खाप प्रधान कभी दलित समाज से क्यों नहीं बना : अम्बेडकर
सांपला, (महेश कौशिक)। अक्सर खाप पंचायतें अपने फैसले को लेकर समाज के लोगों के निशाने पर ही रहती है। भले ही खाप पंचायतों का गठन समाज के हितों के लिए ही किया गया हो। अस्थल बोहर बाबा मस्तनाथ के डेरे में बनी हुई समाधी को लेकर अब खाप पंचायत व डेरे की समाधी से जुड़े हुए जाति के लोग आमने सामने है। आज जारी एक ब्यान में कांशीराम ब्रिगेड के प्रभारी, राजसिंह अम्बेडकर ने नांदल खाप के उस ब्यान की निंदा करते हुए कहा हैं, खाप खुद जातिवाद का शिकार हैं। खापों के नाम पर हमेशा एक जाति विशेष के दबंगो ने दलित समाज का शोषण किया हैं। उन्होंने कहा हैं कि बाबा मस्तनाथ डेरे में सदियों से ही जातिवाद हावी रहा है जिसके सदियों पुराने प्रमाण मौजूद हैं। खाप प्रधान हमे डराने धमकाने की कोशिश न करें। खापों का काम सामाजिक भाईचारा बनाने का होता है लेकिन नांदल खाप अपने दबंग जातीय घमंड में चूर होकर दलित समाज व दलित समाज के गुरुओं को समझौते की धमकी देकर दोषियों के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा है कि क्या खाप एक ही जाति विशेष की होती हैं, खाप प्रधान जवाब दे कि सदियों से खाप प्रधान एक ही जाति के क्यो बनाये जाते हैं क्या हरियाणा प्रदेश में सिर्फ एक ही जाति के लोग रहते हैं, क्या कारण हैं कि इस प्रदेश में आधी आबादी दलितों की होने के बावजूद भी कभी खाप प्रधान दलित समाज से क्यों नहीं बना। राजसिंह अम्बेडकर ने कहा कि हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक दलित साधुओं की समाधियां तोडऩे ने वालों के खिलाफ कार्रवाही नही की जाती। दलित समाज खाप की किसी भी धमकी से डरने वाला नही हैं। खापों ने हमेशा हमारे पूर्वजों का शोषण किया है जो अब बर्दास्त से बाहर हैं। अब समाज अपने सम्मान, स्वाभिमान के लिए करो या मरो की लड़ाई लडऩे के लिए तैयार है चाहे हमें अपनी जान ही क्यों न देनी पड़े। राजसिँह अम्बेडकर ने खाप प्रधान से पूछा कि जब बाबा रमेश नाथ जी के कहने पर दलित समाज का प्रतिनिधि मण्डल नांदल भवन में अपनी बात रखने गया था और 22 मई 2020 को सर्किट हाउस रोहतक में प्रशासन के सामने खाप ने एक तरफा बात की और प्रशासन के सामने ही हमारे प्रतिनिधि मण्डल को बेइज्जत किया तब प्रशासन भी मूकदर्शक बना रहा। इसी से पता चलता है कि डेरा गुंडागर्दी का अड्डा बन चुका है क्योंकि कानून खाप और बाबा के सामने नतमस्तक हैं। इसलिए हम अपने कुलगुरुओ की समाधि तोडऩे वाले और उनका साथ देने वाली खाप पंचायत के खिलाफ लडऩे के लिये तैयार हैं।
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