ओआर-2 लघुग्रह 29 अप्रैल को पृथ्वी के नजदीक से गुजरेगा : वत्स
रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। कोरोना संक्रमण से इन दिनों दुनिया दहशत में है। वहीं दूसरी ओर एक 4 किलोमीटर आकार का विशाल क्षुद्रग्रह (लघुग्रह) जो 29 अप्रैल को 31320 किमी. प्रति घंटे की गति से पृथ्वी के नजदीक से गुजरेगा, के टकराने का डर लोगों को सताने लगा है। माना जाता है कि धरती पर प्रलय अतीत में लघुग्रह के कारण ही आया होगा, तभी डायनासोर जैसे विशालकाय जीवों का अस्तित्व खत्म हुआ होगा। हरियाणा विज्ञान मंच के राज्य सचिव कृष्ण वत्स ने बताया कि असल में क्षुद्रग्रह हमारे सौर परिवार के ही सदस्य हैं जो मंगल व बृहस्पति के बीच लाखों, करोड़ों की संख्या में विद्यमान हैं। ये कभी कभार बृहस्पति के गुरुत्व से छिटकर धरती के करीब आ जाते हैं, जिसके कारण इनकी पृथ्वी से टकराने की आशंका बनी रहती है। वैज्ञानिकों ने इसकी खोज 1998 में कर ली थी, इसलिए इसका नाम 1998 ओआर-2 व 52768 दिया है जो एक चपटी कक्षा में सूर्य की परिक्रमा करने में 1344 दिन का समय लेता है। यह जितना विशाल है यदि धरती से टकरा जाये तो इसमें जरा संदेह नहीं कि महाविनाश ला सकता है, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं होने वाला है। जब यह पृथ्वी के करीब से गुजरेगा तो धरती व इसके बीच की दूरी 63 लाख किलोमीटर होगी, परन्तु 16 अप्रैल 2079 को धरती से इसकी दूरी मात्र 18 किलोमीटर होगी। अक्सर ऐसे लघुग्रह धरती के करीब से होकर गुजरते रहते हैं, जिनकी पृथ्वी से टकराने की संभावना बहुत कम होती है। आज विज्ञान इतना विकसित हो चुका है कि धरती से टकराने वाले पिण्ड अथवा लघुग्रह की दिशा को बदल सकता है।