- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने मांगों को लेकर दिया धरना, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
- धरने को कई वक्ताओं ने किया संबोधित
- जिला प्रधान सरोज दहिया ने कहा कि सरकार द्वारा बढ़ाया गए पैसे आज तक नहीं मिले
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन हरियाणा संबंधित एआईयूटीयूसी, संयुक्त कर्मचारी मंच, संयुक्त तालमेल कमेटी आंगनवा़ड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर्स यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर लघु सचिवालय परिसर में धरना देकर प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यूनियन नेताओं ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि आंगनवाड़ी वर्कर्स व हैल्पर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, जब तक कर्मचारी नहीं बताया जाता तब तक वर्कर्स व हैल्पर को न्यूनतम वेतन दिया जाए सहित 19 मांगें पूरी की जाए। वकताओं ने कहा कि आज से तीन दिवसीय धरना दिया गया है, अगर इस दौरान हमारी मांगें नहीं मानी गई तो आगे भी धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
आंगनवाड़ी वर्कर्स हेल्पर्स तालमेल कमेटी हरियाणा की जिला कमेटी की ओर से बुधवार को जिला उपायुक्त कार्यालय पर बड़ी संख्या में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं ने जोरदार नारे लगाते हुए प्रदर्शन करते हुए धरना दिया। उन्होंने अपनी मांगों का एक ज्ञापन नायब तहसीलदार के माध्यम से निदेशक को प्रेषित किया। जिसमें मांग की गई कि प्रधानमंत्री द्वारा कार्यकर्ता के लिए 15 सौ रुपए व सहायिका को 750 रूपए दिए जाने की गई घोषणा को लागू किया जाये, 2018 का समझौता पूर्णतया लागू किया जाये, जिसमें महंगाई भत्ते को चालू करने की मांग मानी गई थी, न्यूनतम वेतन 24 हजार किया जाये व सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाये। आंगनवाडी केन्द्रों का किराया व मानदेय समय देने की मांग भी उठाई गई।
पूंजीपतियों के हित में आंगनवाड़ी सेंटरों को एनजीओ को सौंपने व पोषण ट्रैक्टर की शर्त लगाने को वापिस लिया जाये। जरूरत के अनुसार स्टाफ भर्ती किया जाये, आंगनवाड़ी के वर्कर्स अपना सभी तरह के काम की रिपोर्ट विभाग को देती रही है इसलिए अतिरिक्त काम का बोझ उन पर ना डाला जाए। आज के धरने की अध्यक्षता सरोज दहिया ने की। धरने को संबोधित करने वालों में एआईटीयूसी के राज्य उपाध्यक्ष ईश्वर सिंह राठी, आशा वर्कर यूनियन की राज्य महासचिव सुनीता देवी, एडवोकेट प्रेम सिंह दहिया, उषा रानी, बलबीर सिंह आदि रहे। जिन्होंने वर्कर्स की समस्याओं पर जोरदार ढंग से बात रखते हुए सरकार को चेतावनी दी और कहा कि इनकी मांगों को तुरंत माना जाए।
सरकार पूंजीपतियों के दबाव में काम करना बंद करें नहीं तो यह आंदोलन किसान आंदोलन की तरह ही बहुत व्यापक होता जाएगा। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की 19 प्रमुख मांगे है। जिनमें कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक न्यूनतम वेतन वर्कर्स को 24 हजार व हैल्पर को 16 हजार दिया जाए। 2018 में की गई घोषणाओं को लागू करते हुए महंगाई भते की तमाम किस्त मानदेय में जोड़कर दी जाए। महंगाई भते का बकाया ऐरियर भी तुरंत दिया जाए। विभाग द्वारा बिना फोन व अन्य संसाधन दिए वर्कर्स पर ऑनलाइन का काम ना करवाया जाए। इस बारे माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना न की जाए।
प्रधानमंत्री द्वारा सितंबर 2018 में की गई वर्कर्स व हैल्पर्स की 1500 एवं 750 रूपये की बढ़ौतरी को ऐरियर समेत दिया जाए। आंगनवाड़ी वर्कर्स को 5 लाख व हैल्पर्स को 3 लाख रूपये रिटायरमेंट लाभ दिया जाए। रिटायरमेंट पैशन लागू की जाए। आंगनवाड़ी वर्कर से सुपरवाइजर के रूप में 50 प्रतिशत की पदोन्नति को बिना शर्त के लागू किया जाए। आंगनवाड़ी केंद्रों का बढ़ा किराया ग्रामीण क्षेत्र का 2000, छोटे कस्बे, शहर व बड़े शहरों का पांच हजार रूपये लागू किया जाए, किराया कम देने अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जाए। आंगनवाड़ी वर्कर्स व हैल्पर्स को विभागीय ट्रेनिंग या मीटिंग में बुलाने पर टीए व दिया जाए तथा 18 किलोमीटर की सीमा खत्म की जाए सहित अन्य कई मांगे है।