शहर में 12 स्थानों पर सस्ती दरों पर मिलेंगे मास्क , कोरोना वायरस को लेकर स्थिति नियंत्रण में, अफवाहों पर न दें ध्यान, चिन्हित देशों से आने वाले लोगों को रखा जाए 28 दिन तक जांच के दायरे में, जागरूकता फैलाते हुए दें संरक्षित रहने के उपायों की जानकारी
रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। विदेशों से आने वाले व्यक्तियों को विशेष रूप से 14 दिन तक जांच के दायरे में रखा जाए। अभी तक सोनीपत में चीन से आने वाले यात्रियों का आंकड़ा छह है। जिले में एक ऐसा क्षेत्र स्थापित करना है, जहां कोरोना के संदिग्धों को आम जनमानस से दूर रखा जा सके। साथ ही जरूरी है कि संदिग्ध व्यक्ति के संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति की पूर्ण जांच की जाएगी। जांच के दौरान चिकित्सक पूर्ण सुरक्षा कवच में रहें। उन्होंने जरूरी उपकरणों की भी जानकारी दी। उपायुक्त डा. अंशज सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर सोनीपत में स्थिति पूर्णतया नियंत्रण में है। कोरोना के नाम पर हर किसी को जागरूक रहने की आवश्यकता है। साथ ही बेवजह की अफवाहों पर रोक लगाना भी जरूरी है, ताकि आम जनमानस में किसी तरह का डर व्याप्त न हो। सिविल अस्पताल में विशेष रूप से आईसोलेशन वार्ड स्थापित कर हैल्पलाईन नंबर- 102/ 0130-2231932 जारी किया गया है। उपायुक्त डा. अंशज सिंह शुक्रवार को लघु सचिवालय में मासिक पत्रकारवार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संरक्षण के लिए मास्क तथा सैनेटाईजर की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से कराई गई है, जिसके तहत 12 स्थान निर्धारित किये गये हैं। जहां पर मात्र 10 रुपये में तीन लेयर वाला मास्क मिलेगा। इन स्थानों पर निर्धारित दर से अधिक शुल्क में मास्क दिया जाता है तो इससे संबंधित शिकायत के लिए मो. नंबर- 7056875511 पर संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विदेशों से आने वाले व्यक्तियों को विशेष रूप से 14 दिन तक जांच के दायरे में रखा जाए। अभी तक सोनीपत में चीन से आने वाले यात्रियों का आंकड़ा छह है। उन्होंने कहा कि जिले में एक ऐसा क्षेत्र स्थापित करना है, जहां कोरोना के संदिग्धों को आम जनमानस से दूर रखा जा सके। साथ ही जरूरी है कि संदिग्ध व्यक्ति के संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति की पूर्ण जांच की जाएगी। जांच के दौरान चिकित्सक पूर्ण सुरक्षा कवच में रहें। उन्होंने जरूरी उपकरणों की भी जानकारी दी। उपायुक्त डा. सिंह ने कहा कि कोरोना एक फैमिली गु्रप है। यह जोनोटिक है जोकि जानवरों में पाया जाता है। यह वायरस जानवरों से इंसानों में भी आ सकता है। इसे डब्ल्यू सीओवी 2019 नाम दिया गया है। भारत में संदिग्धों का आंकड़ा बढऩे से रोकने के लिए जागरूक होने की जरूरत है। बचाव के लिए पूर्ण स्वच्छता रखनी होगी। साथ ही विदेशों से आने वाले लोगों की विशेष रूप से जांच करनी होगी। पहले केवल चीन से आने वाले यात्रियों की ही जांच की जा रही थी, किंतु सभी देशों को इसमें शामिल किया गया है। डा. अंशज सिंह ने निर्देश दिए कि कोरोना वायरस के संदिग्धों को अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए अलग से एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों को भी निर्देश दिए कि उनके विभाग में यदि कोई संदिग्ध मिलता है तो तुरंत उसकी सूचना प्रशासन को दी जाए। इस दौरान डा. दिनेश ने कोरोना वायरस पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। साथ ही उन्होंने लक्षणों की भी जानकारी दी। उन्होंने बचाव के लिए किये जा रहे उपायों से भी अवगत कराया। उन्होंने जानकारी दी कि खानपुर स्थित बीपीएस मेडिकल कालेज में कोरोना की जांच के लिए किट की व्यवस्था की गई है। जबकि पहले जांच के लिए पूना का रूख करना पड़ता था।