आरोग्य भारती का प्रथम उद्देश्य पहला सुख निरोगी काया
रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। आरोग्य भारती प्रांत हरियाणा द्वारा शहर के एक निजी स्कूल में समग्र किशोरी विकास संगोष्ठी रखी गई। जिसकी मुख्य वक्ता मनिंदर कौर क्षेत्रीय महिला प्रमुख आरोग्य भारती रही। संगोष्ठी का संचालन प्रांत सचिव योगी यशपाल आर्य ने किया। योगी यशपाल आर्य ने आरोग्य भारती द्वारा जनहित में चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आरोग्य भारती का प्रथम उद्देश्य पहला सुख निरोगी काया। यदि हम निरोगी होंगे तो अपने परिवार को हम निरोग रख सकते हैं और निरोग रखने के लिए हमें कुछ सार्थक प्रयास करने होंगे। जैसे साफ सफाई, घर की रसोई में बनने वाले भोजन की जानकारी और अपनी दिनचर्या में सेवन करने वाली वस्तुओं के बारे में ध्यान रखना होगा। समय पर खाना, सोना ओर पढ़ाई पर ध्यान देना है।
तदोपरांत मनिंदर कौर ने उपस्थित छात्राओं को किशोरावस्था में होने वाले सूक्ष्म रोगों की क्रियाओं की वह शरीर में होने वाले परिवर्तन के बारे में अपनी मां से अवश्य शेयर करें, ताकि शारीरिक परिवर्तन को मां हमें समझाने में सहयोग कर सकें और हमें किसी प्रकार का शारीरिक व मानसिक कष्ट में हो। संयम और सहनशील से ही हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, इसके साथ-साथ हमे शुद्ध भोजन का प्रयोग करने के लिए नित्य प्रति सेवन करना चाहिए। अपने आसपास साफ सफाई रखने पर बल दिया। कोरोना महामारी ने हमें जीवन जीना सिखा है कि किस प्रकार से हम बिना दवाओं के तथा औषधालय में जाए बिना स्वस्थ रह सकते हैं। इसी स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आरोग्य भारती पूरे भारत में अभियान चलाए हुए हैं। इस अभियान का हम सबने मिलकर फायदा उठाना चाहिए। इसे जन आंदोलन का रूप देकर अपनी सहभागिता देनी चाहिए, ताकि हमारे आसपास गंदगी न रहे।
उन्होंने कहा कि हमें हर बात अपने माता-पिता से शेयर करनी चाहिए और सदैव संवाद बनाए रखना चाहिए। पढ़ाई के समय एकांत रहे और विद्यालय में बाहर अपने इत्र मित्रों की बातों को विचारों को माता पिता एवं गुरुजनों के साथ साझा करें, ताकि जीवन में स्वाभिमान से रह सके। जीवन को तंदुरुस्त रखने के लिए आसपास पेड़ पौधों को लगाना चाहिए और उनमें खाद पानी देना चाहिए। जिस प्रकार जिस प्रकार माता पिता बच्चों का ख्याल रखते हैं उसी तरह से हमने जो पौधे लगाए हैं उनकी सेवा करके सुरक्षा करनी चाहिए। पेड़ों से मिलने वाली वायु हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। उनके फल वह छाल का सेवन करके अपने जीवन को निरोग बनाए रख सकते हैं। हमें पेड़ पौधों से सीखना चाहिए, चाहे कितने आंधी तूफान आ जाए फिर भी फिर भी वह उन्हें सहन करते हैं और सदैव लहराते रहते हैं। संगोष्ठी में 200 छात्राएं उपस्थित रहीं।