कर्मचारी को 5 लाख रुपए से सम्मानित किया जाए
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। वन कर्मचारी संघ हरियाणा के उप महासचिव एवं प्रमुख मजदूर, कर्मचारी नेता आनंद शर्मा ने कहा कि तेंदुए द्वारा घायल किए गए वन राजिक अधिकारी वीरेंद्र सिंह को हरियाणा सरकार तुरंत उच्च पद पर प्रमोशन करें और 5 लाख रुपए से सम्मानित किया जाए। कर्मचारी नेता आनंद शर्मा ने घायल वन राजिक अधिकारी विरेंद्र सिंह से प्रेम हॉस्पिटल पानीपत में जाकर मुलाकात कर हालचाल जाना। उन्होंने घायल कर्मचारी की हालात को देखते हुए जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि आंख पर ज्यादा घाव हैं, हाथ और गर्दन पर भी काफी चोट हैं। खतरनाक तेंदुए को पकड़ने में घायल हुए वन राजिक अधिकारी विरेंद्र सिंह मौत के मुंह से वापस आए हैं। वहीं विभाग के अधिकारियों एवं हरियाणा सरकार मौन धारण करे बैठी है।
उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इस तरह आम जनता को बचाने के लिए किए गए बहादुराना कार्य के लिए मुख्यमंत्री, वन मंत्री और विभाग के अधिकारियों ने अभी तक चुप्पी साध रखी है। हालांकि चीफ कंजरवेटर रोहतक सर्कल हालचाल जानने के लिए पानीपत पहुंचे। जिसका वन कर्मचारी संघ धन्यवाद करता है, लेकिन प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने अभी तक भी घायल वन कर्मचारी का हाल-चाल तक नहीं जाना है। जिससे तमाम हरियाणा के वन कर्मचारियों में हरियाणा सरकार एवं विभाग के अधिकारियों के प्रति भारी रोष है। अगर जल्द ही हरियाणा सरकार एवं विभाग के अधिकारियों ने संज्ञान लेते हुए सम्मानित करने एवं प्रमोशन करने का कदम नहीं उठाया तो हमें मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। उन्होंने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि जिस तरह से वीरेंद्र सिंह वन राजिक अधिकारी ने आम जनता को कोई नुकसान ना हो इसलिए निर्भीक होकर तेंदुए को पकड़ने के लिए उसका सामना किया।
मौके पर बनाई गई वीडियो काफी वायरल हुई हैं। तेंदुए और वीरेंद्र सिंह का आमना सामना पहलवानों की तरह हुआ है। जिस तरह का बहादूराना काम वन कर्मचारी ने किया है। कोई भी कर्मचारी अपनी जान जोखिम में नहीं डालेगा। इसलिए सरकार से मांग करते हैं कि तुरंत प्रभाव से वन राजिक अधिकारी विरेंद्र सिंह की प्रमोशन की जाए और उन्हें 5 लाख रुपए से सम्मानित किया जाए। विभाग में खाली पड़े पदों पर पक्की भर्ती की जाए, ठेका प्रथा बंद की जाए, बीट ब्लॉक का पुनर्गठन हो, बीट और ब्लॉक छोटे बनाए जाए, पुलिस पैटर्न पूरी तरह से लागू करते हुए 13वें माह का वेतन वन कर्मचारियों को दिया जाए और सभी वन कर्मचारियों को हथियार मुहैया करवाए जाएं ।