- आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने में अहम भूमिका निभा सकती हैं देश की एमएसएमई इकाईयां
उद्योगपति विदेशी निर्यात पॉलिसी संसोधन के लिए सरकार को भेजे अपने सुझाव
रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। आजादी का अमृत महोत्सव की श्रंखला में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के एमएसएमई विकास कार्यालय करनाल द्वारा राजीव गांधी एजुकेशन सिटी राई स्थित आईआईटी दिल्ली के सोनीपत कैंपस में एमएसएमई कैसे करें निर्यात विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्याशाला में सोनीपत स्थित औद्योगिक इकाईयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए एमएसएमई विकास कार्यालय करनाल के निदेशक संजीव चावला ने किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए उस देश का निर्यात आयात से अधिक होना जरूरी है। निदेशक संजीव चावला ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा देश के गुडस व सर्विस के निर्यात का लक्ष्य 800 बिलियन रखा गया है। इस लक्ष्य की प्राप्ति तभी हो सकती है जब हमारी एमएमसएमई इकाईयां भी अच्छी क्वालिटी की वस्तुओं को निर्माण के बाद उसका निर्यात कर उसे विदेशी बाजार में बेचे। ऐसा करने से हमारे देश का विदेशी मुद्रा भण्डार में वृद्घि होगी और हमारी अर्थव्यवस्था और अधिक मजबूत बनेगी।
उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने देश को आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया था ताकि हम देश में प्रयोग होने वाली वस्तुओं का निर्माण अपने देश में ही कर सके। देश के इस आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने में देश की एमएसएमई इकाईयां अहम भूमिका निभा सकती हैं। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार ने भी अनेक योजनाएं लागू की है, जिसका फायदा हर एमएसएमई इकाई को अवश्य उठाना चाहिए। चावला ने कहा कि एमएसएमई इकाईयों को मजबूती प्रदान करने के लिए एमएसएमई मंत्रालय ने एमएसएमई समाधान व चैंपियन वेब पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल पर उन प्रोडक्ट या सर्विस लेने वाले खरीदारों की शिकायत की जा सकती है जो एमएसएमई इकाईयों के पैसे देने में देरी करते हैं।
मंत्रालय द्वारा इन शिकायतों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाती है ताकि एमएसएमई ईकाईयों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। कार्यशाला के दौरान टैक्रीकल सेशन में विदेश व्यापार कार्यालय पानीपत से आए संयुक्त महानिदेशक विशाल शर्मा ने निर्यातकों के लिए जरूरी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और योजनाओं के बारे में जागरूक किया। इसके अलावा निर्यात ऋण गारंटी निगम लिमिटेड (ईसीजीसी) की पश्चिमी दिल्ली शाखा की ब्रांच मैनेजर मऊ प्रकाश ने प्री, पोस्ट शिपमेंट क्रेडिट, बीमा कवर, विदेश बाजार की पहचान आदि विषयों की जानकारी दी। कार्यशाला के दौरान इंजीनियर निर्यात संवर्धन परिषद नई दिल्ली के क्षेत्रीय निदेशक राकेश सूरज, वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी संजय कुमार ने इंजीनियरिंग सामानों के लिए निर्यात के अवसरों के बारे में उद्योगपतियों को जानकारी दी।
इस दौरान राज कमल शर्मा ने कहा कि निर्यात बिक्री कैसे विकसित करें और किन-किन बातों पर ध्यान देकर इस क्षेत्र में आगे बढ़े। फेडरेान ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ओर्गेनाईजेशन के समन्वयक मुकेश कुमार व मयंक अग्रवाल ने ट्रेड इंफोरमेशन पोर्टल की जानकारी दी। कार्यशाला में राजीव कुमार, अक्षय चौहान, राकेश खुराना, सरथ चन्द्रन तथा शक्ति मलिक ने भी उद्योगपतियों को अपने से संबंधित सभी योजनाओं के बारे में जागरूक किया। कार्यशाला के दौरान अनेक औद्योगिक ग्रुपों ने अपने स्टॉल लगाकर उपस्थित प्रतिनिधियों को योजनाओं के बारे जागरूक किया।