीन देने की पेशकश की। किंतु खेल स्टेडियम तक रास्ते की चौड़ाई का तकनीकी मामला आ गया। ऐसे में उपायुक्त ने सरपंच से अन्य किसी स्थान पर जमीन देने के लिए कहा। साथ ही उन्होंने कहा कि एक रास्ता यह है कि उपलब्ध करवाई जा रही जमीन पर खेल स्टेडियम के लिए रास्ते चौड़ीकरण के लिए साथ लगती जमीन को कलैक्टर रेट पर खरीदने को भी तैयार हैं। यदि संबंधित किसान जमीन दें तो यहीं पर स्टेडियम का निर्माण करवा दिया जाएगा।
पुरखास राठी के सरपंच सुनील ने गांव में दूसरे स्थान पर उपलब्ध जमीन की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि साथ लगता गांव उन्हें खेल स्टेडियम के लिए जमीन देने को तैयार है, जिसके लिए बदले में वे अन्य स्थान पर संबंधित गांव को जमीन देने को राजी हैं। उपायुक्त ने कहा कि इसके लिए सरपंच को रिजोलूशन करके देना होगा। वे जमीन तबादले का केस बनाकर मुख्यालय प्रेषित कर देंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि यह कार्रवाई अति शीघ्र पूर्ण करें। सरकार खेल स्टेडियम बनाने को तैयार है, ताकि ग्रामीण युवाओं को खेलों में आगे बढऩे का मौका मिले। खेल प्रतिभाओं को गांव में ही अच्छी खेल सुविधा देने के लिए खेल स्टेडियम का निर्माण करवाया जाना है।
इस दौरान उपायुक्त ने पीएचसी पुरखास का भी औचक निरीक्षण किया। उन्होंने पीएचसी में हर प्रकार की चिकित्सा सुविधाओं को जांचते हुए हाजिरी रजिस्टर की जांच की। मौके पर डेंटिस्ट सहित चिकित्सा अधिकारी गैर-हाजिर मिले। जांच के दौरान ही डेंटिस्ट कुछ देर उपरांत ही उपस्थित हो गए, जिन्हें उपायुक्त ने निर्देश दिए कि वे स्टेशन मेनटेन करते हुए ग्रामीणों को बेहतरीन चिकित्सा सेवाएं प्रदान करें। जबकि उन्होंने चिकित्सा अधिकारी के संदर्भ में सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि वे उन्हें लेकर उनके कार्यालय में उपस्थित हों। उन्होंने स्टॉक रजिस्टर की भी गंभीरता से जांच की। उन्होंने संबंधित कर्मचारी को निर्देश दिए कि वे नियमित रूप से दवाओं की मांग भेजें, ताकि समय पर उसे पूरा किया जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि जो दवाइयां उपलब्ध हैं वे ग्रामीणों को अवश्य उपलब्ध करवायें।