- हरियाणा सरकार नई शिक्षा पॉलिसी को 2025 तक लागू करना चाहती है
- हरियाणा फेडरेशन यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज प्रोफेसर एंड टीचर्स एसोसिएशन के आह्वान पर 15 मई को किया जाएगा धरना-प्रदर्शन
रणबीर सिंह, सोनीपत। अपनी मांगों को लेकर हरियाणा फेडरेशन यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज प्रोफेसर एंड टीचर्स एसोसिएशन के बैनर तले पूरे हरियाणा से कॉलेज एंड प्रोफेसर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पंचकूला में धरना देंगे। हरियाणा गवर्नमेंट टीचर एसोसिएशन की संयुक्त सचिव प्रोफेसर ज्योति ने बताया कि यह एक दिन का सांकेतिक प्रदर्शन होगा। यदि हमारी मांगे नहीं मानी गई तो यह आंदोलन राष्ट्रीय स्तर पर किया जाएगा।
हरियाणा गवर्नमेंट टीचर एसोसिएशन की संयुक्त सचिव प्रोफेसर ज्योति ने बताया कि हरियाणा फेडरेशन यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज प्रोफेसर एंड टीचर्स एसोसिएशन के आह्वान पर कल 15 मई को पंचकूला स्थित शिक्षा सदन कार्यालय पर प्रोफेसर एवं कॉलेज टीचर्स द्वारा अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि धरना प्रदर्शन में हरियाणा कॉलेज टीचर एसोसिएशन के साथ-साथ कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी प्रोफेसर, एमडीयू और गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर भी धरनास्थल पर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की हायर एजुकेशन को लेकर लगातार बेरुखी सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि जब वह अपनी मांगों को लेकर उच्च अधिकारियों के पास जाते हैं तो वह स्टाफ की कमी कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं। यदि स्टाफ की कमी है तो उन्हें भरा क्यों नहीं जा रहा।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा पॉलिसी लाई गई है। केंद्र सरकार 2030 तक लागू करना चाहती है। परंतु हरियाणा सरकार 2025 तक इसे लागू करना चाहती है। इसमें बहुत सारी कमियां हैं। उन्होंने कहा कि इसे लागू करने से पहले इस पर एक जनसंवाद अध्यापकों के साथ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी राष्ट्रीय समाज का पतन करना है तो उस पर बमबारी करने की नहीं बल्कि शिक्षा का स्तर गिराने से ही कोई भी समाज कमजोर हो सकता है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन स्कीम आज एक राज्य का नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा बन चुका है। जिसके लिए हम लगातार संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा विभाग के कर्मचारियों पर इतना प्रेशर है की शिक्षा के साथ-साथ अन्य बहुत सारे कार्य जैसे पासपोर्ट बनवाना, राशन कार्ड बनवाना, किसी भी प्रकार का सर्वे करना अध्यापकों से ही करवाया जाता है, जिसका असर सीधा-सीधा बच्चों पर और उनकी पढ़ाई पर पड़ता है ।