जागरूकता अभियान लोगों में जगा रहा नशा मुक्ति की लौ, प्रेरित होकर कई लोग छोड़ चुके नशा और अब दूसरों के लिए बन रहे प्रेरणा, -जिला को नशामुक्त करना प्रशासन की पहली प्राथमिकता, नागरिक आगे आकर नशा मुक्ति अभियान का बनें हिस्सा : उपायुक्त प्रदीप कुमार
सिरसा, राजेश सलूजा। कभी खुद नशे की दलदल में फंसकर जीवन के बर्बादी की कगार पर पहुंच गए थे, वहीं आज न केवल नशा छोड़ चुके हैं बल्कि दूसरों को नई दिशा दिखाने का काम कर रहे हैं। नशा मुक्ति को लेकर चलाए जा रहे जागरूकता अभियान ने लोगों में जागृत की लौ जलाने का काम किया है और जिसका परिणाम नशा ग्रस्त लोगों का एक-एक कर न केवल बाहर आना है, बल्कि दूसरे लोगों को भी नशा छोडऩे के लिए प्रेरित करना समाज में एक सकारात्मक संदेश दे रहा है। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए नशा मुक्त भारत अभियान की कड़ी में ही सिरसा को नशा मुक्त करने की दिशा में प्रशासन समाजसेवी व धार्मिक संस्थाओं के साथ मिलकर जागरूकता अभियान चलाए हुए है।
नशा मुक्ति अभियान के प्रभाव से न केवल लोग जागरूक होकर नशा छोड़ रहे हैं बल्कि इलाज के माध्यम से नशा छोडऩे के लिए आगे आ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि नशा को छोड़ा ना जा सके और इसको बहुत से लोगों ने जोकि नशे की दलदल में फंस चुके थे, इससे बाहर निकलकर ने केवल साबित किया बल्कि दूसरों के लिए प्रेरक भी बने हैं। ऐसे लोगों में धारा सिंह का नाम भी है, जिन्होंने अभी हाल ही में नशा छोड़ा है। धारा सिंह के मुताबिक वो नशे में पूरी तरह से ग्रस्त हो गया था और उसका जीवन पूरी तरह से बदहाली की कगार पर था। ऐसे में उन्होंने मन में ठाना कि नशे से बाहर निकलना है और इसी सोच के साथ उसने अपना इलाज करवाया और आज वो पूरी तरह से नशा से छुटकारा पा चुका है। धारा सिंह ने दूसरे ऐसे लोगों से जोकि नशा से ग्रस्त हैं, उनसे अपील की है कि वे हिम्मत करें और अपना इलाज करवाएं। इसी प्रकार अनेक लोगों के उदाहरण हैं, जोकि नशा की दलदल से निकलकर दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रहे हैं।
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि जिला को नशा मुक्त करना प्रशासन की प्राथमिकताओं में से एक है और इसके लिए लगातार प्रयास जारी हैं। नशा को लेकर किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। जो व्यक्ति नशे का कारोबार करता है या ऐसे धंधे में लिप्त है, उनको किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। नशा एक ऐसी बीमारी है, जिसे पूरे समाज के सहयोग से लडक़र ही खत्म किया जा सकता है। जिला का हर नागरिक नशा मुक्ति में प्रशासन का सहयोग करें। कोई व्यक्ति आपके आस-पास नशा का कारोबार करता है या संलिप्त है, उसकी सूचना पुलिस या प्रशासन को तुरंत दें। उन्होंने कहा कि प्रशासन जागरूकता व प्रभावी कार्रवाई के रूप में जिला को नशा मुक्त बनाने की दिशा में गंभीरता से काम कर रहा है। जिला में चलाए जा रहे नशा मुक्ति अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।
उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक इस अभियान से जुडक़र अपने जिला का नशा से पूरी तरह से मुक्त करने में सहयोग करें। नशा ग्रस्त लोगों को इससे बाहर लाने के लिए जहां जागरूक किया जा रहा है, वहीं इलाज व काउसलिंग के माध्यम से लोगों का नशा छुड़वाया जा रहा है। जिला में जिला बाल कल्याण परिषद द्वारा नशा मुक्ति केंद्रों में विभिन्न गतिविधियां चलाई जा रही है। जिला में दो नशा मुक्ति केंद्र व एक काउसलिंग सैंटर कार्यरत है। इनमें कालांवाली व बेगू रोड़ स्थित सिरसा में नशा मुक्ति केंद्र है तथा बाल कल्याण भवन में काउसलिंग सैंटर स्थापित है। जिला बाल कल्याण अधिकारी पूनम नागपाल ने बताया कि बेगू रोड़ स्थित केंद्र के माध्यम से चार ऐसे व्यक्तियों ने नशा छोड़ा है, जोकि नशे से पूरी तरह से ग्रस्त थे। उन्होंने बताया कि बाल भवन स्थित काउसलिंग सैंटर कॉलेजों व स्कूलों में समय-समय पर जागरूकता कैंप भी लगाता है।