- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने भाजपा विधायक के घर का किया घेराव
- गन्नौर की सडकों पर जुलूस निकालकर की नारेबाजी
- प्रदर्शन को कई महिला-पुरुष नेताओं ने किया संबोधित
- ये भारत की बेटी है, जो सडकों पर बैठी है
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका तालमेल कमेटी के आह्वान पर आंगनवाड़ी वर्करों की हड़ताल निरंतर जारी रही। इसी कड़ी में आज आंगनवाड़ी वर्कर्स, हेल्पर्स, कार्यकर्ता, सहायिका ने गन्नौर शहर में प्रदर्शन करते हुए भाजपा विधायक निर्मल चौधरी के आवास का घेराव किया और अपनी मांगों का मांग पत्र भाजपा विधायक निर्मल चौधरी को सौंपा। इससे पहले आंगनवाड़ी कार्यकर्ता गन्नौर रेलवे स्टेशन के बाहर इक्ट्ठी हुई और वहां से प्रदर्शन करते हुए विधायक के आवास पर पहुंची।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 सौ रुपए वर्कर, 750 रुपए हेल्पर की गई घोषणा को तुरंत लागू किए जाएं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को न्यूनतम वेतन दिया जाए। उन्होंने कहा कि जब तक 19 सूत्रीय मांग पत्र पर समझौता नहीं किया जाता आंदोलन जारी रहेगा। धरने को संबोधित करते हुए कहा कि ये भारत की बेटी है, जो सडकों पर बैठी है। हम अपना अधिकार मांगते, नहीं किसी से भीख मांगते, अभी तो ली अंगडाई है, आगे ओर भी लड़ाई है आदि नारे लगाए। हजारों हड़ताली आंगनवाड़ी वर्करों ने गन्नौर शहर की सड़कों पर जोरदार प्रदर्शन कर गन्नौर हल्के की विधायिका के आवास की घेराबंदी की।
पूर्व घोषित कार्यक्रम अनुसार सुबह 11 बजे आंगनवाड़ी की वर्कर्स, हेल्पर्स, कार्यकर्ता, सहायिका रेलवे स्टेशन गन्नौर पर इकट्ठा होना शुरू हुई। जहां पर सभा का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता गीता नागर एवं अनु ने संयुक्त रूप से की। जबकि संचालन उषा रानी एवं सुमन ने किया। रेलवे स्टेशन से, रेलवे रोड, सब्जी मंडी, थाने के सामने से, मिनी सचिवालय से होते हुए भाजपा विधायक निर्मल चौधरी के आवास की तरफ आंगनवाड़ी वर्करों का जनसैलाब सड़कों पर चल रहा था। विधायक निर्मल चौधरी के आवास की तरफ पुलिस ने बेरिकेट लगाकर रखा था। वर्करों के बीच विधायक निर्मल चौधरी ज्ञापन लेने के लिए पहुंची और उन्होंने आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री से मांगों पर बातचीत करेंगे और ज्ञापन मुख्यमंत्री के पास भेज कर समझौता करवाने का प्रयास करेंगे।
सीटू के जिला प्रधान आनंद शर्मा एवं एआईयूटीयूसी के राज्य सचिव ईश्वर राठी ने कहा कि 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात में ऑनलाइन पूरे देश की आंगनवाड़ी वर्करों हेल्परों को टीवी के सामने बैठाकर दिवाली पर तोहफा दिया था कि वर्कर को 15 सो रुपए और हेल्पर को 750 दिए जाएंगे। तीन साल गुजर जाने के बाद भी प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणा अनुसार किसी भी आंगनवाड़ी वर्कर को 15 सो रुपए और किसी भी हेल्पर को 750 नहीं दिए गए हैं । वहीं 2018 में ही हड़ताल के दौरान मुख्यमंत्री के साथ यूनियनों का समझौता हुआ था। उस समझौते में खुद मुख्यमंत्री ने माना था कि आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर्स को वर्कमैन मानते हुए हरियाणा सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन दिया जाएगा, परंतु अपने ही किए हुए समझौते और वादे से हरियाणा के मुख्यमंत्री मुकर गए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बातचीत करने की बजाय आंगनवाड़ी वर्कर्स की नेतृत्वकारी साथियों को छंटनी के नोटिस दे रहे हैं, नौकरी से निकाल रहे हैं। हरियाणा सरकार द्वारा बातचीत की बजाय दमन का रास्ता अपनाया जा रहा है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एक भी आंगनवाड़ी वर्कर हेल्पर की छंटनी करने का प्रयास किया तो पूरे प्रदेश के कर्मचारी – मजदूर हड़ताल करके आंदोलन में कूद पड़ेगे। जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी हरियाणा सरकार की होगी। प्रदर्शनकारियों को मास्टर बलवीर सिंह, गीता नागर, अनु, मंजू पहल, सुमन, बाला, कविता, अनीता, सुनीता, विमला, कविता, सुदेश, उषा रानी, सोना देवी, सेवानंद, प्रताप सिंह के अलावा दर्जनों वर्करों ने संबोधित किया और आखरी दम तक आंदोलन चलाने का आह्वान किया।