विश्वविद्यालय स्तर पर रंग व्यंजन प्रतियोगिता की विजेता बनी जीवीएम की टीम को किया पुरस्कृत
रणबीर सिंह, सोनीपत। गुलगुले-पूड़े-राबड़ी-चटनी-हरा साग-बाजरे की रोटी-हलुआ-खीर का लजीज देशी स्वाद बिखेरते हुए जीवीएम गल्र्ज कालेज की छात्राओं ने विश्वविद्यालय स्तर पर रंग व्यंजन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया था, जिन्हें विश्वविद्यालय की ओर से 31 हजार रुपये का पुरस्कार प्रदान किया गया है। प्राचार्या डा. ज्योति जुनेजा ने छात्राओं को विश्वविद्यालय की ईनाम राशि के साथ कालेज की ओर से मोमेंटो भेंट करते हुए सम्मानित किया। इस मौके पर संस्था के प्रधान डा. ओपी परूथी ने आधुनिक दौर की छात्राओं की देशी कला में महारत पर बधाई दी है। जीवीएम की प्राध्यापिका भूमिका शर्मा के नेतृत्व में 12 सदस्यीय छात्राओं के दल ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के तत्वावधान में आयोजित रंग महोत्सव की रंग व्यंजन प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, जिसका आयोजन मार्च-2020 में किया गया था।
टीम लीडर भूमिका के अनुसार कालेज की टीम में रितु, विशाखा, पूजा, अर्चना, तरूणा, ज्योति, नैन्सी, प्रिंसी, कनिका, सिमरन, पूजा व भावना सहित अटैंडेंट के रूप में कविता सैनी शामिल रही। रंग व्यंजन प्रतियोगिता में रितु ने बाजरे की रोटी व हरा साग, विशाखा ने गुलगुले व हलुआ, कनिका ने तीन प्रकार का चूरमा, पूजा ने मक्के की रोटी व खीर, अर्चना ने पेठे की सब्जी, तरूणा ने हलुआ व लाप्सी, ज्योति ने सवारी व राबड़ी, नैन्सी व प्रिंसी की जोड़ी ने मालपुए व राबड़ी, भावना व पूजा की जोड़ी ने गुड़ के पूड़े तथा तीन प्रकार की चटनियां और सिमरन ने स्वादिष्ट रायता व कसार बनाया। प्रतियोगिता के संयोजक, निर्णायक मंडल में शामिल शिक्षकों आदि ने जीवीएम की छात्राओं के व्यंजनोंं का स्वाद चखा तो वे भी वहीं भोजन किये बिना खुद को रोक नहीं सके। प्रतियोगिता की टीम लीडर भूमिका शर्मा ने बताया कि छात्राओं की ईनाम राशि विश्वविद्यालय की ओर से कालेज को प्रेषित की गई, जिसे प्राचार्या डा. ज्योति जुनेजा ने छात्राओं को प्रदान किया है। इस मौके पर प्राचार्या डा. जुनेजा ने कहा कि आधुनिक दौर की हमारी छात्राएं अपनी सभ्यता व परंपराओं को नहीं भूली हैं। इसका स्पष्ट उदाहरण देशी पकवान बनाने में सिद्धहस्त होने के रूप में सामने आया है। यह बेहद सुखद है कि छात्राएं अपनी जड़ों से जुड़ी हुई हैं।