राजेंद्र कुमार, सिरसा। मानसून की बारिश ने जहां एक ओर तपिश से राहत दी है। वहीं कई गांवों में अतिवृष्टि ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। नरमा कपास की फसलों में खड़ा पानी अब नुकसान करने लगा है। बारिश का दौर अभी जारी है, जिससे सेमग्रस्त इलाके के किसान परेशान होने लगे हैं। गावों में ग्राम पंचायतें भंग हैं, इसलिए पानी निकासी का कोई जिम्मा उठाने को तैयार नहीं है। शनिवार व रविवार दो दिन लगातार सरकारी अवकाश होने के कारण प्रशासनिक अधिकारी भी इन गांवों में नहीं पहुंचे है। जिससे ग्रामीण अपने स्तर पर ही जीवन बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
जिले के नाथूसरी चौपटा खंड के गांव राजपुरा कैंरावाली में करीब 20 घरों के बाहर 3 से 4 फुट पानी खड़ा होने से लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है। पानी घुसने के डर से ग्रामीणों ने अपने घरों के आगे मिट्टी के अवरोध बना रहे है। सर्वाधिक परेशानी रूपाणा गंजा, केरांवाली, शकरमंदोरी गांवों में क्योंकि इन गावों में सेम का प्रभाव है। जिससे बरसात का पानी जमीन में नहीं जा पा रहा है। लकडिय़ों के भीग जाने व चुल्हों के पानी में डूब जाने से ग्रामीण खाना पकाने में असहज हैं। वहीं दूसरी ओर मवेशी भी दुविधा में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्दी पानी नहीं निकाला गया तो उनके मकान ढह जाएंगे।
केरांवाली के ग्रामीण ओमप्रकाश, महेंद्र सिंह, लीलू राम, राम कुमार, महावीर, नेतराम ने बताया कि 3 दिन पहले हुई जोरदार बारिश से डिंग मंडी की ओर जाने वाली सड़क पर पानी खड़ा हो गया। इस सड़क के आसपास के 20-25 घरों में पानी घुसने लगा। उन्होंने अपने मुख्य दरवाजों के आगे मिट्टी का अवरोध बनाकर मुश्किल से पानी को रोका। उनका कहना है कि बार-बार प्रशासन से आग्रह किया गया, लेकिन अभी तक करीब 40 घंटे बाद भी पानी निकासी का कोई प्रबंध नहीं किया गया है। सड़क पूरी तरह से पानी से लबालब है और घरों की दीवारों के आसपास 3 से 4 फुट पानी लगा हुआ है। उनके घरों के अंदर सीलन भी बढऩे लगी है और अनाज व अन्य सामान खराब होने लगा है। उनके मकान कभी भी गिर सकते हैं इनका कहना है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो धूप निकलने के बाद उनके मकान भरभरा कर गिर जाएंगे।