कंप्यूटर साइंस में प्रारंभ हुआ फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम
रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मुरथल के रजिस्ट्रार डा.आर.डी. कौशिक ने कहा कि दूरसंचार से मानव जीवन में क्रांति आ गई है। दूरसंचार में आई क्रांति के कारण दूरियां कम हो गई हैं। दूर संचार के माध्यम से मानव जीवन सुगम हो गया है। डा. कौशिक डीसीआरयूएसटी मुरथल के कंप्यूटर साइंस विभाग द्वारा आयोजित वर्कशॉप में बतौर मुख्यातिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में 80 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।उन्होंने कहा कि वर्कशॉप से न केवल फेकल्टी को बल्कि विद्यार्थियों को भी लाभ होगा। वर्कशॉप के माध्यम से विद्यार्थियों को नवीनतम तकनीक की जानकारी मिलेगी। डीआरडीओ के वैज्ञानिक डा. देवेंद्र झा ने दूरसंचार में आई क्रांति के कारण विश्व के किसी भी कोने में घटित हुई घटना का तुरंत पता चल जाता है। इमेज प्रोसेसिंग और चलचित्र में दूरसंचार तरंगों का विशेष महत्व है। इन माध्यमों से स्वास्थ्य, रक्षा, आटोमोबाइल, अंतरिक्ष तथा विश्व की अनेक आयामों में सदुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग आदि तकनीकों का प्रयोग कर चिकित्सक किसी बीमारी के लक्षण पता लगा सकते हैं। इस तकनीक से चिकित्सक परामर्श देने में उचित निर्णय ले सकते हैं। डा. झा ने कहा कि मल्टी डाइमेनशनल सिग्नल सभी इंजीनियरिंग की रीड की हड्डी है। जिससे सभी शोध आपस में जुड़े हैं। मल्टी डाइमेनशनल सिग्नल की विशेषता के कारण अलग अलग शोधार्थी अंतर विषयी प्रावधानों में कार्यरत हैं,जिससे मानव जीवन की विभिन्न समस्याओं का निवारण आसान हो गया। इस अवसर पर प्रो. जेएस सैनी, प्रो. अनिता सिंग्रोहा, प्रो.परविंद्र सिंह, प्रो. अमिता मलिक, प्रो. सुखदीप सिंह, प्रो. सुमन सांगवान, प्रो. सुमन गुलिया, खेल निदेशक डा. बिरेंद्र हुड्डा, डा. दिनेश सिंह, डा. संजीव इंदौरा, डा. जितेंद्र कुमार, डा. प्राची चौधरी, डा. सुदेश चौधरी, डा. सत्यपाल नेहरा, डा. नरेश कुमार, डा. रोहताश धीमान, डा. दीपेश, डा. अनिता, डा. ज्योति आदि उपस्थित थे।