- मुख्य सचिव ने हर प्रकार के नशे के प्रयोग व बिक्री की पूर्ण रोकथाम के दिए निर्देश
उपायुक्त ने दिया भरोसा कि नशाखोरी पर लगायेंगे लगाम, निर्देशों की होगी पूर्ण अनुपालना
जिला स्तर पर नियमित रूप से करें नार्को कोर्डिेनेशन सेंटर की बैठक का आयोजन
नशाखोरी के चिन्हित क्षेत्रों में पुलिस नियमित रूप से करें छापामार कार्रवाई : उपायुक्त ललित सिवाच पुर्नवास केंद्रों का नियमित रूप से निरीक्षण करते हुए जगायें जागरूकता की अलख
रणबीर सिंह, सोनीपत। नार्को कोर्डिनेशन सेंटर (एनसीओआरडी) की पांचवीं प्रदेश स्तरीय बैठक में हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने हर प्रकार के नशे के प्रयोग व बिक्री की पूर्ण रोकथाम के निर्देश दिए। उपायुक्त ललित सिवाच ने प्राप्त दिशा-निर्देशों की पूर्ण अनुपालना का भरोसा देते हुए कहा कि नशाखोरी पर पूर्ण लगाम लगायेंगे। विडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से मंगलवार को नार्को कोर्डिनेशन सेंटर (एनसीओआरडी) की राज्य स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव संजीव कौशल कर रहे थे। बैठक में सभी जिला उपायुक्तों ने हिस्सा लिया। मुख्य सचिव ने विस्तार से एनसीओआरडी के तहत नशाखोरी रोकने के लिए किये जा रहे प्रयासों पर चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
विडियो कान्फ्रेंस के उपरांत उपायुक्त ललित सिवाच ने मौके पर ही संबंधित अधिकारियों की बैठक लेते हुए नशाखोरी पर लगाम लगाने के लिए विस्तृत रूप में मंथन किया। उन्होंने कहा कि नशाखोरी बहुत खतरनाक लत है, जो पूरे परिवार को बर्बाद कर सकती है। जिस युवा को यह आदत लग जाये वह शारीरिक ही नहीं मानसिक रूप से भी खोखला हो जाता है। नशे की आदत व्यक्ति को अपराध और अनैतिक कार्यों की ओर अग्रसर करती है। इसलिए नशे से युवाओं का संरक्षण बहुत जरूरी है।
उपायुक्त ललित सिवाच ने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी को नशाखोरी से बचाने के लिए प्राथमिकता के आधार पर शिक्षण संस्थाओं व अन्य जगहों पर जागरूकता शिविरों का आयोजन करवाएं, ताकि हमारे युवाओं के साथ-साथ समाज को भी नशे से मुक्त किया जा सके। उपायुक्त ललित सिवाच की अध्यक्षता में गुरूवार को लघु सचिवालय के प्रथम तल स्थित कांफ्रेंस हॉल में नशाखोरी रोकथाम के उपायों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। उपायुक्त ने कहा कि नशा मुक्त समाज सरकार की प्राथमिकता है और सभी संबंधित विभागों को सरकार की प्राथमिकता को अमलीजामा पहनाने के लिए आपसी तालमेल के साथ कार्य करना होगा। नशे की बिक्री करने वालों की पहचान करते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाने की जरूरत है। नशे के खिलाफ समाज के प्रबुद्धजनों की मदद से जागरूकता मुहिम चलाई जाए। संबंधित विभागों के अधिकारियों को विशेष कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए।
उपायुक्त सिवाच ने कहा कि समाज में नशे की प्रवृत्ति से छुटकारा दिलाने और युवा पीढ़ी को नशे की लत से बचाने के लिए हर वर्ग का सहयोग जरूरी है। इसके लिए प्रशासन की ओर से प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नशा समाज के लिए बड़ा खतरा है, इसे निपटने के लिए समाज के हर व्यक्ति का सहयोग जरूरी है। उन्होंने कहा कि युवा और किशोरावस्था में किसी भी प्रकार का नशा करना हृदय के साथ ही शरीर के अन्य अंगों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। उपायुक्त ने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिलाभर में नशा छुड़ाने के नाम पर खोले गए पुनर्वास केंद्रों की जांच करना सुनिश्चित करें। इन केंद्रों में सरकार द्वारा तय मानकों की गहनता से जांच सुनिश्चित की जाए। ड्रग कंट्रोल एक्ट की प्रभावी रूप से पालना सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ अभियान में ग्राम पंचायतों, धार्मिक व्यक्तियों, खिलाडिय़ों व गणमान्य व्यक्तियों को जागरूकता मुहिम में जोड़े।