उपायुक्त ने जिला स्तर पर आयोजित कार्यशाला में अधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश, ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए सभी गांव में आयोजित करें जागरूकता कंैप
श्याम वशिष्ठ, सोनीपत। ग्रामीण क्षेत्र को ठोस कचरा मुक्त बनाने के लिए सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को एक साथ मिलकर एक टीम की तरह कार्य करना होगा तभी हम इस अभियान को सफल बना सकते हैं। जिला के प्रत्येक गांव में ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर सभी बीडीईओ व ग्राम सचिव अपना प्रबंधन प्लान तैयार करें और उसी प्लान के तहत ग्रांव में काम करवाएं। उपायुक्त डॉ0 अंशज सिंह शनिवार को लघु सचिवालय में आयोजित कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों को दिशा-निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी प्रत्येक गांव में लोगों को ठोस कचरा प्रबंधन के प्रति जागरूक करने के लिए कैंपों को आयोजन करें और उन्हें सूखे व गीले कचरे के बारे में समझाएं। उन्होंने कहा कि लोगों को यह भी बताएं कि सूखे कचरे व गीले कचरे को अलग-अलग किसी डस्टबीन में रखें और सफाई कर्मचारी के आने पर यह कचरा उन्हें दें नाकि इधर-उधर फैंके। उन्होंने पीओ आईसीडीएस को निर्देश दिए कि वे सभी आंगनवाड़ी वर्कर, आशा वर्कर व सक्षम युवा की एक कार्यशाला का आयोजन करें और उन्हें बताएं कि वे किस प्रकार गांव में डोर टू डोर दौरा कर लोगों को जागरूक करना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एनजीटी के आदेशों की पालना करते हुए हर गांव में एक जगह चिन्हित करें जहां पर इस ठोस कचरे को डाला जाएगा। यहां पर गीले कचरे से खाद बनाया जाएगा जिससे किसान उनकों अपने खेतों में डालकर जमीन की उर्वरा शक्ति को बढा सकते हैं। उन्होंने बताया कि सूखे कचरे में मुख्यत पॉलीथिन और प्लास्टिक को खरीदने के लिए एसवी फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा पूरे जिले में कुल 60 केन्द्र खोंले जाएंगे। जहां पर लोग अपना सूखा कचरा बेचकर आमदनी भी कर पाएंगे। उन्होंने सभी ग्रामीणों से भी आह्वïान किया कि वे भी इस अभियान में प्रशासन का साथ दें और अपने गांव को साफ-सुथरा बनाने में अपनी भागदारी निभाएं।