हरियाणा दिवस पर हिसार से होगा पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन का आगाज : पीबीएसएस
रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा पिछले काफी समय से 2006 के बाद सरकारी सेवा में आए कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए वह पुरानी पेंशन नीति की बहाली के लिए लगातार प्रदेश भर में आंदोलन कर रही है। जिस पर अभी तक हरियाणा सरकार द्वारा कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई, जिसको लेकर हरियाणा प्रदेश के सभी विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों में भारी रोष व्याप्त है।
पेंशन बहाली संघर्ष समिति के प्रदेश मुख्य सलाहकार प्रमोद ईष्टकान ने कहा कि 2004 में केंद्र सरकार द्वारा और 2006 में हरियाणा सरकार द्वारा लागू की गई नेशनल पेंशन सिस्टम एनपीएस पूरी तरह से बाजार आधारित नीति है। जिसमें एनएसडीएल के माध्यम से कर्मचारियों के वेतन का 10 प्रतिशत और इतना ही सरकारी खजाने से लेकर बाजार में निवेश किया जा रहा है, लेकिन इसमें सरकार द्वारा ना तो निश्चित रिटर्न की गारंटी दी जा रही है और ना ही गारंटीड पेंशन का लाभ। जिसको लेकर कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है। दूसरा एनपीएस कर्मचारियों से समय अनुसार महंगाई भत्ते और मेडिकल सुविधा का लाभ भी प्रदान नहीं करती।
एक नवंबर 2022 हरियाणा दिवस पर पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा हिसार में वादा याद दिलाओ महासम्मेलन करने जा रही है। जिसमें हरियाणा प्रदेश के तमाम विभागों के हजारों की संख्या में कर्मचारी और अधिकारी हिस्सा लेंगे। विदित रहे विधानसभा चुनाव से पहले जननायक जनता पार्टी प्रमुख दुष्यंत चौटाला विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के ओएसडी अमरिंदर सिंह उन्हें सरकार बनने पर प्रदेश में पुरानी पेंशन नीति को बहाल करने का वादा कर चुके हैं, जहां राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड में पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है।
वहीं बीजेपी और जननायक जनता पार्टी की गठबंधन सरकार पेंशन बहाली संघर्ष समिति और प्रदेश के तमाम कर्मचारियों से वादाखिलाफी कर पुरानी पेंशन की बहाली नहीं कर रहे। जिस कारण नाराज पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा हिसार में वादा याद दिलाओ महासम्मेलन कर प्रदेश में बड़े पेंशन आंदोलन का आगाज करने की तैयारी कर रही हैं। पेंशन बहाली संघर्ष समिति ने सरकार को चेतावनी हुए कहा कि जल्द से जल्द अपना वादा पूरा कर पुरानी पेंशन नीति को बहाल करें। अन्यथा प्रदेश में किसी भी आंदोलन की पूर्ण जिम्मेदारी गठबंधन सरकार और उसके मंत्रियों की होगी। प्रमोद ईष्टकान और समस्त राज्य कार्यकारिणी ने प्रदेश के कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ-साथ तमाम कर्मचारी संगठनों से अपील की है कि अधिक से अधिक संख्या में हिसार के सम्मेलन में पहुंच अपनी आवाज को बुलंद करने का काम करें।