- कुल 31 हजार 841 वाहनों का टैक्स लंबित, समय पर टैक्स जमा करवाकर पायें छूट का लाभ
निर्धारित समय पर वर्ष भर का टैक्स एकमुश्त जमा करवाने पर मिलेगी 10 प्रतिशत की छूट
समय पर टैक्स जमा न करवाने पर लगेगी 12 प्रतिशत तक पैनल्टी, वाहनों के चालान भी किये जायेंगे
हरियाणा के पंजीकृत हैवी व मीडियम कमर्शियल वाहनों के 25 हजार व लाइट कमर्शियल वाहनों का होगा 10 हजार रुपये का चालान
हरियाणा से बाहरी पंजीकृत कमर्शियल वाहनों के काटे जायेंगे 50 हजार रुपये तक के चालान
रणबीर सिंह, सोनीपत। रिजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) का 1 अप्रैल, 2023 तक 31 हजार 841 व्यावसायिक वाहनों पर लगभग 170 करोड़ रुपये का टैक्स बकाया है। रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (आरटीओ) शंभू राठी ने जानकारी देते हुए कहा कि टैक्स दाता निर्धारित समयावधि में टैक्स जमा करवाकर छूट का लाभ उठा सकते हैं। यदि निर्धारित समयावधि में टैक्स जमा नहीं करवाया गया तो पैनल्टी लगाने के साथ चालान की कार्रवाई की जाएगी। आरटीओ शंभू राठी ने कहा कि व्यावसायिक वाहन चालकों को निर्धारित समय पर टैक्स अदा करना चाहिए। यह निराशाजनक है कि बड़ी संख्या में व्यावसायिक वाहनों के टैक्स लंबित हैं और यह राशि भी काफी अधिक है। यदि टैक्सदाता समय पर वर्षभर का टैक्स एकमुश्त जमा करवाते हैं तो उन्हें 10 प्रतिशत छूट मिलेगी।
इस छूट का फायदा टैक्सदाता उठा सकते हैं। साथ ही उन्होंने चेताया कि निर्धारित समयावधि बीतने के बाद पैनल्टी का प्रावधान है और चालान भी किये जायेंगे। निर्धारित समय पर टैक्स अदा न करने पर एक प्रतिशत मासिक तथा 12 प्रतिशत वार्षिक दर से पैनल्टी लगेगी। यदि कोई व्यावसायिक वाहन बिना टैक्स के रोड पर पकड़ा जाता है तो उसका चालान किया जाएगा। हरियाणा के पंजीकृत हैवी तथा मीडियम कमर्शियल वाहनों के चालान 25 हजार रुपये तथा लाइट कमर्शियल वाहनों के चालान 10 हजार रुपये के किये जायेंगे। गैर-हरियाणा पंजीकृत कमर्शियल वाहनों के चालान 50 हजार रुपये तक के किये जायेंगे।
131 एंबुलैंसों पर 10 लाख 80 हजार 840 रुपये की टैक्स बकाया
आरटीओ के अनुसार 169 करोड़ 51 लाख 6 हजार 320 रुपये का टैक्स लंबित है। इनमें सर्वाधिक बकाया मालवाहक (गुड्स कैरियर) वाहनों का बकाया है, जिनका 163 करोड़ 26 लाख 20 हजार 510 रुपये बकाया है। ऐसे गुड्स कैरियर वाहनों की संख्या 22 हजार 322 है। इनके उपरांत मोटर कैब का नंबर आता है, जिन पर 2 करोड़ 14 लाख 84 हजार 140 रुपये की अदायगी बनती है। इन मोटर कैब की संख्या 3330 है। ई-रिक्शाओं पर भी करोड़ों का टैक्स लंबित है। यहां 2134 ई-रिक्शाओं पर 1 करोड़ 50 लाख 95 हजार 130 रुपये का टैक्स बकाया है। बहुत से व्यावसायिक एंबुलैंस संचालक भी समय पर टैक्स जमा नहीं करवा रहे हैं।
ऐसे में 131 एंबुलैंसों पर 10 लाख 80 हजार 840 रुपये की टैक्स अदायगी बन गई है। काफी सारे व्यावसायिक बस संचालकों का भी यही हाल है, जिसके चलते उन पर करोड़ों का टैक्स बकाया हो गया है। यहां 851 बसों पर 1 करोड़ 21 लाख 58 हजार 680 रुपये टैक्स लंबित है। इनके साथ चार कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट व्हीकल्स (कमर्शियल) पर 88 हजार 660 रुपये, 141 क्रेन माउंटिड व्हीकल्स पर 24 लाख 59 हजार 720 रुपये, 716 अर्थ मूविंग इक्विपमेंट व्हीकल्स पर 68 लाख 51 हजार 500 रुपये, 131 मैक्सी कैब पर 12 लाख 11 हजार 470 रुपये, 286 थ्री व्हीलर (गुड्स) पर 8 लाख 51 हजार 340 रुपये तथा 1781 थ्री व्हीलर (पैसेंजर) पर 1 लाख 47 हजार 380 रुपये और 14 टै्रक्टरों (कमर्शियल) पर 10 लाख 56 हजार 950 रुपये का टैक्स लंबित है।
आरटीओ शंभू राठी ने टैक्स अदा न करने वाले सभी व्यावसायिक वाहन संचालकों को समय पर टैक्स जमा करने के लिए प्रोत्साहित किया। निर्धारित समय पर टैक्स जमा करके वाहन संचालक छूट का लाभ भी ले सकते हैं। अन्यथा जुर्माना भी भुगतना पड़ेगा। टैक्स जमा करवाना नैतिक दायित्व भी बनता है। इसलिए टैक्स अदा करने में कोई देरी नहीं करनी चाहिए। प्राप्त टैक्स से नागरिक सुविधाओं को सुदृढ़ करने में मदद मिलती है। इसलिए सभी व्यावसायिक वाहन संचालक बकाया टैक्स शीघ्रातिशीघ्र जमा करवायें।