गीला व सूखा कूड़ा अलग कर बनाई जाएगी खाद : डा. ज्योति जुनेजा
श्याम वशिष्ठ, सोनीपत। स्वच्छता की दृष्टि से अपने सामाजिक दायित्व का ईमानदारी से निर्वहन करते हुए जीवीएम गल्र्ज कालेज ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट) की व्यवस्था कर दी है। यही नहीं जीवीएम ने गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग एकत्रित करने के लिए भी गड्ढे बनाये हैं, जिसके बाद गीले कूड़े से खाद निर्मित किया जाएगा। इस खाद का प्रयोग कालेज में बागवानी के लिए किया जाएगा। जीवीएम के बोटनी विभाग के संयोजन में गीला व सूखा कूड़ा अलग करने की ओर ठोस कदम बढ़ाये गये हैं, जिसके लिए संस्था के प्रधान डा. ओपी परूथी व प्राचार्या डा. ज्योति जुनेजा ने बोटनी विभाग को बधाई दी है। बोटनी की विभागाध्यक्ष डा. रश्मि जावा तथा प्राध्यापिका डा. अनीता सैनी ने बताया कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से पहले कालेज के सभी सफाई कर्मियों की एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी सफाई कर्मियों को नगर निगम की ओर से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए मिले निर्देशों की विस्तार से जानकारी दी गई। डा. रश्मि तथा डा. अनीता सैनी ने कहा कि गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग करना बहुत जरूरी है, ताकि गीले कूड़े का खाद आदि के इस्तेमाल में लाया जा सके। सूखा कूड़ा रिसाईकिल भी किया जा सकता है। कालेज प्रशासन ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अपने स्तर पर पहले ही व्यवस्था कर रखी थी, जिसके लिए एक बड़ा गड्ढा बना रखा था। अब कालेज परिसर में नये सिरे से एक नया गड्ढा बनाया गया है, जिसे दो भागों में विभाजित किया गया है। गड्ढे के एक भाग में रसोईघर का कूड़ा तथा दूसरे भाग में बागवानी का गीला कूड़ा एकत्रित किया जाएगा। इस संदर्भ में प्राचार्या डा. ज्योति जुनेजा ने बताया कि गीले कूड़े से खाद बनाई जाएगी। इस खाद को कालेज में ही बागवानी के लिए प्रयोग में लाया जाएगा। इससे कालेज परिसर पूर्ण रूप से स्वच्छ रहेंगे और खाद भी खुद की ही निर्मित होगी। उन्होंने कहा कि गारबेज टू गार्डन की ओर विशेष रूप से कदम बढ़ाये गये हैं। ऐसा करने वाला जीवीएम सोनीपत का पहला कालेज है। उन्होंने कहा कि अब छात्राओं को हजार्डस वेस्ट की जानकारी दी जाएगी, जिसके प्रबंधन के लिए छात्राओं को जागरूक भी किया जाएगा। इस मौके पर संस्था के प्रधान डा. ओपी परूथी ने सफाई कर्मियों को प्रोत्साहित किया कि इस व्यवस्था की सफलता उनके कंधों पर भी है। उन्होंने छात्राओं का भी आह्वान किया कि वे गीला व सूखा कूड़ा अलग करने में सक्रिय योगदान दें। उन्होंने कहा कि शुरुआत खुद से ही करनी चाहिए। हमें अपने शहर, अपने प्रदेश और देश को स्वच्छ बनाना है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि कालेज में पोलिथिन का प्रयोग भी पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है।