- -गांव-गांव जाकर किसानों को किया जाएगा पराली न जलाने के लिए प्रोत्साहित:उपायुक्त
-सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अनुपालना कर सरकार की योजना का उठायें लाभ
-किसानों को जागरूक करने के लिए ग्रामीण स्तर पर किया टीमों का गठन
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। उपायुक्त ललित सिवाच ने फसल अवशेष प्रबंधन किसान जागरूकता वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए लक्ष्य की प्राप्ति के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मोबाईल वैन के माध्यम से किसानों को गांव-गांव जाकर फसल अवशेष प्रबंधन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। फसल अवशेष प्रबंधन के प्रति किसानों को जागरूक करने के उद्देश्य से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के तत्वावधान में मोबाईल वैन चलाई जा रही है, जिसका शुभारंभ गुरूवार को लघु सचिवालय से किया गया।
उपायुक्त ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट तथा केंद्र व प्रदेश सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि कोई भी किसान फसलों के अवशेष न जलायें। ऐसा करने से प्रदूषण बढ़ता है, जिसका दुष्प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। विशेष रूप से श्वांस के रोगियों के लिए समस्या बढ़ जाती है। उपायुक्त सिवाच ने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सरकार प्रति एकड़ की दर से 1000 रुपये प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रही है। किसानों को इस योजना का पूर्ण लाभ उठाना चाहिए। यह एक पंथ दो काज वाली स्थिति है।
फसल अवशेष प्रबंधन से किसान पराली से कमाई भी कर सकते हैं। इसके लिए सरकार सब्सिडी पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवा रही है, जिनकी सहायता से अवशेषों का प्रबंधन सरल हो जाता है। औद्योगिक इकाइयों में भी पराली का उपयोग होता है जो कि स्वयं इसकी खरीद करती है। उपायुक्त ने जानकारी दी कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए ग्रामीण स्तर पर टीमों का गठन किया गया है। प्रत्येक टीम में एक पटवारी तथा ग्राम सचिव और कृषि विभाग के एक कर्मचारी को शामिल किया गया है। गठित टीम किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए प्रोत्साहित करेगी। इसके बावजूद भी यदि अवशेष जलाने की घटना होती है तो टीम उसकी सूचना भी प्रशासन को देगी। अवशेष जलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वे फसलों के अवशेष किसी भी सूरत में न जलायें। प्रदूषण नियंत्रण में प्रशासन का सहयोग करें।