बाबूजी धीरे चलना, बड़े गढ्डे हैं इस राह में
रणबीर सिंह, सोनीपत। शहर के अधिकांश मार्गो की हालत खस्ताहाल हो गई है। सड़कों की बदतर हालत से यहां से गुजरना खतरे से खाली नहीं रह गया है। सड़कों पर इतने गड्ढे हो गए हैं कि वाहन रफ्तार पकडऩे की बजाय रेंग-रेंगकर गुजरते हैं। सभी एक ही बात कहते हैं कि आखिर इन सड़कों की हालत कब सुधरेगी। लोगों ने क्षतिग्रस्त मार्गों को नए सिरे से बनाने की मांग की है। सोनीपत से राठधाना रोड पर काफी गहरे गड्ढे हो गए हैं। राठधाना रोड पर आसपास की कालोनी के लोग कई बार धरने प्रदर्शन कर चुके हैं, राजनेताओं व जिला अधिकारियों को गुहार लगा चुके हैं, लेकिन रोड बनाने को लेकर उनकी आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
राठधाना रोड पर इतने गहरे गड्ढे हो गए हैं कि दोपहियां वाहन चालक कई बार गिरकर चोटिल हो चुके हैं। आपको बतां दे कि राठधाना रोड पर सरकारी संस्थानों के अलावा कई प्राइवेट स्कूल भी हैं, जहां से प्रतिदिन छात्रों के अलावा सरकारी संस्थानों के नौकरी करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को इन गड्ढों से दो-चार होना पड़ता है। राठधाना रोड ना बनाने पर राठधाना-नरेला रोड धरना संघर्ष समिति का पिछले 3 सिंतबर से लगातार अनिश्चितकालीन धरना जारी है। आज धरना 35वें दिन भी जारी रहा। आज धरने पर समिति के प्रधान दलबीर दहिया, राज सिंह, सते, सतनारायण, राजेश्वर, अशोक सरोहा, वेदपाल दहिया, रमेश सरोहा, हरपाल आदि मौजूद रहे।
धरने पर बैठे लोगों ने धरनास्थल पर नारेबाजी करते हुए रोष जताया। धरने पर बैठे रामपति उपाध्याय ने कहा कि राठधाना रोड व राजकीय शिक्षण संस्थानों के मध्य करीब 20 लोहे के खम्भे वर्षों पुराने लगे है, जो स्थानीय बिजली अधिकारियों की लापरवाही को पोल खोल रहे है। उन्होंने कहा कि स्थानीय बिजली विभाग व नगर निगम सोनीपत के अधिकारियों के कारण आम जनता की कोई सुनवाई नहीं है। जनप्रतिनिधियों ने अपनी आखें बंद कर रखी हैं। आम जनता टूटी सड़कों, बिजली के कारण त्रस्त है। सरकार की नीतियों का पालन सही समय पर न कर अधिकारी सरकार को बदनाम करने पर लगा हुआ है। यदि सरकार द्वारा लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जाती है तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।