गायन स्पर्धा में वंशिका अव्वल रही तो एकल नृत्य में श्वेता ने बाजी मारी
रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। नृत्य एवं गायन के क्षेत्र में छिपी प्रतिभाओं को निखारने के उद्देश्य से जीवीएम गल्र्ज कालेज में मंगलवार को कला उत्सव-2022 (टैलेंट-शो) का धमाकेदार आयोजन किया गया, जिसके तहत आयोजित गायन प्रतियोगिता में वंशिका व एकल नृत्य में श्वेता अव्वल रही। विजेताओं को बधाई देते हुए संस्था के प्रधान डा. ओपी परूथी व प्राचार्या डा. रेनू भाटिया ने छात्राओं की कलात्मक प्रतिभा की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।
कला उत्सव की संयोजक प्राध्यापिका रोहिनी मदान व सह-संयोजक अर्चना खुराना के कुशल नेतृत्व में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को समर्पित कला उत्सव का सफल आयोजन किया गया, जिसका शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि प्राचार्या डा. रेनू भाटिया ने दीप प्रज्वलित करके किया। इस दौरान मंच का संचालन कुशलतापूर्वक विख्यात उदबोधक एवं असिस्टेंट प्रोफेसर भूमिका शर्मा ने किया। कला उत्सव के तहत आयोजित गायन प्रतियोगिता में वंशिका ने प्रथम व तनु ने द्वितीय तथा शिवानी व प्रिया ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान हासिल किया। कीर्ति व श्रुति को सांत्वना पुरस्कारों से नवाजा गया।
गायन स्पर्धा के निर्णायक मंडल में प्राध्यापिका चारू सूद, डा. मंजूला सपाह व डा. स्मिति अग्रवाल शामिल रही। नृत्य प्रतियोगिताओं के अंतर्गत क्लासिकल डांस में मधु को विजेता व भावना को उप-विजेता के खिताब से सुशोभित किया गया। एकल नृत्य में श्वेता ने प्रथम व सुरीना ने द्वितीय तथा प्रिया व शुभम ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया और रितिका को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। युगल नृत्य स्पर्धा में संजना व नेहा की जोड़ी अव्वल रही तथा सिमरन व रिया ने द्वितीय और निशी व निधि की जोड़ी ने तृतीय स्थान हासिल किया।
समूह नृत्य में बीएससी प्रथम वर्ष कंप्यूटर साइंस की छात्राओं (सिमरन, अपेक्षा, रिया, गरिमा व अदिति) ने प्रथम तथा बीएससी द्वितीय वर्ष कंप्यूटर साइंस की ही छात्राओं (स्नेहा, वंशिका व प्रिया) ने द्वितीय और बीबीए द्वितीय वर्ष की छात्राओं (राधिक, साक्षी व सलोनी) ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। नृत्य स्पर्धाओं के निर्णायक मंडल में प्राध्यापिका रजनी कत्याल व संगीता शर्मा और तारिका सेठी शामिल रही। अंत में प्राचार्या डा. रेनू भाटिया ने विजेताओं को पुरस्कृत करते हुए सभी प्रतिभागियों का उत्साहवद्र्घन किया। उन्होंने कहा कि छात्राओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। आवश्यकता उचित मंच व प्रोत्साहन की है, जो जीवीएम में खूब दिया जाएगा।