मनरेगा योजना के तहत चल रहे कार्यों का उपायुक्त ने किया निरीक्षण, देवघर व मधुपुर अनुमंडल अंतर्गत ’’पानी रोको-पौधा रोपों’’अभियान के तहत 12 हजार पौधे लगाए गए, जिले में 1 लाख 20 हजार पेड़ लगाने का लक्ष्य निर्धारित
देवघर (झारखंड)। उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी कमलेश्वर प्रसाद सिंह ने देवघर व मधुपुर प्रखण्ड अंतर्गत कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न समाजिक दूरी से निपटने तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के उद्देश्य से मनरेगा योजना के तहत तीन महत्वपूर्ण एवं महत्वाकांक्षी योजना यथा-नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना एवं वीर शहिद पोटो हो खेल विकास योजना का निरीक्षण कर वास्तुस्थिति का जायजा लिया। इस दौरान उपायुक्त द्वारा देवघर प्रखंड के चरकी पहाड़ी गांव के 20 एकड़ भूमि, सारवा प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत घोरपरास में 12 एकड़ भूमि एवं कुसमहा पंचायत के बिसनपुर गांव में 2 एकड़ भूमि में पौधा रोपो अभियान की शुरुआत की गई। इसके अलावे उपायुक्त द्वारा ’’पानी रोको पौधा रोपो’’ अभियान की शुरुआत करते हुए इस संदर्भ में लोगों को जानकारी देते हुए कहा गया कि इन योजनाओं के माध्यम से हम अधिक से अधिक लोगों को रोजगार दे सकेंगे और जल एवं मृदा संरक्षण के कार्यों से गांव का पानी गांव में और खेत का पानी खेत में हीं रहेगा। इससे हम जिले के प्रत्येक गांव एवं टोला में वर्षा जल का संरक्षण कर भूजल को रिचार्ज करने में सफल हो सकेंगे। इसके तहत पंचायतवार लक्ष्य की अभिप्राप्ति हेतु इस अभियान का नियमित अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण करने हेतु संबंधित अधिकारियों को उपायुक्त ने आवश्यक व उचित दिशा-निर्देश दिया गया है। इस दौरान उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निदेशित किया कि योजना के तहत कार्य कर रहे श्रमिकों को साफ-सफाई के साथ-साथ शारीरिक दूरी का पालन करते हुए अपने कार्यों का निर्वहन करे, इस बात का विशेष ध्यान रखें। इसके अलावा निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त ने चल रहे आम बागवानी कार्यक्रम को लेकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व उचित दिशा-निर्देश दिया। निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गयी कि इन योजनाओं में से प्रतिदिन पंचायतों में कम से कम 200 से 250 मानव दिवस के सृजन का लक्ष्य रखा गया है, जिससे जहां एक ओर हम बड़ी आबादी को रोजगार दे सकेंगे। उपरोक्त उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु प्रत्येक पंचायत में औसतन 200 हेक्टेयर (500 एकड़) अपलेण्ड पर टीसीबी फिल्ड बंडिंग का कार्य इस वितीय वर्ष में सम्पादित किया जाना है। इस अभियान के अंतर्गत प्रत्येक गांव में टोला में कम से कम 5 योजनाएं संचालित किया जाना है। सबसे महत्वपूर्ण इन योजना के तहत ग्रामीणों को फलदार वृक्ष लगाने व उसकी देखभाल करने संबंधी रोजगार मिलेगा। साथ हीं इसमें बुजुर्गों और विधवा महिलाओं को प्राथमिकता दी जायेगी, ताकि उनके लिए भी रोजगार उपलब्ध हो सके। इस योजना के जरिये सरकार सडक़ किनारे, सरकारी भूमि, व्यक्तिगत या गैर मजरुआ भूमि पर फलदार पौधा लगाने के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित करेगी। इन पौधों की देखभाल की जिम्मेवारी ग्रामीणों की होगी। अगले पांच साल तक पौधों को सुरक्षित रखने के लिए सहयोग मिलेगा। उन्हें पौधों का पट्टा भी दिया जायेगा, जिससे वे फलों से आमदनी कर सकें। पौधारोपण के करीब तीन साल बाद प्रत्येक परिवार को 50 हजार रुपये की वार्षिक आमदनी होगी। साथ ही फलों की उत्पादकता बढऩे की स्थिति में फलों को प्रसंस्करण व उसके बाजार उपलब्ध कराने की व्यवस्था होगी। इस योजना के तहत पूरे जिले में एक हजार एकड़ में पौधारोपण के साथ दो लाख पौधा लगाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। निरीक्षण के पश्चात उपायुक्त कमलेश्वर प्रसाद सिंह ने संबंधित क्षेत्र के पंचायत सचिव एवं रोजगार सेवक को निदेशित किया गया कि उनके क्षेत्र में बाहर से आये प्रवासी श्रमिकों को चिन्हित कर उनका जॉब कार्ड बनाना सुनिश्चत करें, ताकि उनका निबंधन कर उन्हें मनरेगा के तहत रोजगार मुहैया कराया जा सके। साथ हीं इस बात का भी ध्यान रखा जाय कि कोई भी योग्य व्यक्ति अथवा प्रवासी श्रमिक न छूटे। सभी को चिन्हित कर उनका जॉब कार्ड बनाया जाय।
हरित ग्राम योजना का संचालन
इसके अलावे उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गई कि मधुपुर अंतर्गत कुल 18 पंचायतों के 41 गांव में 82 लाभुकों के 80 एकड़ भूमि पर बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत बागवानी योजना का क्रियान्वयन कराया जा रहा है जिसमें आम के दो नस्ल आम्रपाली एवं मल्लिका का पौधा लगाया जाएगा इस योजना में जितनी भी खाद पौधा पेस्टिसाइड की आवश्यकता होगी वह विभाग के स्तर से उपलब्ध कराया जाएगा एवं साथ ही लाभुकों को योजना में किए गए कार्य का मजदूरी भुगतान भी कराया जाएगा। ऐसे में इससे जुड़े सभी लाभुकों को 2 गुना फायदा होगा एवं उसमें कार्य करने पर मजदूरी की राशि सीधे उनके खाते में हस्तांतरित की जाएगी। इसके अलावे उपायुक्त द्वारा मधुपुर अनुमंडल अंतर्गत गढिय़ा पंचायत में पौधा रोपो अभियान की शुरुआत की गई। साथ ही गढिय़ा पंचायत के गढिय़ा गांव में सिंचाई जल कूप और डोभा कार्य का निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। इसके अलावे उपायुक्त ने मधुपुर नगर पालिका कार्यालय का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। साथ ही संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व उचित दिशा निर्देश दिया। ज्ञात हो इस कार्यालय की नींव1909 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा की गई थी। निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त ने अनुमंडल कार्यालय मधुपुर का भी अवलोकन किया। इस दौरान उपरोक्त के अलावे उप विकास आयुक्त शैलेंद्र कुमार लाल, अनुमंडल पदाधिकारी, मधुपुर योगेंद्र प्रसाद, डीआरडीए निर्देशक श्रीमती नयन तारा केरकेट्टा, परियोजना पदाधिकारी विशम्बर पटेल, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, एवं संबंधित अधिकारी आदि उपस्थित थें।