जर्मनी में की थी एमडी व कैंसर में सुपर स्पेसलाइजेशन
सुखबीर सैनी, खरखौदा। मटिंडू गांव की बेटी सीमा दहिया जर्मनी में कोरोना योद्धा के रूप में लड़ाई लड़ रही है। गांव की बेटियों ने देश ही नहीं विदेशों में भी अपने साम्मर्थ का परिचय दिया है। ऐसा ही एक उदाहरण खरखौदा के मटिंडू गांव की लडक़ी सीमा का है। जो जर्मनी के एक बड़े अस्पताल में इन दिनों कोविड-19 कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का इलाज कर रही है। जबकि सीमा का भाई सिद्धार्थ दहिया अपनी चिकित्सक पत्नी के साथ भोपाल में कोविड 19 के मरीजों की सेवाऐं कर रहे हैं। वैश्विक महामारी कोविड-19, कोरोना वायरस से इन दिनों लगभग पूरा विश्व जूझ रहा है। खरखौदा की सीमा दहिया जर्मनी में बतौर कैंसर सुपरस्पेशलिस्ट डाक्टर के तौर पर अपनी सेवाएं देकर कोरोना से पीडि़त मरीजों का इलाज कर रही है। जर्मनी वे सीमा दहिया रोजाना करीब 12 से 18 घंटे ड्यूटी दे रही है। उनके भाई सिद्धार्थ दहिया व भाभी भोपाल में डाक्टर हैं और कोरोनों में ड्यूटी देते हुए देश की सेवा में जुटे हुए हैं। सीमा दहिया मूलरूप से गांव मटिंडू से संबंध रखती है, जिनके पिता कुलदीप पहलवान खरखौदा में रहते हैं व माता निर्मला देवी हरियाणा सरकार में रोजगार कार्यालय में अधिकारी है। कुलदीप दहिया के भाई संजय दहिया हिंदू केसरी अर्जुन अवार्डी पहलवान हैं। सीमा दहिया कुलदीप पहलवान की बड़ी बेटी है। मौजूदा हाल में खरखौदा स्थित बिरला स्कूल के डायरेक्टर कुलदीप दहिया ने बताया कि उनकी बेटी सीमा दहिया ने दिल्ली हिंदू राव दिल्ली से 12वीं किया, इसके बाद भारती विद्धापीठ पूना से एमबीबीएस की। इसके बाद एमडी करने के लिए जर्मनी गई। जहां पर एमडी करने के बाद जर्मनी से ही सीमा दहिया ने कैंसर में सुपर स्पेसलाइजेशन किया। इसी दौराना कोरोना महामारी फैल कई। अब वे दिन रात कोरोना पीडितों की सेवाएं कर रही हैं। सीमा पिछले काफी समय से जर्मनी में स्टेफरक्लीनिकुम अस्पताल में सेवाऐं दे रही हैं। कुलदीप पहलवान ने बताया कि जर्मनी व इंडिया का आपस में टाईमिंग में भी काफी फेरबदल है। इसके बाद कोरोना महामारी के चलते बेटी की ड्यूटी दिन रात होने के कारण उनकी बेटी से भी 15 से 20 दिन में ही मुश्किल से बात हो पाती है। वीडियो कांफ्रेंस कॉल के जरिए बेटी बताती है कि किस तरह से कोरोना महामारी से चिकित्सकों की टीम दिन रात लड़ रही है। उन्होंने संदेश दिया है कि इस महामारी से बचाव के लिए केवल जागरूक ही सबसे बेहतर बचाव है। कुछ भी टच होने के बाद हाथों को अच्छे से साफ करें।