- मेयर निखिल मदान ने नगर निगम सोनीपत में विकास कार्यों के लिए सरकार से मांगी 200 करोड़ रुपए की विशेष ग्रांट
- शहरी स्थानीय निकाय विभाग की विशेष बैठक में मेयर निखिल मदान ने लिया भाग
- शहरी क्षेत्र में जल भराव संबंधी समस्याओं के निदान हेतु विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने के लिए सरकार से मांगी अतिरिक्त ग्रांट
- प्रॉपर्टी आईडी सर्वे को नए सिरे से दोबारा करवाने की रखी मांग
रणबीर सिंह, सोनीपत। मेयर निखिल मदान ने बुधवार को चंडीगढ़ में हरियाणा निवास पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में आयोजित विशेष बैठक में भाग लिया और शहर के महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। मेयर निखिल मदान ने कहा कि शहर के अति व्यस्ततम मार्गों पर पानी निकासी की सुविधा ना होने के चलते बरसात के समय भारी जल भराव की समस्या पैदा होती है। इसके चलते वहां सड़क के हालात बेहद खराब हो जाते है जो वाहन दुर्घटना और ट्रैफिक जाम का कारण बनते है। उपरोक्त समस्या के स्थाई समाधान हेतु इन मार्गों पर स्टॉर्म वाटर पाइप लाइन डालने की आवश्यकता है। जिसके लिए नगर निगम सोनीपत को सरकार से अतिरिक्त बजट की जरूरत है। जैसे गीता भवन फ्लाईओवर से ड्रेन नं 6 तक, ककरोई चौक से ड्रेन नं 6 तक, मामा भांजा चौक से मॉडल टाउन वाया (आईटीआईचौक होकर) ड्रेन नं 6 तक।
सोनीपत शहर को राष्ट्रीय राजमार्ग 44 से जोड़ने वाले बहालगढ़ एवं मुरथल रोड से ड्रेन नं 6 तक। इन सभी कार्यों के साथ-साथ उपरोक्त सभी रोड को नए सिरे से बनाने की भी आवश्यकता होगी। मेयर निखिल मदान ने शहर के गढ़ी घसीटा सहित कई अन्य क्षेत्रों में वर्षों से रह रहे लोगों को उनके घरों का मालिकाना हक़ दिए जाने की भी मांग उठाई। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने पूर्व में सरकार को विकास शुल्क जमा करवाया था, उसी आधार पर अब इन लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक़ मिलना चाहिए। साथ ही निगम क्षेत्र की अवैध कालोनियों को भी जल्द से जल्द वैध किया जाना चाहिए। नगर निगम सोनीपत क्षेत्र में सभी सुविधाओं से सुसज्जित एक अत्याधुनिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की आवश्यकता है। नगर निगम सोनीपत में पिछले कई सालों से स्ट्रीट लाइट की उपलब्धता नहीं है, जिसके चलते पूरा क्षेत्र रात क़ो अंधकार में डूब जाता है। इसकी वजह से जहां क्षेत्र में आपराधिक वारदात बढ़ी है।
वहीँ वाहन दुर्घटनाओं में भी इजाफा हुआ है। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि नगर निगम सोनीपत क़ो 10 हजार स्ट्रीट लाइट (जिनकी क्षमता 18 वाट से 50 वाट तक हो) प्रदान की जाएं। नगर निगम सोनीपत क्षेत्र का दायरा लगातार बढ़ रहा है, इसके लिए आने वाले समय में पेयजल के सभी संसाधनों का विस्तार किया जाना बेहद आवश्यक है। अतः नगर निगम सोनीपत को 3 नए रेनीवेल लगाने की जरूरत है, ताकि सभी लोगों को स्वच्छ पेयजल आपूर्ति की जा सके। हाल ही में नगर निगम द्वारा याशी कंसल्टेंसी कम्पनी से करवाए गए प्रॉपर्टी आईडी सर्वे में हरियाणा के सभी नगर निगमों में व्यापक तौर पर गलत सर्वे और गड़बड़ी की बात सामने आयी है। इसके चलते रोजाना लाखों लोग नगर निगम के चक्कर काट रहे हैं। इसलिए सभी शहरवासियों की मांग है कि किसी दूसरी एजेंसी से प्रॉपर्टी आईडी सर्वे दोबारा करवाया जाए।
नगर निगम सोनीपत गठन के समय निगम क्षेत्र में शामिल किये गए गांवों के लोगों को सरकार द्वारा ये भरोसा दिया गया था कि उनका हाउस टैक्स माफ़ कर दिया जायेगा, लेकिन अब निगम द्वारा ग्रामवासियों को दोबारा से सम्पत्ति कर के बिल भेजे जा रहे हैं। नगर निगम सोनीपत हाउस की पहली बैठक में ही पक्ष-विपक्ष के सभी पार्षदों और मेयर ने गांवों के हाउस टैक्स को माफ़ करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया था। सरकार द्वारा इन सभी गांवों का हाउस टैक्स पूर्ण रूप से माफ़ किया जाए। शहरवासियों कि एक मुख्य मांग यह भी है कि सोनीपत शहर में नगर निगम द्वारा एक डिजिटल लाइब्रेरी बनाई जाए, ताकि युवा पीढ़ी उसका लाभ उठा सके। नगर निगम सोनीपत में अमृत योजना के अंतर्गत चल रही पेयजल और सीवरेज लाइन से सम्बंधित कुछ परियोजनाएं जैसे (ड्रेन नंबर 6) को ढकने का कार्य बेहद धीमी गति से चल रहा है, जिसके चलते शहरवासियों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
उक्त परियोजनाओं को समय से पूरा करने के आदेश अधिकारियों को दिए जाएं। नगर निगम सोनीपत का नया भवन सेक्टर 3 में निर्माणाधीन है, जिसका पिछले कई वर्षों से निर्माण कार्य बंद पड़ा हुआ है। इसके चलते प्रतिदिन हज़ारों लोगों की भीड़ नगर निगम के वर्तमान कार्यालय में पहुंच रही है, पुराने भवन में सुविधाओं की कमी के चलते लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। सरकार नए भवन के निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा करवाएं। उपरोक्त कार्यों के अतिरिक्त मुख्यमंत्री कार्यालय के अंतर्गत आने वाली (सीएम अनाउंसमेंट) से जुडी सोनीपत शहर की कुछ विकास की परियोजनाएं भी अधर में लटकी पड़ी हैं, जिन्हे जल्द से जल्द पूरा करवाया जाए। इन सभी कार्यों पर अनुमानित तौर पर 200 करोड़ रुपए धनराशि की लागत आएगी। इसलिए सरकार जल्द से जल्द नगर निगम सोनीपत को यह ग्रांट प्रदान करें, ताकि निगम क्षेत्र का सम्पूर्ण विकास हो सके।