- -गुरू श्री तेग बहादुर समस्त मानवता को थे समर्पित तभी दिया हिंद की चादर का नाम : गुरविंदर सिंह
-सरकारी स्तर पर संतों-महापुरुषों की जयंतियों का आयोजन गर्व की बात: राजीव जैन
-गीता भवन स्थित गुरूद्वारा में सोनीपत प्रभारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में हुई विस्तृत चर्चा
श्याम वशिष्ठ, सोनीपत। आजादी का अमृत महोत्सव की श्रंखला में पानीपत में प्रदेश स्तर पर 24 अप्रैल को मनाये जा रहे गुरू श्री तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व में सोनीपतवासी बढ़-चढक़र हिस्सा लेते हुए मानव धर्म को बल प्रदान करें। प्रकाश पर्व के सफल आयोजन के लिए नियुक्त किये सोनीपत के प्रभारी एवं पंजाबी साहित्य अकादमी के वाइस-चेयरमैन सरदार गुरविंदर सिंह ने यह निमंत्रण देते हुए गुरू श्री तेग बहादुर को नमन किया। गीता भवन स्थित गुरूद्वारा में सोमवार की सुबह गुरुद्वारा प्रबंधकों की विशेष बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता करते हुए सोनीपत प्रभारी गुरविंदर सिंह ने कहा कि गुरू श्री तेग बहादुर का संपूर्ण जीवन मानवता को समर्पित था।
वे किसी एक जाति विशेष अथवा धर्म विशेष के लिए नहीं थे। इसीलिए उन्हें हिंद की चारद एवं सृष्टि की चादर की संज्ञा दी गई। मानव सेवा एवं कल्याण को समर्पित व्यक्तित्व को ही गुरू की उपाधि मिलती है। उन्होंने जुल्म और जबर्दस्ती के खिलाफ आवाज बुलंद की। प्रभारी गुरविंदर सिंह ने कहा कि नई पीढ़ी को अपने संत-गुरूओं की संपूर्ण जानकारी अवश्य होनी चाहिए, ताकि वे उनके आदर्श और शिक्षा को आत्मसात कर सकें। गुरू की सोच को अपनाने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों में शामिल होना चाहिए। साथ ही गुरूओं के साहित्य को भी पढऩा चाहिए।
गुरू के प्रति प्रेम को प्रदर्शित करने के लिए प्रकाश पर्व में युवाओं के साथ बुजुर्गगण अवश्य हिस्सा लें। इस दौरान उन्होंने प्रकाश पर्व को लेकर विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाओं पर भी चर्चा करते हुए आवश्यक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रकाश पर्व में शामिल होने के लिए संतों के लिए अलग से विशेष व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि यह विशेष पर्व है, जिसमें सभी गुरूद्वारों को प्रकाश से रोशन करें। इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त शांतनू शर्मा ने कहा कि यह गुरू का प्रकाश पर्व है, जिसमें मिल-जुलकर सबको हिस्सा लेना चाहिए। व्यवस्थाओं के लिए हर संभव सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रकाश पर्व के सफल आयोजन के लिए सोनीपत की ओर से जरूरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
उन्होंने गुरूद्वारा प्रबंधकों का आह्वान किया कि वे प्रकाश पर्व के लिए अपने-अपने प्रभारी अवश्य नियुक्त करें, ताकि संगत को कोई परेशानी न हो। इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने कहा कि सरकारी स्तर पर संतों-महापुरूषों की जयंतियों का आयोजन किया जाना गर्व की बात है। डा. बीआर अंबेडकर जयंती, वाल्मीकि जयंती, रविदास जयंती इत्यादि का आयोजन किया जा चुका है। यह राजनीति से ऊपर उठकर किया गया कार्य है, जिसमें सबको शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि कोई भी संत, गुरू, महापुरुष किसी धर्म अथवा जाति विशेष का नहीं होता। इनसे ऊपर उठने वाला ही गुरू कहलाता है। उन्होंने आम जनमानस का आह्वान किया कि वे प्रकाश पर्व में अवश्य हिस्सा लें।