- जीव विज्ञान प्रयोगशाला में छात्रों का वैज्ञानिक कार्य कौशल विकसित
- मॉडल टाउन की बायोलॉजी लैब विभिन्न प्रकार के प्रयोगशाला उपकरणों से परिपूर्ण
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। भारत वर्ष शिक्षा जगत के मानचित में पर विशेष स्थान पर बनाकर अमिट छाप कायम करने वाले जिला सोनीपत क्षेत्र की बहुत ही पुरानी हरियाणा स्कूल शिक्षा समिति द्वारा वर्ष 1940 में संयुक्त पंजाब राज्य के जिला रोहतक के अंतर्गत आने वाली तहसील सोनीपत में कुछ सामाजिक व शिक्षक के प्रति लगाव रखने वाले कुछ शिक्षा प्रेमियों ने मिलकर सोनीपत में एक निजी संस्था का गठन करके किराये पर भवन लेकर शिक्षा रूपी ज्योति को रोशन किया था। जिस समय हरियाणा स्कूल शिक्षा समिति शहर में स्कूल खोलने की बात पर विचार कर रही थी, उस देश में लोगों को उदेश्य केवल आजादी पाना था। क्योंकि उस समय जनता ने शिक्षा को तर्जी नहीं दी। उस समय देश में गिने चुने लोग ही शिक्षित हुआ करते थे। देश की आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा अशिक्षित हुआ करता था। सन 1945 में हरियाणा हाई स्कूल की शुरूआत की थी।
शहर के कुछ सामाजिक व शिक्षक के प्रति लगाव रखने वाले कुछ शिक्षा प्रेमियों ने समाज के बच्चों को शिक्षा देने की शुरूआत जब की गई तब भारत वर्ष पर अंग्रेजी हकूमत थी। उस समय भारत वर्ष उस अंग्रेजी हकूमत की गुलामी की बेड़ियों तोड़कर आजाद होने की राह में आगे बढ़ रहा था। दूसरी सोनीपत के कुछ समाज सेवी मिलकर देश के शिक्षा से वंचित नौनिहालों को शिक्षा देने के लिए शिक्षा के दरवाजों को खोल कर बच्चों की शिक्षा के प्रबंध के लिए स्कूल निर्माण में लगे थे। आज उन्हीं समाज सेवियों द्वारा किये गए प्रयास की बदलौत हम हरियाणा स्कूल शिक्षा समिति द्वारा दो प्राचीन स्कूल अपने बीच पा रहे है। देश की आजादी के बाद सन 1952 में जब रोहतक जिला की तहसील सोनीपत में आधुनिकीकरण की बयांर बहने लगी, तब हरियाणा स्कूल शिक्षा समिति सोनीपत शहर के माडल टाउन क्षेत्र में जमीन लेकर सन 1975 तक निजी स्कूल का संचालन किया।
सन 1975 बाद हरियाणा स्कूल शिक्षा समिति अपने दोनों स्कूलों को राज्य सरकार के प्रति ये आस्था रखते हुए कि राज्य सरकार इन स्कूलों को संचालन बहुत अच्छे से करेगी। इन दोनों स्कूलों सरकार को सौंप दिया। इसमें हरियाणा स्कूल शिक्षा समिति सोनीपत शहर के माडल टाउन क्षेत्र स्थित स्कूल की शाखा तथा शहर के दयाल चैक नजदीक बर्फ खाना के नजदीक स्थित हरियाणा की शाखा को सरकार को सौंप दिया था। सन 1975 बाद समिति द्वारा सौंपे गए दोनों ही राज्य सरकार का स्कूलों को संचालन बहुत अच्छे करते हुए वर्तमान समय में सरकार ने सीबीएससी की मान्यता दिलाकर सोनीपत की जनता को उनकी भावनाओं के अनुरूप खंड़ का पहला बहुत अच्छा उपहार भेंट किया। हमारी टीम ने माडल टाउन स्थित राजकीय मार्डन संस्कृति वरि. मा. विद्यालय जीव विज्ञान प्रयोगशाला में शिक्षक व छात्र-छात्राओं से की बातचीत की।
शिक्षिका मोनिका से बातचीत में कहा कि जब से देश में करोना महामारी का दौर आया है, जीव विज्ञान विषय को लेकर पढ़ाई कर चुके मेडिकल के छात्र-छात्राओं ने मिलकर लोगों जान बचाई थी। इस महामारी के बाद मेडिकल की पढ़ाई कर चुके छात्र-छात्राओं ने फ्रंट लाइन में आकर इस महामारी के समय में लोगों की मदद कर पाए थे। मेडिकल पढ़ाई के बाद ही डाक्टर, नर्स, मेडिकल लैब तैक्नीशियन, फर्मासिस्ट, वैज्ञानिक आदि लाइन इसी से ही चलती है। आज राजकीय मार्डन संस्कृति वरि. मा. विद्यालय माडल टाउन जीव विज्ञान प्रयोगशाला में नये इक्कुमेंटस आने छात्र-छात्राओं जीव विज्ञान के प्रति नई जागरूकता बढ़ती जा रही है। दूसरी ओर लैंगवेज लैब चलते छात्र-छात्राओं अंग्रेजी पर कमांड होने की उम्मीद है।
राजकीय मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मॉडल टाउन, खंड सोनीपत का सीबीएसई से मान्यता प्राप्त एक मात्र सरकारी स्कूल है। स्कूल में छात्र दसवीं के बाद अपनी पढ़ाई मेडिकल संकाय से भी कर सकते हैं, जो आगे जाकर डॉक्टर बनना चाहते हैं या जीव विज्ञान में शोध करना चाहते हैं। यहां की जीव विज्ञान प्रयोगशाला एक सीखने का माहौल प्रदान करती है, जो छात्रों को वैज्ञानिक कार्य विधियों को समझने और महत्वपूर्ण सोच को पोषित करने के लिए प्रेरित करता है। जीव विज्ञान प्रयोगशाला में छात्रों को वैज्ञानिक कार्य कौशल विकसित करने, दैनिक जीवन में वैज्ञानिक ज्ञान के उपयोग को सीखने और खोज के आनंद का अनुभव करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
राजकीय मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मॉडल टाउन की बायोलॉजी लैब विभिन्न प्रकार के प्रयोगशाला उपकरणों से परिपूर्ण है, जैसे मिश्रित सूक्ष्म दर्शी, डिजिटल वेइंग मशीन, 3डी मॉडल, चार्ट, स्पेसिमेंस, रसायन और विज्ञान किट। जीव विज्ञान प्रयोगशाला में छात्रों को जीव विज्ञान सीखने की खुशी का अनुभव करने के अवसर प्रदान करती है। स्कूल में छात्रों को उपकरणों और उपकरणों का उपयोग करके मैनुअल निपुणता विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। यहां छात्रों ने बताया कि वे मेडिकल की पढ़ाई के साथ किस प्रकार अपने भविष्य को देखते हैं और यहां उन्हें बायोलॉजी की बेसिक नॉलेज के साथ-साथ प्रैक्टिकल भी करवाएं जाते हैं। स्कूल में इंटरेक्टिव बोर्ड और इंटरनेट सुविधा के साथ स्मार्ट क्लास टेक्नोलॉजी भी है।