राजेश सलूजा, सिरसा। अपना भारत मोर्चा के संयोजक एवं पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि देश में पूरी तरह से अव्यवस्था फैली हुई है। न देश में सभी लोगों को कोरोनारोधी वैक्सीन लगवाने की व्यवस्था है, न दवाई है। ऊपर से इस कोरोना काल में किसानों पर तीन कृषि कानून थोप कर संघर्षरत किसानों की पिटाई भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश में सरकार नाम की चीज नहीं है। देश में प्रधानमंत्री व प्रदेश में मुख्यमंत्री व उनके मंत्रियों में आपस में तालमेल नहीं है।
देश की अर्थव्यवस्था न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि देश में फैले कोरोना महामारी से बचाव की सरकारों द्वारा कोई तैयारी नहीं थी, इसलिए देशभर में इतने भयंकर तरीके से महामारी फैली है और पूरे भारत वर्ष के गांव व शहरी क्षेत्र इसकी चपेट में है। सरकार के पास न तो पर्याप्त मात्र में अस्पताल हैं, न ऑक्सीजन है और न ही दवाइयां हैं। ऑक्सीजन व दवाइयों की देशभर में कालाबाजारी हो रही है और सरकारें दवाई कंपनियों के आगे नतमस्तक हैं। डॉ. तंवर ने कहा कि अगर केन्द्र व प्रदेश सरकारों ने समय रहते कोरोना से बचाव के लिए तैयारी की होती तो तकरीबन 3 लाख कीमती जानें नही जाती और लोग इलाज के लिए इधर-उधर न भटकते। उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी की दर पहले ही काफी ज्यादा थी और कोरोना के कारण और भी ज्यादा बेरोजगारी बढ़ गई है तथा हरियाणा प्रदेश की बेरोजगारी दर पूरे देश में सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि पिछले दो-तीन महीनों के अंदर करोड़ों लोगों के रोजगार छिन गए हैं। इसके अलावा व्यापारियों के व्यापार चौपट हो गए हैं, उद्योग धंधे ठप्प हो गए हैं। किसानों को फसल का उचित मूल्य नहीं मिलता। किसानों की फसल मंडियों में खरीदी नहीं जा रही। शहरी और ग्रामीण लोगों के लिए कोई कामधंधा नहीं है।
शिक्षा की व्यवस्था दयनीय स्थिति में है। एक साल से बच्चों की पढ़ाई नहीं हुई है। प्रधानमंत्री का डिजिटल इंडिया हवा-हवाई होकर रह गया है। डॉ. तंवर ने कहा कि जिस रफ्तार के साथ देश में कोरोनारोधी वैक्सीनेशन का कार्य चल रहा है और अभी तक केवल 20 प्रतिशत लोगों का ही टीकाकरण हुआ है वो भी अधिकतर लोगों को एक ही डोज़ लगी है। अगर ऐसी ही रफ्तार चलती रही तो 2024 तक सरकार केवल वैक्सीनेशन पर लगी रहेगी। उन्होंने सरकार से पुख्ता कदम उठाने की अपील करते हुए कहा कि कोरोना की तीसरी लहर आने से पहले जो गलतियां सरकार द्वारा पहले हुई हैं उन्हें सुधारा नहीं किया तो परिणाम और भी भयावह होंगे। इसलिए सरकार सचेत हो जाए और पहले की गलतियों को सुधारने का काम करे। स्वास्थ्य एवं शिक्षा को ढांचे को जल्द ही सुदृढ़ करे। उन्होंने सभी चुने है नुमाइंदों से अपना भारत मोर्चा की तरफ से आग्रह किया है कि सभी एक फ्लेटफार्म पर आकर इस दिशा में कार्य करें। सरकार को भी चाहिए कि राजनीति छोडक़र सभी पार्टी के नेताओं व चुने हुए प्रतिनिधियों से बातचीत करे और इस दिशा में साकारात्मक कदम बढ़ाते हुए लोगों की जान की रक्षा करने का काम करे।