जिला पुलिस द्वारा साईबर अपराधों के प्रति जागरुक करने के लिए की गई जारी एडवाईजरी
कुरुक्षेत्र। साईबर अपराधी अपराध करने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। आमजन जागरुकता से ही साईबर अपराधियों के चंगुल में आने से बच सकते हैं। कुरुक्षेत्र पुलिस द्वारा साईबर अपराधो के प्रति आमजन को जागरुक करने के लिए पुलिस ने एडवाजरी जारी की है। पुलिस अधीक्षक कुरुक्षेत्र सुरेन्द्र सिंह भौरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि आमजन को साईबर अपराधों के प्रति जागरुक करने हेतू पुलिस द्वारा समय समय पर अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाता हैं। इस सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी देते हुए भौरिया ने कहा कि आज इन्टरनेट की दुनिया में हर व्यक्ति कम्पयूटर व मोबाईल से जुडा है। आमजन को साइबर अपराधों से बचने के लिए सचेत रहना होगा। साईबर अपराधों से बचने के लिए जागरुकता ही सबसे बडा हथियार है। साइबर अपराध के प्रति बेहद सजग रहने की जरूरत है।
फेसबुक पर रिश्तेदार बनकर ठग रहे शातिर
आजकल सोशल मिडिया के माध्यम से लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। इस बारे में आमजन को जागरुक करने हेतू पुलिस अधीक्षक कुरुक्षेत्र डॉ अंशु सिंगला ने कहा कि अक्सर शातिर धोखाधडी से फेसबुक पर आमजन को ठगी का शिकार बना रहें हैं। अगर आपके किसी रिश्तेदार की फेसबुक आईडी से आपके पास कोई संदेश आता है, जिसमें वह आपसे पैसों की डिमांड करता है तो आप सतर्क हो जाएं।
वह आपको यह भी कहता है कि उसका एक्सीडेंट हो गया है या वह बीमार है और हस्पताल में दाखिल है तो आप जल्दबाजी में या भावुक होकर उसके पास पैसे भेजने की गलती ना करें। वह आपको यह भी बोल सकता है कि उसका पर्सनल नम्बर किसी दुर्घटना में गुम हो गया है, जिस कारण वह आपसे फोन पर बात नहीं कर सकता। वह आपसे कहेगा कि आपको किसी दोस्त का गुगल पे या फोन पे का नम्बर भेज रहा हूं, इस नम्बर पर पैसे भेज दो तो आप इस तरह से शातिरों के चंगुल में ना फंसे। वह आपको ठगी का शिकार बना सकते हैं। अगर आपके पास इस प्रकार से संदेश आता है तो आप उसकी अच्छे से पडताल कर लें। कुरुक्षेत्र पुलिस द्बारा साईबर अपराधो से बचनें के लिए सोशल मिडिया अकाऊण्ट व बैक अकाऊण्ट को सुरक्षित रखनें के लिए समय समय पर जागरुक किया जा रहा है।
न्यूड वीडियो वायरल करने की धमकी देकर बनाया जाता है ठगी का शिकार
साइबर अपराधियों ने लोगों को ठगने का नया तरीका निकाला है। साइबर अपराधी लड़कियों के नाम से व्हटसएप्प व फेसबुक पर अपनी आईडी से फैंड बनाकर चैटिंग करना शुरु कर देते हैं। साईबर अपराधी भोले-भाले लोगों के पास वीडियो कॉल करके न्यूड वीडियो वायरल करने के धमकी देकर रुपयों की मांग करके पैसे ठग लेते हैं तो इस प्रकार के साइबर अपराधियों से बचें। इस तरह के फ्रॉड काफी ज्यादा हो रहे हैं।
इस बारे विस्तार से जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक कुरुक्षेत्र ने बताया कि सोशल मीडिया पर न्यूड वीडियो कॉल करके ब्लैकमेल करने वाली लड़कियों की हकीकत कुछ ओर ही होती है। दरअसल, फेसबुक, इंस्टाग्राम या किसी अन्य माध्यम से आपको ठगने के लिए शातिर आए दिन नए-नए हथकंडे अपनाते हैं। शातिर अपनी प्रोफाईल पर खुबसुरत लडकी की फोटो लगा लेते हैं, असल में वह लडके होते हैं। इस तरह के शातिर खुबसुरत लडकियों के नाम से अलग-अलग फर्जी अकाउंट बनाकर युवकों से पहले डेटिंग एप्प पर या सोशल मिडिया पर दोस्ती करते हैं उसके बाद रात के समय उनके पास फेसबुक मैसेंजर या व्हटसअप पर विडियो काल करके न्यूड विडियो बना लेते हैं। वह अपने फोन में स्क्रीन रिकोर्डर आन करके युवकों की विडियो रिकार्ड कर लेते हैं।
उसके बाद बैकग्राउंड में पहले से बनाई गई लडकी के न्यूड विडियो को प्ले कर देते हैं। वह इस तरह के विडियो को फेसबुक फ्रैंडस और रिश्तेदारों को भेजने की धमकी देकर ब्लैकमेल करते हैं। इस तरह के अपराधों से बचने के लिए कुछ सावधानियां अपनाकर साईबर ठगी से बचा जा सकता है। सोशल मिडिया अकाउंट के प्रोफाईल को हमेशा लॉक रखें तथा अपने सोशल मिडिया अकाउंट पर प्रोफाईल पर प्राईवेसी सेटिंग करके रखें। अंजान नम्बर से आई विडियो काल को रिसिव ना करें। अगर गलती से रिसिव कर ली गई है तो कैमरा फ्रंट की तरफ रखें। आपकी विडियो यूटयूब पर अपलोड कर दी गई है तो उस पर रिपोर्ट कर दें ऐसा करने से यूटयूब उस विडियो को हटा देगा। किसी अंजान व्यक्ति से अपनी निजी जानकारी सांझा ना करें।
केवाईसी के नाम पर धोखाधडी
साईबर अपराधी ठगी करने के इरादे से कुछ कम्पनियों से लोगों का डाटा इक्टठा कर लेते हैं। उसके बाद उनका ठगी करने का खेल शुरु हो जाता है। वह उस डाटा में से लोगों के पास कॉल करना शुरु कर देते हैं। लोगों के पास काल करके उनको धमकी दी जाती है कि आप अगर अपनी निजी जानकारी देकर केवाईसी अपडेट नहीं करवाओगे तो आपका डैबिट/क्रैडिट कार्ड बन्द कर दिया जाएगा। ऐसे में कुछ लोग डर के कारण अपनी निजी जानकारी जैसे बैंक खाते से संबंधी जानकारी, आधार नम्बर, पैन नम्बर, ओटीपी आदि शातिरों को बता बैठते है और वह उनके चंगुल में फंसकर अपनी कमाई गंवा देते हैं।
जानकार बताकर गुगल-पे करने के नाम पर लिंक भेजकर धोखाधडी
साईबर ठगी के इस तरह के भी कईं मामले सामने आये हैं। शातिर आपके पास काल करके कुछ कॉमन नाम बताकर आपसे बात करते हैं। आपके या किसी के भी जानकारों में कुछ इस तरह के नाम जरुर मिल जाते हैं। शातिर आपके पास इस तरह का नाम बताकर आपसे बोलते हैं कि आप तो मुझे भूल गये। आप उसको पहचान नहीं पाते फिर भी इस तरह का दिखावा करते हैं कि आपने पहचान लिया। वह आपको बतायेगा कि उसने किसी से पैमेंट लेनी है और उसके पास गुगल पे नम्बर नहीं वह आपके पास पैमेंट भिजवा देता है और आपसे बाद में ले लेगा।
आप उसकी बातों में फंस जाते हो और उसके कुछ देर बाद एक अन्य नम्बर से आपके पास काल आती है और वह आपके पास लिंक भेजकर आपके खाते में पैसे निकाल लेता है। अगर आपके साथ किसी भी प्रकार का साईबर अपराध हो जाता है या आप किसी ऑनलाईन ठगी का शिकार हो जाते हैं तो इसकी शिकायत नेशनल साईबर क्राईम पोर्टल https//www.cybercrime.gov.in पर दर्ज करवायें या नजदीक पुलिस चौकी या पुलिस स्टेशन पर अपनी शिकायत दर्ज करवायें। जिला में साइबर सेल और साइबर हेल्प डेस्क गठित है, जो काम रही है। साईबर ठगी होने पर तुरन्त टोल-फ्री नम्बर 1930 पर काल करें। इससे आपका पैसा वापिस आ सकता है।