रिपोर्टिंग करते समय रखें देशहित का ध्यान, देवर्षि नारद जयंती पर किया ऑनलाइन पत्रकार मिलन कार्यक्रम का आयोजन
सोनीपत 24, ब्यूरो, जींद। पुराणों के अनुसार हर साल ज्येष्ठ माह की कृष्णपक्ष द्वितीया को नारद जयंती मनाई जाती है। देवर्षि नारद दुनिया के प्रथम पत्रकार हैं, क्योंकि देवर्षि नारद ने इस लोक से उस लोक में परिक्रमा करते हुए संवादों के आदान-प्रदान द्वारा पत्रकारिता का प्रारंभ किया था। वे हमेशा तीनों लोकों में घूमते रहते हैं तथा देव, दानव और मानव को महत्वपूर्ण जानकारी देते रहते हैं। यह बात वरिष्ठ पत्रकार अशोक छाबड़ा ने बुधवार को सिरसा जिले द्वारा देवर्षि नारद की जयंती के अवसर पर आयोजित ऑनलाइन पत्रकार मिलन कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम में सुभाष कुमार विभाग प्रचार प्रमुख (हिसार विभाग), रोहित सहविभाग प्रचार प्रमुख (हिसार विभाग), संजीव सहजिला कार्यवाह सिरसा जिला, मुकेश कुमार पत्रकार संपर्क प्रमुख हिसार विभाग, अमित सहजिला प्रचार प्रमुख जिला सिरसा भी विशेष तौर पर मौजूद रहे। अशोक छाबड़ा ने बुधवार को कहा कि संकट के समय पत्रकारों को अधिक जिम्मेदारी से लोगों के कल्याण और समाज की एकता के लिए काम करना चाहिए। इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र (आईवीएसके) की ओर से देव ऋषि नारद की जयंती पर आयोजित वेबीनार संबोधन में अशोक छाबड़ा ने कहा कि पत्रकारों को रिपोर्टिंग करते समय हमेशा लोगों और समाज के कल्याण को ध्यान में रखना चाहिए और देश में काफी पत्रकार ऐसा करते भी हैं। उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया में एक वर्ग द्वारा भारत की जो छवि पेश करने का प्रयास किया जा रहा है, वह जमीनी हकीकत से कोसों दूर है। छाबड़ा ने कहा कि ऐसा कुछ भारतीय पत्रकारों द्वारा भी किया गया। रिपोर्टिंग करते समय पत्रकारों को देशहित को ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब देश कोविड-19 महामारी का सामना कर रहा है, तब पत्रकारों को अधिक जिम्मेदारी से लोगों के कल्याण और समाज की एकता के लिये काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकार के अंदर यह भावना रहनी चाहिए कि जिस समाज से जुड़े विषयों को वह उठा रहा है, वह उसका अपना है। उसका काम समाज को केवल समाचार देना नहीं, बल्कि सावधान करना और अच्छे काम के लिए प्रोत्साहित करना भी है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय परंपरा में समाज संसाधन नहीं, बल्कि हमेशा मनुष्य को समाज का अंग माना जाता है। छाबड़ा ने कहा कि हमें समाचार बनाते समय ध्यान रखना चाहिए कि देश के गौरव, सम्मान, एकता और अखंडता को कोई नुकसान ना पहुंचे। अशोक छाबड़ा ने कहा कि देवऋषि नारद पत्रकारिता के जनक माने गए हैं। देवऋषि की पत्रकारिता लोक कल्याणार्थ रही। उन्होंने हमेशा जगत के कल्याण के लिए सूचनाओं का आदान प्रदान की। इसी परंपरा को बढ़ाते हुए वर्तमान पत्रकारिता समाज को दिशा दे रही है। आयोजित वेबिनार में उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व भारत की भारतीयता को स्वीकार कर रहा है। विदेशी लोग भारत के संस्कार, नमस्कार, जीवनशैली, खानपान आदि को अपना रहे हैं। वही दूसरी ओर कुछ भारतीय ही भारत की प्रतिष्ठा के दुश्मन बने हुए हैं। उन्होंने बताया कि कुछ अवार्ड वापसी गैंग के लोग देश की छवि के विपरीत व मनगढ़ंत तथ्य पूर्ण समाचारों को प्रचारित कर रहे हैं। भारत के भीतर ही भारत विरोधी शक्तियां सक्रिय है। अशोक छाबड़ा ने कहा कि नारद जी के चरित्र को वर्तमान में पत्रकार व पत्रकारिता लेखन से जुड़े लोगों को अपने जीवन में उतारना चाहिए। अशोक छाबड़ा ने कहा कि देवर्षि नारद धर्म के प्रचार तथा लोक-कल्याण हेतु सदैव प्रयत्नशील रहते थे। केवल देवता ही नहीं दानव भी उनसे परामर्श लिया करते थे। श्रीमद्भगवद् गीता के दशम अध्याय के 26वें श्लोक में स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने इनकी महत्ता को स्वीकार करते हुए कहा है देवर्षियों में मैं नारद हूं। व्यापक दृष्टि से देखें तो देवर्षि नारद केवल सूचनाओं का आदान-प्रदान नहीं करते थे। वे तो वाणी का प्रयोग लोकहित में करते थे। नारद स्थायी रूप से कहीं नहीं रहते थे। वे निरंतर भ्रमण करते रहते थे और एक स्थान पर रहना उनके लिए अवांछनीय था। इसलिए पत्रकारिता के लिए भ्रमणशीलता जरूरी मानी गई है। नारद मुनि पत्रकारिता के पितामाह थे, जिन्होंने समाज में संवाद का कार्य शुरू किया था। पत्रकारों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए और मानवता के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। पत्रकारिता के लिए व्यवसाय करना तो ठीक है, लेकिन व्यवसाय के लिए पत्रकारिता करना उचित नहीं है। आज सोशल मीडिया के जन्म के कारण पत्रकारिता के क्षेत्र में चुनौती बढ़ गई हैं। सोशल मीडिया ने आज प्रत्येक व्यक्ति को पत्रकार बना दिया है। इसके चलते सोशल मीडिया पर झूठ का भी काफी बोलबाला रहता है। यही कारण है कि सोशल मीडिया समाज में अपनी विश्वसनियता कायम नहीं कर पाई है। एक बार समाचार पत्र में कोई समाचार प्रकाशित होने के बाद प्रत्येक व्यक्ति उस समाचार पर आंख बंद करके विश्वास कर लेता है। आज अपनी इस विश्वसनियता को बनाए रखना पत्रकारों के लिए बड़ी चुनौती है। पत्रकारों को चाहिए कि वह बिना किसी दबाव में राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर पत्रकारिता करें और अपनी कलम के माध्यम से समाज को नई दिशा देने का काम करें। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी महामारी के दौरान आप जिस निष्ठा से अपना कत्र्तव्य निभा रहे हैं, इसके लिए देश आपका सैदेव ऋणी रहेगा। अशोक छाबड़ा ने कहा कि यह बड़ी विड़ंबना है कि कोरोना महामारी के कारण इस बार दवर्षि नारद जयंती पर आप लोगों से पत्यक्ष तौर पर मिलना नहीं हो पा रहा है। इसी के चलते ऑनलाइन ही बातचीत करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि पत्रकार कोरोना के इस दौर में अपने आप व अपने परिवार को सुरक्षित रखकर अपनी जिम्मेदारी निभाएं। अपनी कलम का प्रयोग हमेशा देशहित व समाजहित में करें। समाज में पत्रकार की जो विश्वसनियता है उसे निरंतर बनाए रखें।