- सब चाहते है कि उनका जीवन खुशियों से भरा रहे
- लॉकडाउन में मिला भूले हुए रिश्तों को नया स्वरूप देने का समय
- कोरोना काल में इंसान को मिला सोचने का समय
फिल्म एवं टीवी कलाकार जितेन्द्र भारद्वाज से रणबीर सिंह रोहिल्ला की विशेष बातचीत
मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया, हर फिक़्र को धुएं में उडाता चला गया। बरबादियों का सोग मानना फिज़ूल था, बरबादियों का जश्न मनाता चला गया। जो मिल गया उसी को मुक़द्दर समझ लिया, जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया। उक्त गाना मोहम्मद रफी द्वारा हम दोनो फिल्म के लिए सन 1961 में गाया था। जो इस समय बिल्कुल सटीक बैठता है। ये कहना है मुम्बई के मलाड वेस्ट में रहने वाले फिल्म एवं टीवी कलाकार जितेन्द्र भारद्वाज का। उन्होंने कहा कि भारत देश जल्द ही कोरोना वायरस से मुक्त हो जाएगा। भारत के लोगों ने हमेशा हर विपदा का डटकर मुकाबला करते हुए उस पर विजय पाई है। फिल्म एवं टीवी कलाकार जितेन्द्र भारद्वाज संवाददाता रणबीर सिंह रोहिल्ला से फोन पर विशेष बातचीत कर रहे थे। टीवी कलाकार भारद्वाज ने कहा कि इंसान ने चकाचौंध भरी जिंदगी की भागदौड़ में सबकुछ भुला दिया था, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने इंसान को इंसान की अहमियत का अहसास करा दिया। देश में लागू लॉकडाउन के कारण इंसान को सोचने का समय मिला, जिसमें उसे भूले हुए रिश्तों को एक नया स्वरूप देने का समय मिला। मुम्बई के मलाड वेस्ट में रहने वाले (कैथल, हरियाणा) के फिल्म एवं टीवी कलाकार जितेन्द्र भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने करीब 25 फिल्मों हिन्दी, पंजाबी, भोजपुरी, राजस्थानी में काम करने के अलावा 150 टीवी सीरियलों में काम किया है। उन्होंने धर्मेन्द्र व अमिताभ बच्चन व शाहरूख खान के साथ काम किया है। उन्होंने फिल्म न्यायदाता, देव, हिन्दुस्तान की कसम, तेरा मेरा की रिश्ता, वीरजारा आदि फिल्मों में बतौर हीरो, विलन व कलाकार के रूप में काम किया है। फिल्म एवं टीवी कलाकार जितेन्द्र भारद्वाज ने देश के नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना वायरस से बचने के लिए बिना जरूरी कार्य के अपने घर से बाहर नहीं जाना चाहिए। अगर अति जरूरी कार्य हैं तो बाहर जाते समय मास्क अवश्य पहनना चाहिए, सोशल डिस्टैंस तथा सैनीटाईजर इस वायरस से बचाने के लिए अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। देश के नागरिकों से अपील करते हुए फिल्म एवं टीवी कलाकार जितेन्द्र भारद्वाज ने कहा कि हम इस महामारी के प्रति सावधानी तथा सभी नियमों का सही तरीके से पालन कर वायरस को रोक सकते हैं। हमें हाथों की स्वच्छता, मास्क का उपयोग, सामाजिक दूरी का पालन करना चाहिए, ताकि जल्द ही इस संकटकाल से छुटकारा पा सके। जितेन्द्र भारद्वाज ने बताया कि आज हमारा देश बहुत ही भयंकर बीमारी का सामना कर रहा है। ऐसे समय में ऐसा कौन सा इंसान है जो जीवन में खुश नहीं रहना चाहता। खुशी मन की अवस्था हैं, सब यही चाहते है कि उनका जीवन खुशियों से भरा रहे। इतनी व्यस्त लाइफ और तनाव भरी दिनचर्या में खुद को खुश रख पाना बहुत मुश्किल है। फिल्म एवं टीवी कलाकार भारद्वाज ने कहा कि हमें अपना हर पल, हर दिन ऐसे जीना चाहिए जैसे आपको आज ही जिंदगी मिली हो। अगर आप खुशी से जिंदगी जीना चाहते हैं तो हमेशा खुश रहें। हमें हमेशा दूसरों की सहायता करनी चाहिए, हम सभी को अपने जीवन में हमेशा मुस्कुराते रहना चाहिए। कुछ ही दिनों में आप खुद को बेहतर महसूस करोगे। टीवी कलाकार भारद्वाज ने कहा कि हमारी सकारात्मक सोच का होना भी बहुत जरूरी होता हैं। नकारात्मक सोच तनाव का कारण है। हमें हमेशा वर्तमान में जीना चाहिए। इसलिए अपने प्रियजनों के साथ समय व्यतीत करें और अपने विचार उनके साथ साझा करें। उन्होंने कहा कि मनुष्य भागदौड़ भरी जिंदगी में अपने सभी रिश्ते भूल चुका था, लेकिन इस वैश्विक महामारी के कारण हुए लॉकडाउन ने सभी भूले हुए रिश्तों को एक नया जन्म दिया है। कोरोना वायरस के दौरान लागू हुए लॉकडाउन ने जिंदगी की रफ्तार पर बरैक लगा दिया। सभी को जिंदगी के बारे में सोचने का समय मिला है। इसलिए हमेशा अच्छी सोच के साथ आगे बढऩा चाहिए और जीवन में बने रिश्तों को निभाना चाहिए। टीवी कलाकार भारद्वाज ने कहा कि वक्त कभी समान नहीं रहता वक्त के साथ सब कुछ बदल जाता हैं, लेकिन अपने व्यवहार को इस तरह रखे कि कभी भी वक्त के आगे आपको झुकना ना पड़े। कहते है इंसान जिस चीज से भागता है, उसे उसका सामना करना पड़ता है, इसलिए कभी किसी चीज़ से घृणा ना पाले और शारीरिक सुंदरता कभी नहीं टिकती ना उस पर अभिमान करना चाहिए और ना ही किसी को उसके रूप के लिए कोसना चाहिए। भारद्वाज ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण सारी दुनिया संकट में है। लेकिन इससे डरने से काम नहीं चलेगा। हमें पूरे आत्मविश्वास के साथ कोरोना के खिलाफ लड़ाई जीतना है। उन्होंने संदेश दिया है कि इस महामारी से बचाव के लिए केवल जागरूक ही सबसे बेहतर बचाव है।
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