सुरक्षा के दृष्टि से पुलिस बल रहा मौजूद, एंबुलेंस व शादी की गाडिय़ों को नहीं रोका
राजेन्द्र कुमार, सिरसा। संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर देशभर में आज किसानों ने तीन घंटे के लिए चक्का जाम किया। जिसका जिला सिरसा में भी व्यापक असर देखने को मिला। वहीं किसी अप्रिय घटना से निपटने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल भी जिले की सीमाओं पर तैनात रहा। हरियाणा राज्य परिवहन निगम की ओर से यूं तो बस अड्डा से बसों का संचालन किया गया। मगर जगह-जगह किसानों विभिन्न मार्गों पर जाम लगा होने के कारण वह अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाई। वहीं दूसरी ओर किसानों के जाम के दृष्टिगत सिरसा में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व बिजली मंत्री रणजीत सिंह के आवासोंं के बाहर भी सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे।
हरियाणा किसान मंच के प्रदेशाध्यक्ष प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा ने बताया कि मुसाबिहवाला के निकट पंजाब के जाने वाले रास्ते, रानियां, राजस्थान व हरियाणा को जोडऩे वाले चौपटा मार्ग, चौटाला-संगरिया मार्ग, भावदीव व खुइयांमलकाना टोल प्लाजा मार्ग को पूरी तरह जाम किया गया। भारूखेड़ा ने बताया कि देश भर में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक जाम किया गया। इमरजेंसी और आवश्यक सेवाओं जैसे एम्बुलेंस, स्कूल बस को नहीं रोका गया। यही नहीं चक्का जाम पूरी तरह से शांतिपूर्ण और अहिंसक रहा, जिसके लिए बकायदा प्रदर्शनकारियों को निर्देश दिए गए थे कि वे इस कार्यक्रम के दौरान किसी भी अधिकारी, कर्मचारियों या आम नागरिकों के साथ किसी भी टकराव में शामिल न हों। भारूखेड़ा ने बताया कि 3 बजे एक मिनट तक हॉर्न बजाकर, किसानों की एकता का संकेत देते हुए, चक्का जाम कार्यक्रम संपन्न होगा।
उन्होंने बताया कि जनता से भी अपील की गई थी कि वे अन्नदाता के साथ अपना समर्थन और एकजुटता व्यक्त करने के लिए इस कार्यक्रम में शामिल हों और हजारों लोगों की उपस्थिति ने ये दिखा दिया है कि आमजन किसान व किसानी को बचाने के लिए किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। इस मौके पर हैैप्पी रानियां व लखा अलीकां ने संयुक्त रूप से बताया कि किसान जनविरोधी फैसले लेकर खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रही है। पंूजीपतियों की गुलाम हो चुकी सरकार को सबक सिखाने के लिए किसानों को सडक़ पर आना पड़ा है। उन्होंने कहा कि जब-जब जनमत सडक़ों पर उतरा है तो ऐतिहासिक परिवर्तन हुए हैं और इस बार भी देश के इतिहास में एक नया अध्याय लिखा जाएगा। हालांकि सरकार ने आंदोलनरत किसानों को उठाने के लिए हर प्रकार से औच्छे हथकंडे अपना रही है।
कभी आंदोलनरत किसानों के स्थलों पर बिजली-पानी की सप्लाई बंद कर रही है तो कभी लोकतंत्र का गला घोटते हुए इंटरनेट सेवा बंद कर रही है। इन सबके बावजूद किसानों ने शंातिपूर्वक तरीके से आंदोलन को अंजाम दिया है। किसानों ने सरकार को चेताते हुए कहा है कि जब तक तीनों काले कानून रद्द नहीं होते और सरकार एमएसपी को लिखित में कानून नहीं बनाती, तब तक किसान इसी प्रकार से मोर्चे पर डटे रहेंगे। उन्होंने कहा कि किसान व किसानी को बचाने के लिए अगर कुर्बानियां भी देनी पड़ी तो किसान पीछे नहीं हटेंगे। किसान इस तानाशाह हो चुकी सरकार को सबक सिखाकर ही दम लेंगे, चाहे इसके लिए कितना भी लंबा संघर्ष क्यों न करना पड़े। इस मौके पर गुरदीप सिंह बाबा, हैप्पी रानियां, लखा अलीकां, सतपाल सिंह सिरसा सहित अन्य किसान नेता व हजारों की संख्या में किसान उपस्थित थे।
चप्पे-चप्पे पर रही पुलिस की पैनी नजर
किसान नेताओं ने बताया कि जिलेभर में 30 से अधिक स्थानों पर नैशनल व स्टेट हाइवे सहित लिंक मार्गों को जाम किया गया। इस दौरान कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस की पैनी नजर रही। पुलिस की गाडिय़ां तीन घंटे तक लगातार एक स्थान से दूसरे स्थानों पर दनदनाती रही। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटालाा में बिजली मंत्री रणजीत सिंह आवास के जहां पुलिस बल तैनात रहा। वहीं वाटर कैनन गाड़ी, एंबुलेंस व फायर ब्रिगेड की गाड़ी सहित अन्य प्रबंध किए गए थे।