राजेन्द्र कुमार, सिरसा। केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को बरनाला रोड स्थित भगत सिंह स्टेडियम में पक्का मोर्चा धरनास्थल पर श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम में तमाम गैर राजनीतिक संगठनों, सभी किसान संगठनों के अलावा सामाजिक संस्थाओं, बुद्धिजीवियों, साहित्यकारों और मीडिया कर्मियों को भी आमंत्रित किया गया। इस मौके पर सर्वप्रथम शहीद हुए सभी किसानों को पुष्पांजलि अर्पित कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। इस अवसर पर फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन ऑफ हरियाणा व एनएचएम कर्मचारी संघ हरियाणा की ओर से डा. जगतदीप सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीनों ही कानून असंवैधानिक हैं। कृषक, उपज, वाणिज्य और व्यापार कानून की धारा 13 के अनुसार केंद्र सरकार या किसी अधिकारी की ओर से दोषी पाए जाते हैं, तो इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती। प्रशासनिक अधिकारी को न्यायपालिका का अधिकारी बना दिया, जोकि मुमकिन नहीं हैं।
प्रशासनिक अधिकारी केवल और केवल प्रशासनिक कार्य देख सकता है न कि न्यायपालिका। बिल तो जून में आते हैं और कानून अक्तूबर में बनते हैं। आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत जमाखोरी की जो छूट दी गई है वो किसानों के हित में नहीं है। वो सिर्फ और सिर्फ अंबानी व अडानी के लिए लाभ के लिए हैं। मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से अडानी को 2018 तक 21 एग्रो कंपनियों का मालिक बना दिया गया, जिससे साफ है कि सरकार पंूजीपतियों को ही लाभ देना चाहती है। उन्होंने बताया कि अडानी की ओर से कई स्थानों पर साइलो बनाए जा चुके हैं, जहां ये किसानों से फसलें खरीद कर स्टोर करेंगे और फिर उसे महंगे दामों पर बेचकर कालाबाजारी करेंगे, जिससे आम जनता त्रस्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों की एक ही मांग है कि जब तक ये कानून वापिस नहीं लिए जाते, वे पीछे नहीं हटेंगे। उनका मोदी सरकार से एक ही सवाल है कि और कितने किसानों की लाशों से गुजरकर वे इन कानूनों को वापस लेने का ऐलान करेंगे। किसानों की समस्या का समाधान ही शहीद हुए किसानों को सच्ची श्रद्धांजलि है।