युवा वर्ग को विचारधारा पर आगे बढऩे के लिए प्रेरित करना होगा
रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने कहा कि सिखों के पांचवें गुरु श्री अर्जुन देव साहिब द्वारा श्री गुरू ग्रंथ साहिब की रचना कर पूरे समाज को नई दिशा प्रदान की। उनकी कुर्बानी हमेशा हमें सकारात्मक तरीके से आगे बढऩे के लिए प्रेरित करती रहेगी। उन्होंने कहा कि आज हमें अपने युवा वर्ग को उनकी विचारधारा पर आगे बढऩे के लिए प्रेरित करना होगा, ताकि समाज को मजबूती प्रदान की जा सके। मंगलवार को गुरू गोबिंद सिंह जी महाराज के शहीदी दिवस पर दशमेश गत्ता अखाड़ा द्वारा रेलवे स्टेशन पर कोरोना महामारी के चलते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ठंडे-मीठे शर्बत को बोतल के माध्यम से टिकट बुकिंग करवाने आए नागरिकों में वितरित किया। जिसमें राजीव जैन ने शिरकत की। हालांकि पूर्व में शहीदी दिवस पर रेलवे स्टेशन में बाहर छबील लगाई जाती थी। उन्होंने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि हमेशा जरूरतमंद की सेवा का भाव निरंतर इंसानियत को मजबूत बनाता है। उन्होंने कहा कि अर्जुन देव जी का धर्म के प्रति समर्पण, निर्मल हृदय और कर्तव्यनिष्ठा को देखकर 1581 में उन्हें पांचवें गुरु के रुप में गद्दी दी गई थी। वहीं 1570 ईस्वी में गुरू रामदास द्वारा निर्मित अमृतसर तालाब के बीच में हरमंदिर साहिब नामक गुरूद्वारे की नींव रखवाई थी, जिसे वर्तमान में स्वर्ण मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस गुरूद्वारे की नींव लाहौर के एक सूफी संत साईं मियां मीर जी से दिलाई गई थी। माना जाता है कि लगभग 400 साल पुराने इस गुरूद्वारे का नक्शा खुद गुरू अर्जुन देव जी ने तैयार किया था। उन्होंने कहा कि माना जाता है कि श्री गुरू ग्रंथ साहिब में 2 हजार से ज्यादा शब्द श्री गुरू अर्जुन देव जी के हैं, जबकि अन्य शब्द भक्त कबीर, बाबा फरीद, संत नामदेव, संत रविदास, भक्त धन्ना, भक्त पीपा, भक्त सैन, भक्त भीखन, भक्त परमांनद, संत रामानंद के हैं। इसके अलावा सत्ता, बलवंड, बाबा सुंदर तथा भाई मरदाना व अन्य 11 भाटों की बाणी भी गुरू ग्रंथ साहिब में दर्ज है। गुरु अर्जन देव जी ने ही 1604 में दरबार साहिब में पहली बार गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश किया था। उन्होंने कहा कि आज हमें गुरु देव की विचारधारा को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाते हुए अपना दायित्व निभाना है। इस मौके पर जत्थेदार रमनप्रीत सिंह, सुरजीत सिंह, सरबजीत सिंह, शरणजीत सिंह, अरविंदर पाल सिंह, जसप्रीत, जसमीत, जसकरण, हरजीत सिंह आदि मौजूद रहे।