चण्डीगढ़। हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग निर्धारित समय में नागरिकों को सेवाएं प्रदान करने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के प्रति गंभीर है। आयोग अपनी स्थापना के बाद से ही आवेदकों को सेवा प्रदान करने से संबंधित चिरलंबित मामलों का सक्रिय रूप से निवारण कर रहा था। इस प्रक्रिया में, आयोग ने जांच के बाद दोषी पाए गए कुछ अधिकारियों/कर्मचारियों पर भारी जुर्माना भी लगाया है। आयोग के प्रवक्ता ने ऐसे ही एक मामले का जिक्र करते हुए बताया कि हाल ही में आयोग को सेक्टर 49, एनआईटी-फरीदाबाद के एक निवासी से शिकायत मिली थी कि नगर निगम, फरीदाबाद को बार-बार शिकायत करने के बावजूद उसके क्षेत्र में सफाई नहीं हो रही है।
प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 के तहत एक अधिसूचित सेवा होने के नाते, आयोग ने इस पर तत्काल संज्ञान लिया और आयुक्त, नगर निगम, फरीदाबाद को लिखा। इसके अतिरिक्त, आयोग ने कार्य में हुई देरी के कारणों और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के बारे पूछताछ भी की। नगर निगम, फरीदाबाद के आयुक्त ने आयोग को बताया कि इस सेवा के लिए स्वच्छता निरीक्षक, राजेंद्र दहिया नामित अधिकारी थे और इस मामले से संबंधित आयोग के पत्र उन्हें भेजे गए थे, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
राजेंद्र दहिया को उसकी ओर से हुई देरी का कारण बताने के लिए 28 मार्च, 2022 को आयोग के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था। आयोग के समक्ष सुनवाई के दौरान राजेन्द्र दहिया ने दावा किया कि उन्होंने 5 जनवरी, 2022 को शिकायत प्राप्त होने के एक दिन के भीतर ही शिकायत का समाधान कर दिया था। हालांकि, नगर निगम, फरीदाबाद के आयुक्त द्वारा साझा की गई चपरासी पुस्तक जिसमें उस द्वारा नवंबर, 2021 में आयोग का पत्र प्राप्त किए जाने का उल्लेख था, दिखाए जाने पर, राजेन्द्र दहिया ने दावा किया कि वे हस्ताक्षर वास्तव में उसके नहीं थे, बल्कि जाली थे। राजेन्द्र दहिया को अपने दावे का समर्थन करने के लिए जालसाजी के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की सलाह दी गई, जिसके लिए पर्याप्त समय दिए जाने के बावजूद भी वह ऐसा करने में विफल रहा।
प्रवक्ता ने बताया कि नगर निगम, फरीदाबाद के आयुक्त द्वारा साझा किए गए दस्तावेजों के साक्ष्य मूल्य को देखते हुए और राजेंद्र दहिया द्वारा कोई पावती डायरी पर उसके हस्ताक्षर क्यों करेगा इसका कोई कारण बताने में विफल होने पर आयोग ने नागरिक को एक अधिसूचित सेवा समय पर प्रदान करने में लापरवाही बरतने और फिर आयोग के समक्ष झूठ बोलने के आरोप में राजेंद्र दहिया पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया। प्रवक्ता ने यह भी बताया कि आयोग हरियाणा के नागरिकों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में काम कर रहा है और अपने कर्तव्यों के निर्वहन में देरी करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दंडित करने से पीछे नहीं हटेगा।