- 8 दिसंबर से आंगनवाड़ी वर्करों की चल रही है हड़ताल
- आंगनवाड़ी वर्कर्स-हेल्पर्स अपना लाभ लिए बगैर नहीं उठेंगी, हकों के लिए कर रही हैं आंदोलन
रणबीर सिंह, सोनीपत। आंगनवाड़ी वर्करों की उपायुक्त कार्यालय सोनीपत पर हड़ताल निरंतर जारी । सैकड़ों आंगनवाड़ी वर्कर्स, हेल्पर्स, कार्यकर्ता, सहायिकाओं ने हड़ताल में अपनी हिस्सेदारी की। हडताल की अध्यक्षता गीता नागर, सुमन, ने संयुक्त रूप से की, जबकि संचालन उषा रानी, मंजू देवी, सुनीता ने संयुक्त रूप से की। एआईयूटीयूसी के राज्य सचिव हरि प्रकाश, मास्टर बलबीर सिंह, प्रताप सिंह, गीता नागर, उषा रानी, सुनीता, बाला, शर्मिला, कविता, विमला आदि ने संबोधित करते हुए केंद्र व राज्य सरकार की हठधर्मिता की घोर आलोचना करते हुए कहा कि 8 दिसंबर से आंगनवाड़ी वर्करों की चल रही है।
हड़ताल पर सरकार की हठधर्मिता को दर्शाता है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा ढकोसला है। बेटियों के साथ जिस तरह की ज्यादती भाजपा राज में की जा रही है। ऐसा कभी देखने को नहीं मिली। पिछले ढाई महीने से लगातार संघर्ष कर रही हैं। आंगनवाड़ी की वर्करों पर मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं, नौकरी से निकाला जा रहा है। वर्करों की अलग से कोई मांग नहीं कर रही हैं।
प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणा अनुसार 15 सौ रुपए वर्कर व 750 रुपए हेल्पर की बढ़ोतरी जो प्रधानमंत्री ने मन की बात में पूरे देश की जनता को ऑनलाइन बैठा कर 2018 में घोषणा की थी। जिसे लागू नहीं किया जा रहा है। वहीं 2018 में मुख्यमंत्री ने हड़ताल के दौरान समझौता किया था। विधानसभा में बयान दिया कि आंगनवाड़ी वर्कर्स को वर्कमैन मानते हुए आउट सोर्सिंग के कर्मचारियों को मिलने वाला वेतन दिया जाएगा, लेकिन खुद मुख्यमंत्री अपने किए गए समझौते को भी लागू नहीं कर रहे हैं। उल्टा दमन का रास्ता अपना रहे हैं। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीटू के जिला प्रधान आनंद शर्मा ने प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि दमन से आंदोलन को रोका नहीं जा सकता।
हरियाणा सरकार वर्कर्स पर जितना दमन करेगी, आंदोलन उतना तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संयुक्त तालमेल कमेटी ने निर्णय लेकर हड़ताल को 5 मार्च तक बढ़ा दिया है और इसे अनिश्चितकालीन में भी बदला जा सकता है। वहीं तमाम जिलों में उपायुक्त कार्यालयों पर धरने जारी रहेंगे। करनाल सीएम सिटी में महापड़ाव निरंतर जारी रहेगा। जिसमें आसपास के जिलों से हर रोज एक ब्लॉक पहुंचेगा और अपने जिले में भी मोर्चे जारी रखेंगे। जब तक मुख्यमंत्री घोषणा और समझौते को लागू नहीं कर देते आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि 18 फरवरी को मुख्यमंत्री ने बातचीत का समय दिया है । मुख्यमंत्री समय रहते घोषणाओं एवं समझौते को लागू करे, ताकि कुपोषण का शिकार, गरीब परिवारों के बच्चों को पोषण मिल सके।