‘विरासत’ हेरिटेज विलेज में हरियाणवी फैशन शो का आयोजन
कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा आयोजित अंन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2019 के अवसर पर ब्रह्मसरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में ‘विरासत’ हेरिटेज विलेज में हरियाणवी फैशन शो का आयोजन किया गया जिसमें 30 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। फैशन शो में हरियाणवी लोकपरिधानों को पहनकर अफगानिस्तान के कलाकार मॉडल रैम्प पर चले। यह जानकारी कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने दी है। उन्होंने बताया कि हरियाणवी लोकपरिधानों की लोकप्रियता युवाओं में बढ़ाने के लिए हरियाणवी फैशन शो का आयोजन ‘विरासत’ हेरिटेज विलेज के मंच पर किया गया। इस फैशन शो में अफगानिस्तान के 6 मॉडल कलाकारों ने हरियाणवी लोकपरिधानों को पहनकर रैम्प पर वॉक की। इस अवसर पर दर्शकों का हुजूम हरियाणवी लोकपरिधानों को नये रूप में देखकर झूम उठा। इस अवसर पर हरियाणा के घाघरे, घाघरी, लैह, छायमा, दुकानिया, सौंपली, गरक्खी, धोती, कुरता, कुरती, चूंदड़ी, पगड़ी, लंबा कोट व धोती, कुरती व घाघरा, सपेरा डै्रस, बागड़ी डै्रस, विवाह में पहनने के लिए हरियाणवी दूल्हे एवं दूल्हन की ड्रैस को नये रूप में प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि इस शो के आयोजन का उद्देश्य युवाओं को स्वदेशी एवं हरियाणवी लोक परिधानों के प्रति आकर्षित अपनी संस्कृति से जोडऩा है। इससे पहले भी हरियाणवी फैशन शो के आयोजन किए गए हैं, लेकिन इस आयोजन में फिल्मी दुनिया से जुड़े हुए मॉडलों ने भाग लेकर हरियाणा के लोकपरिधानों को नये रूप में प्रस्तुत किया। हरियाणवी फैशन शो में डॉ. बहाराम, अहमद मोहिब्बुलाह, मोहम्मद अली, ऐम्मालअहमदी, दिनेश मोहन, अन्जू, पूजा चौहान, कृष्ण, चंचल, तान्या, कुसुम, डॉ. आबिद, ममता, महेश शर्मा, किरन, श्याम लाल, कीर्ति, समनदीप, पवन जोशी, मोन्टी शर्मा आदि अनेक कलाकार हरियाणवी ड्रैस पहनकर रैम्प पर चले। इस अवसर पर हरियाणवी फैशन शो के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रो. कल्पना पूनिया, सुमित हिन्दुस्तानी, प्रकाश मलिक, सलीम हरियाणवी, हरिकेश पपोसा राजेश सहित सभी लोगों के योगदान को दर्शकों ने तालियों के माध्यम से खूब सराहना दी।
शिल्प और लोक कला से कुरुक्षेत्र को मिली विश्व में पहचान
अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव 2019 में पर्यटकों ने इस महोत्सव को विश्वस्तरीय पहचान देने का काम किया है। इस महोत्सव की जहां हरियाणा प्रदेश ही नहीं विश्व के विभिन्न देशों में जोरदार प्रशंसा की जा रही है, वहीं इस ऐतिहासिक महोत्सव के शिल्प और सरस मेले में देश -विदेश के कोने कोने से आए शिल्पकार तथा विभिन्न राज्यों से आए लोक कलाकार भी गदगद नजर आए। अहम पहलू ये है कि इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान ब्रहम सरोवर का हर घाट शिल्पकला व लोक कलाकारों की संस्कृति के संगम से सरोबार हो गया। यहां इस बात का उल्लेख करना भी जरूरी है कि कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के पुख्ता इंतजामों के बीच लाखों पर्यटकों को हर प्रकार की सहुलियत दी गई। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के सरस और शिल्प मेले में सोमवार को भी सुबह से लेकर सांय तक पर्यटकों व श्रद्धालुओं के आने का तांता लगा रहा। इस महोत्सव में 23 नवम्बर से 9 दिसम्बर तक लाखों पर्यटक महोत्सव के सरस, शिल्प मेले और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का अवलोकन कर चुके है। इतना ही नहीं इस महोत्सव में लाखों पर्यटकों ने ब्रहमसरोवर पर पहुंचकर जहां जमकर खरीददारी की, वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी खूब लुत्फ उठाया। इतना ही नहीं पर्यटकों ने राजस्थानी व्यंजनों, अमृतसरी कुल्छे और गुड़ के हलवे के साथ ताऊ बलजीत की जलेबी का भी स्वाद चखा। केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने कहा अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के प्रत्येक दिन तमाम व्यवस्थाओं पर नजर रखकर पर्यटकों व श्रद्धालुओं का पूरा ध्यान रखा गया।
गीता और कुरान ने दिया महोब्बत और शांति का संदेश
पवित्र ग्रंथ गीता और कुरान में महोब्बत, अमन व शांति का संदेश निहित है। कुरान ही नहीं, बल्कि किसी भी धर्म की शिक्षा कट्टरवाद, आतंकवाद और मार-काट का संदेश नहीं देती। प्रत्येक धर्म की शिक्षा में महोब्बत, शांति का संदेश ही समाया हुआ है। इसी महोब्बत और अमन के सदेंश को लेकर सभी धर्मों के प्रतीक माने जाने वाले अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में अमादिया मुस्लिम जमात इंडिया के अनुयायी देश के कोने-कोने से आने वाले पर्यटको के लिए पहुंचे हैं। अहम पहलू यह है कि इस महोत्सव में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने करीब एक दर्जन से ज्यादा स्टाल क्राफ्ट मेले में लगाए हैं और सिख समुदाय के लोगों ने भी खूब स्टाल लगाए हैं। इन तमाम पहलुओं को देखकर सहजता से कहा जा सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव हिंदु, मुस्लिम और सिख समुदाय के साथ-साथ अन्य धर्मो की एकता का प्रतीक बन गया है। इसलिए इस महोत्सव के बारे में सुनते ही बटाला के गांव कादियान से तीसरी बार मुबारक शाह कुरान की शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए यहां पहुंचे हैं। इतना ही नहीं, मुबारक शाह ने अपने साथी मोहम्मद आरिफ के साथ मिलकर क्राफ्ट मेले में एक पुस्तक का स्टाल भी लगाया है। इस स्टाल पर सभी पुस्तकें महोब्बत और अमन का संदेश देने से सम्बंधित ही हैं अहमइिय्या मुस्लिम जमाअत भारत के अनुयायी मुबारक शाह और मोहम्मद आरिफ ने बातचीत करते हुए बताया कि महोत्सव के इतिहास के बारे में सुना और यह सुनते ही अपने आप को रोक नहीं पाए। मानव गीता का संदेश उन्हें भगवान श्रीकृष्ण की पावन धरा कुरुक्षेत्र पर बुला रहा है। भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध में धर्म की शिक्षा देने के लिए ही अर्जुन को गीता का संदेश दिया। ठीक इसी प्रकार इस्लाम धर्म के पवित्र कुरान में भी महोब्बत और अमन का संदेश दिया है। उनका मानना है कि जब लोग पवित्र ग्रंथ गीता और कुुरान की शिक्षा से आत्मसात होंगे, तो निश्चित ही पूरी दुनिया में अमन और शांति का माहौल पैदा होगा। कहीं भी आतंकवाद, मार-काट और अहिंसा का माहौल नहीं रहेगा। मुबारक शाह ने अपने स्टाल पर लगाई गई मुख्य पुस्तकों मिर्जा मसरूर अहमद द्वारा लिखी पुस्तक वल्र्ड क्राईसेज़ एंड द पाथवे टू पीस, शांति पथ, विश्व संकट तथा शांति पथ, अहमइिय्या मुस्लिम जमाअत भारत शांति का आह्वान आदि के बारे में बताया कि कुरान की शिक्षा में केवल अमन और शांति का पाठ ही पढ़ाया जाता है। जो लोग कट्टरवाद, आईएसआईएस और धर्म की शिक्षा देकर अपने किसी उद्देश्य को सार्थक कर रहे हैं, वे सही मायनों में किसी धर्म के चाहवान नहीं हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में 207 मुल्क ऐसे हैं, जहां मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं। इन सभी देशों में उनकी संस्था सर्वधर्म का प्रचार कर रही है और सभी धर्मों के लोगों को एक मंच पर बुलाकर अपने धर्म के बारे में आजादी के साथ विचार व्यक्त करने के लिए समय दिया जा रहा है, ताकि पूरे विश्व में अमन और शांति का संदेश पहुंच सके। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी संस्था के करीब 50 लाख लोग पाकिस्तान में रहते हैं, जो अमन और शांति की शिक्षा देते हैं, लेकिन पाकिस्तान में उनके समुदाय के लोगों को शांति का पाठ पढ़ाने के नाम पर एक कानून के तहत 3 साल की सजा सुना दी जाती है। उन्होंने गीता की इस पावन स्थली पर हर साल आयोजित होने वाले महोत्सव की पुरजोर प्रशंसा करते हुए प्रशासन द्वारा सहयोग करने पर आभार व्यक्त किया।