480 रेहड़ी संचालकों को दिया गया है सब्जी पहुंचाने का लाईसेंस, सब्जी उत्पादक आठ समूहों ने उठा रखी है सब्जी आपूर्ति की जिम्मेदारी
रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। कोरोना कोविड-19 की आपदा के दौरान जिला प्रशासन द्वारा घरों तक सब्जी पहुंचाने की व्यवस्था का हर कोई मुरीद है। रसोईघर की सबसे प्रमुख जरूरतों में शामिल सब्जी व फलों के लिए अब लोगों को सब्जी मंडी नहीं जाना पड़ता, बल्कि मंडी अब खुद चलकर उनके द्वार पर पहुंच गई है। व्यवस्था इतनी बेहतरीन कि शुरूआती तीन दिनों के बाद अब कोई भी शिकायत प्रशासन के पास नहीं पहुंच रही। जिला में सब्जी आपूर्ति की बात करें तो सब्जी मंडी में पहले सुबह छह बजे से रात आठ बजे तक सब्जी मंडी लगती थी। 12 से 14 घंटे के दौरान मंडी में भारी भीड़ रहती थी। कोरोना कोविड-19 की महामारी के दौरान जिला प्रशासन के सामने सबसे बड़ी समस्या आम लोगों तक अन्य जरूरी खाद्य सामग्री के अलावा सब्जी की आपूूर्ति की थी। इसी समस्या को देखते हुए उपायुक्त डा. अंशज सिंह के सुझाव पर सब्जी को आम लोगों के घर तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए बागवानी विभाग में रजिस्टर्ड आठ फार्मर ग्रोइंग आर्गेनाईजेशन (एसपीओ) को चुनाव गया और उन्हें मंडी तक सब्जी की बेहतर ढंग से आपूर्ति करने का निर्णय लिया गया। इसी दौरान 480 हाथ रेहड़ी वाले वेंडरों को लाईसेंस दिए गए। आम किसानों द्वारा मंडी तक सब्जी की सीधी आपूर्ति भी सुनिश्चित की गई। आढ़तियों को निर्देश दिए गए कि वह लाईसेंस धारक रेहड़ी विक्रेताओं को ही सब्जी व फल बेचेंगे। योजना ने कारगर ढंग से काम किया। सुबह पांच बजे से दस बजे तक मंडी में काम शुरू किया गया। परिणाम बेहतर रहे और अब स्थिति यह है कि आठ बजे तक तीन घंटे में ही मंडी का पूरा काम निपट जाता है। इसके बाद सुबह 10 बजे से सांय पांच बजे तक सब्जी विक्रेता लोगों को घरों तक पहुंचकर सब्जी की आपूर्ति कर देते हैं। इन सब्जी विक्रेताओं को मास्क, हैंड सेनेटाईजर और सामाजिक दूरी बनाकर काम करने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं। यही नहीं सुबह 9 बजे तक प्रशासन की तरफ से इन्हें उस दिन के सब्जी के दामों की सूची भी उपलब्ध करवा दी जाती है, ताकि ग्राहकों से निर्धारित दामों से ज्यादा पैसे न लें। इसके अतिरिक्त जिला प्रशासन के व्हाट्सएप ग्रुप पर वेट लिस्ट डाली जाती है। वहीं डीआईपीआरओ द्वारा इस सूची को प्रतिदिन स्वयं सेवकों के व्हाट्सएप ग्रुप तथा मीडिया के ग्रुपों पर डालकर रेट लिस्ट को वायरल किया जाता है, ताकि उपभोक्ताओं को सहजता से पता चल सके कि सब्जी मंडी में क्या भाव चल रहा है।