सोनीपत 24 ब्यूरो, जींद। पिछड़े वर्गों के अधिकारों एवं हितों को लेकर आल इण्डिया कांग्रेस कमेटी ओबीसी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव एवं उतरप्रदेश के प्रभारी अनिल सैनी एडवोकेट ने जींद स्थित निजी होटल में पत्रकार वार्ता की। उनके साथ महिला नेत्री किरण सैनी, पूर्व प्रवक्ता सुशील सैनी रोहतक, सैनी धर्मशाला जींद के प्रधान जिलेसिंह हैबतपुर, सोशल वर्कर सुरेन्द्र कुमार वर्मा (डीआईपीआरओ रिटायर्ड) व राजा सैनी, राजपाल सैनी, कमल चौहान, प्रमोद सिंह पुरिया भी मौजूद रहे।
अनिल सैनी एडवोकेट ने कहा कि हरियाणा व देश में वर्ष 2024 के चुनाव में पिछड़े वर्गो को हरियाणा में लोकसभा की चार सीटें व राज्य की प्रत्येक लोकसभा से चार-चार विधानसभा सीटें दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कुरूक्षेत्र, गुरूग्राम, फरीदाबाद व सोनीपत लोकसभा सीटों पर पिछड़े वर्गो का आबादी के हिसाब से हक बनता है। इसी प्रकार हरियाणा में प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र से चार-चार विधानसभा सीटें का अधिकार बनता है। इनमें पिछड़े वर्ग के लिए सोनीपत लोकसभा सीट के साथ विधानसभा सीटें जैसे गोहाना, जींद व सफीदों का भी दावा मजबूत बनता है जो पिछड़े वर्गों को दी जानी चाहिए।
पिछड़े वर्गों के हितों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि फरवरी माह के अन्तिम सप्ताह में लोकसभा के हिसाब से सोनीपत में पिछड़े वर्गो का बड़ा सम्मेलन होगा। इसमें पिछड़े वर्गों ए व बी श्रेणियों के लोग भाग लेगें और सोनीपत से अपनी दावेदारी को मजबूत बनाने के लिए अपनी शक्ति दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा में प्रथम व द्वितीय श्रेणी की सरकारी नौकरियों में पिछड़े वर्गो को कम से कम 27 प्रतिशत (16/11) के हिसाब से आरक्षण का प्रावधान करने और पिछड़े वर्गो के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण एससी /एसटी की तर्ज पर देने की मांग भी उठाई। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही हरियाणा प्रदेश के पिछडा़ वर्ग के प्रतिनिधि मंडल के साथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी जैसे बड़े नेताओं आदि से मुलाकात कर पिछड़े वर्गो की मांगों, हितों व अधिकारों से युक्त ज्ञापन देने का काम करेंगें।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों वे दिल्ली में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया व राष्ट्रीय महासचिव पूर्व केन्द्रीय मंत्री कुमारी शैलजा से मिले थे और उनको आंकडो़ं सहित सभी राजनीतिक परिस्थितियों से अवगत करवाया था, ताकि लोकसभा व विधानसभा चुनावों में पिछड़े वर्गो ए व बी श्रेणियों को आबादी के अनुपात में उनके राजनीतिक हिस्से अनुसार टिकटें दी जा सकें और वर्षो से उपेक्षित पिछड़े वर्गो एवं कमजोर वंचित वर्गों भी का कल्याण सम्भव हो सके। पिछड़े वर्गों को कमेरा समाज बताते हुए उन्होंने प्रेसवार्ता के माध्यम से सरकार के ध्यानार्थ प्रदेश में जातीगत जनगणना करवाने, एचटेट व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में पिछड़े वर्गो के बच्चों को फीस व योग्यता अंकों में छूट का प्रावधान करने व अन्य मुद्दों के बारे में भी पिछडे वर्गो के हितों की आवाज उठाई।