- बाजार में सब्जी, फलों व मसालों की फसल का सही दाम ना मिलने व प्राकृतिक आपदाओं के नुकसान पर भरपाई करेगी प्रदेश सरकार
योजना के तहत सूचीबद्ध फसलों के उत्पादकों को दिया जाएगा लाभ
रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। किसानों की आय में वृद्धि करने व फसल विविधीकरण के तहत लगाई गई बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री भावन्तर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना का लाभ दिया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से जिला के बागवानी खेती करने वाले किसान फसल की खेती के दौरान व उसके उत्पादन के बाद होने वाले जोखिमों को कम कर सकते है। यह जानकारी सांसद रमेश कौशिक ने दी।
सांसद रमेश कौशिक ने कहा कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई भावांतर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना बागवानी किसानों के लिए एक अभूतपूर्व योजना है। यह योजना किसानों को सब्जियों व फलों के भाव से जोखिम मुक्त कर उन्हें फसल का उचित दाम दिलाने में कारगर साबित हो रही है। कौशिक ने कहा कि कई बार यह देखने मे आया है कि किसान जब अपनी बागवानी की फसल को मंडी में बेचने जाता है तो उसको फसल का सही दाम नही मिल पाता। जिससे किसान हतोत्साहित होकर फिर से पारंपरिक खेती करने का विचार करता है। ऐसे किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार फसल में लगने वाले घाटे (नुकसान) को कम करने के लिए भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत मुआवजा व मूल्य के रूप में प्रोत्साहन धनराशि प्रदान करेगी।
सांसद ने कहा कि इस योजना के तहत निम्नलिखित फसलों आलू, फूल गोभी, गाजर, मटर, टमाटर, प्याज, शिमला मिर्च, बैंगन भिंडी मिर्च, करेला, बंदगोभी, मूली, किन्नू, अमरूद, चीकू,आडू, आलूबुखारा, आम, नाशपाती, लीची, आंवला, बेर, लहसुन व हल्दी आदि को सूचीबद्ध किया गया है। उन्होंने कहा कि उपरोक्त सभी फसलों के संरक्षित मूल्य सरकार द्वारा पहले से निर्धारित किए गए है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा निर्धारित संरक्षित मूल्यों से कम बिक्री होने पर जो नुकसान होगा उसकी भरपाई प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को की जाएगी। उत्पादन से पूर्व होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत उत्पादक किसान उपरोक्त फसलों का बीमा भी करवा सकते है।