- भारतीय उत्पादों की विदेशी बाजार में मांग व पकड़ बनाने पर हुआ मंथन
- करोड़ों रुपये के स्थान पर मिलियन और डॉलर में सोचना करें प्रारंभ : राजदूत प्रदीप कुमार रावत
- विदेशी बाजार में करोड़ों रुपये की कीमत मामूली, विश्व स्तर पर स्थापित होने का करें प्रयास
- चीन में कीमतों में दस गुणा वृद्घि के बावजूद विश्व स्तर पर दे रहा बाजार को चुनौती
- विदेशों में टैक्सटाईल्ज की संभावनाओं को लेकर किया विस्तार से विचार-विमर्श
रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। विभिन्न देशों में नियुक्त भारत के हाई कमिश्नर और राजदूतों ने देर सांयकाल राई टैक्सटाईल्ज का दौरा करते हुए भारतीय उत्पादों की विदेशी बाजार में मांग व पकड़ बनाने पर मंथन में किया गया। राई औद्योगिक क्षेत्र के उद्योगपतियों के साथ विशेष रूप से टैक्सटाईल्ज क्षेत्र में विदेशों में निर्यात को बढ़ावा देने पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। राई टैक्सटाईल्ज एंड अलाईड सीएफएसी प्रा. लि. कंपनी में पहुंचने पर राजदूतों व हाई कमिश्नर ने टैक्सटाईल्ज निर्माण का गंभीरता से निरीक्षण किया।
चीन में नियुक्त भारतीय राजदूत प्रदीप कुमार रावत ने कहा कि अब करोड़ों रुपये की बजाय मिलियन्स और डॉलर्स में सोचना प्रारंभ करें। क्या कारण है कि हम चीन की ओर देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीन में कीमतों में दस गुणा वृद्घि के बावजूद विश्व स्तर पर बाजार पर उनकी मांग व पकड़ बनी हुई है। चीनी बाजार भारतीय उद्योगों को चुनौती देता है। हमने उपलब्धि हासिल की है किंतु मंजिल अभी दूर है। हमें 2 से 200 और 200 से 2000 करने की दिशा में सोचना होगा। इसके लिए उद्योगपति रोडमैप तैयार कर सरकार के समक्ष प्रस्तुत करें कि सरकार किस प्रकार से उनकी सहायता कर सकती है ताकि उनका व्यापार बढ़ सके। सरकार मदद को तैयार है ताकि विश्व स्तर पर भारतीय उत्पादों का अधिकाधिक निर्यात हो सके।
इटली को भारत दे सकता है बेहतरीन विकल्प : डा. नीना
इटली में भारत की राजदूत डा. नीना मल्होत्रा ने कहा कि पैकेजिंग क्षेत्र के लिए इटली अधिकतर वस्तुएं चीन से मंगवाता है। किंतु अब हालात बदल रहे हैं और इटली को चीन के विकल्प की तलाश है। ऐसे में इटली को भारत बेहतरीन विकल्प दे सकता है। इटली अब भारत की ओर देख रहा है, जिसके लिए हमें तैयार होना होगा। इटली बड़ा उत्पादक देश है जो भारत में निवेश भी कर सकता है। इटली की डिजायनिंग क्षेत्र में मास्टरी है और भारत की टैक्सटाईल्ज में पहचान है। ऐसे में हमारी टैक्स्टाईल व इटली की डिजायनिंग का मिलान संभव है, जिससे भारतीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए गुणवत्ता पर हमें विशेष ध्यान देना होगा।
डेनमार्क में गुणवत्तापरक कपड़ों की मांग : पूजा कपूर
डेनमार्क में भारतीय राजदूत पूजा कपूर ने कहा कि डेनमार्क व हरियाणा में एक समानता है कि दोनों ही क्षेत्र के मामले में लगभग बराबर दिखाई देते हैं किंतु टैक्सटाईल्ज के मामले में डेनमार्क बहुत आगे है। डेनमार्क में गुणवत्तापरक कपड़ों की मांग रहती है जिसे पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए। पैकेजिंग भी बेहतरीन होनी चाहिए जिसका पर्यावरण के साथ तालमेल बैठे। उन्होंने राई के उद्योगपतियों को डेनमार्क में होने वाले विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों का निमंत्रण भी दिया।
पराग्वे के लोगों की चाहत भारत के साथ व्यापार की
पराग्वे में भारत के राजदूत योगेंद्र सांगवान ने कहा कि पराग्वे में भारत के लिए अच्छी संभावनाएं हैं। भारत की वहां अच्छी प्रतिष्ठा है। ऐसे में पराग्वे के लोग भारत के साथ व्यापार करना चाहते हैं, जिसके लिए हमें प्रयासों को गति देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के उद्योगपतियों के प्रतिनिधिमंडल को पराग्वे का दौरा करना चाहिए, ताकि मिलकर व्यापार को बढ़ावा देने पर विचार किया जा सके।
जांबिया पर विशेष फोकस करें उद्योगपति : अशोक कुमार
जांबिया में नियुक्त भारत के हाई कमिश्नर अशोक कुमार ने कहा कि जांबिया में टैक्सटाईल्ज के लिए संभावनाओं की कोई कमी नहीं है। भारत के टैक्सटाईल्ज उद्योगपतियों को जांबिया पर फोकस करना चाहिए, क्योंकि वहां खुद का उत्पादन बहुत कम है। अधिकांश माल बाहर से ही मंगाया जाता है। भारतीय उद्योगपति जांबिया के क्षेत्रीय बाजार का पूर्ण लाभ उठा सकते हैं। वहां टे्रड फेयर भी लगता है जिसमें हिस्सा लेना चाहिए।
कोंगो में निर्यात की अपार संभावनाओं का उठायें फायदा
कोंगो में भारत के राजदूत रामकरण वर्मा ने कहा कि कोंगों में भारत के लिए निर्यात की अपार संभावनाएं हैं। कोंगो में एक बड़ी आबादी गरीबी की श्रेणी में आती है। वहां बिजली की किल्लत है। ऐसे में सस्ती दरों के उत्पादों की वहां मार्केट बनाई जा सकती है। खनन व दवाइयों के क्षेत्र में भी बहुत संभावनाएं हैं। करीब 70 प्रतिशत दवाई भारत से जाती है। टैक्सटाईल्ज के लिए भी बड़े बाजार के रूप में कोंगो मौजूद है।
लाईबेरिया में जमायें अपना बाजार : प्रदीप कुमार यादव
लाईबेरिया में नियुक्त भारत के राजदूत प्रदीप कुमार यादव ने कहा कि लाईबेरिया छोटा सा देश है जिसमें भारत के लोग भी बड़ी संख्या में है। किंतु वहां संगठित होने की समस्या है, जिसे दूर करके भारतीय बाजार की पकड़ को मजबूत किया जा सकता है। निर्यात को बढ़ाने की दिशा में सोचने की जरूरत है। कृषि तथा टेलिफोन के क्षेत्र में वहां अपार संभावनाएं हैं। लिथियम बैटरी व सस्ते मोबाईल की वहां पुरजोर मांग है। वहां भारत के बने दोपाहिया व तिपहिया वाहन हैं। लाईबेरिया में बाजार स्थापित करने के लिए प्रयास किये जाने चाहिए।