रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर मंडी में दशलक्षण महापर्व के दसवें दिन उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर भक्तों ने भगवान का अभिषेक और पूजन पाठ किया। आज जैन धर्म के बारहवें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य जी का मोक्ष कल्याणक बड़ी धूमधाम से मनाया गया और भगवान को निर्वाण लाडू समर्पित किया गया।
इस अवसर पर पंडित संजय शास्त्री ने बताया कि भगवान वासुपूज्य चंपापुरी मंदारगिरी से आज ही के दिन मोक्ष पधारे थे और वह जैन धर्म के प्रथम बालब्रह्मचारी थे। उन्होंने प्राणी मात्र को कल्याण का संदेश दिया और प्रभु भक्ति के अलावा अपने कल्याण का कोई साधन नहीं है ऐसा सभी को बताया। जगदीश जैन, जयकुमार जैन, पवन जैन ने बताया कि आज के समय में भगवान वासुपूज्य जी द्वारा बतलाये मार्ग पर यदि पूरा विश्व चले तो सभी प्राणी सुखी एवं समृद्ध हो सकते हैं और आपस का बैर भाव खत्म हो सकता है। मुकेश जैन ने कहा कि ब्रह्म में लीन होना ही उत्तम ब्रह्मचर्य है।
आज जैन समाज के सिद्धांतों को पूरा विश्व जानता भी है और मानता भी है। कुछ जो नहीं मानते हैं, वही समाज में अप्रिय घटना करते हैं। यदि पूरा विश्व जैन धर्म के सिद्धांतों पर चले तो शांति और मैत्री संभव है। इस अवसर पर महिला जैन मिलन की ओर से कर्म दहन विधान का आयोजन किया गया। महिला जैन मिलन से शशी जैन, निशा जैन ने बताया कि महिला जैन मिलन सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लेता है और हर तरह का सहयोग समाज के हर वर्ग के लिए करता है। इस अवसर पर पवन, टोनी, रमेश, सरोज, सरिता, रितु, मधु, अनु, अनीता, संजना इत्यादि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।