>25 साल पहले के विद्यार्थियों ने अनुभव किए सांझा, वर्तमान छात्रों को दिए सफलता के मंत्र, पुराने गुरुजनों को भी किया याद< रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। अधिकारी, बिजनेस मैन, इंजनियर और सेलिब्रिटी बन चुके पुराने विद्यार्थियों को एक बार विद्यार्थी जीवन की सुनहरी यादों को ताजा करने का मौका मिला। अवसर था दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल में एलुमनाई मीट का। मीट में 25 साल पुराने विद्यार्थियों ने यहां पर आयोजित समारोह में जमकर रंग जमाया और एक दूसरे से परिचय किया। अमेरिका, बैंकॉक व दुबई से ज्यादातर पुरातन विद्यार्थी पहुंचे थे। ये सब तत्कालीन छोटूराम इंजीनियरिंग कॉलेज, मुरथल जो वर्तमान में डीसीआरयूएसटी, मुरथल मेंअध्ययन कर विभिन्न क्षेत्रों में कामयाब होने के बाद नाम कमा रहे हैं। डीसीआरयूएसटी, मुरथल द्वारा 1990 से 94 के बैच के पुरातन विद्यार्थियों की सिल्वर जुबली मनाई गई। कार्यक्रम में मुख्यातिथि कुलपति प्रो.राजेंद्र कुमार अनायत थे, जबकि विशिष्ट अतिथि रजिस्ट्रार डा. आर.डी. कौशिक थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता ओल्ड ब्वायज एलुमनाई एशोसिएशन के अध्यक्ष यशवीर सिंह ने की। इस अवसर पर कुलपति प्रो.अनायत ने कहा कि छात्र शिक्षण संस्थान के ब्रांड एंबेसडर होते हैं। विद्यार्थी ही वैश्विक स्तर पर विश्वविद्यालय का नाम रोशन करते हैं। उन्होंने कहा कि यह आपका विश्वविद्यालय है, आप जब चाहे विश्वविद्यालय में आ सकते हैं। हम सबको मिलकर विश्वविद्यालय को उन्नति के पथ पर चलना है। पुरातन विद्यार्थियों के अनुभव का लाभ उठाकर वर्तमान विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना चाहिए। सिल्वर जुबली में अमेरिका, बैंकाक, दुबई, थाइलैंड व कनाड़ा से आए पुरातन विद्यार्थियों ने अपने अनुभव विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से सांझा करते हुए स्वयं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने को कहा। पुरातन विद्यार्थियों ने कहा कि अगर विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार के मार्ग दर्शन की आवश्यक्ता है तो वे तैयार हैं। अमेरिका से आए कन्नू अग्रवाल व मनमोहन सिंह ने कहा कि 25 वर्ष के अंतराल में विश्वविद्यालय में काफी बदलाव आ गया है। अब पहले की अपेक्षा नवीनतम सुविधाएं उपलब्ध हैं। थाईलैंड से आए विकास कपूर ने कहा कि विश्वविद्यालय में आने से उनकी पुरानी यादें ताजा हो गई। पूर्व छात्रों ने शाम को डीजे फ्लोर पर जमकर थिरके। शाम को पूर्व छात्रों ने गाने गाकर सबको झुमने पर मजबूर कर दिया। उनको देखकर ऐसा लग ही नहीं रहा था कि ये 25 वर्ष पूर्व के विश्वविद्यालय के विद्यार्थी हैं। पुरातन छात्रों ने विश्वविद्यालय का दौरा किया। विश्वविद्यालय के बैडमिंटन हॉल में खेलकर अपनी पुरानी यादों को ताजा किया। अपने हॉस्टल में खाना खाते समय अपने पुराने दिनों को याद किया। पुरातन विद्यार्थियों ने बताया कि वे सब एक साथ द. अफ्रिका व भारत के बीच होने वाले मैच को देखने के लिए दिल्ली गए थे। विश्वविद्यालय में पौधारोपण भी किया। 1994 बैच के जुनियरों ने अपने बताया कि जो पार्टी फ्रैशर पाटी के उनके सीनियरों ने दी थी, वो आज तक कहीं भी देखने को नहीं मिली। वर्तमान समय में विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र केवल विदेशों में ही अहम पदों पर कार्यरत नहीं है, अपितु देश की भारतीय प्रशासनिक सेवा के साथ साथ देश की सेना में भी कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र वर्तमान में देश की प्रतिष्ठित कंपनियों में अहम पदों पर कार्यरत हैं, इसके साथ साथ स्वयं के उद्योग भी लगाए हुए हैं। कार्यक्रम के अंत में एलुमनाई एशोसिएशन के अध्यक्ष जसवीर सिंह ने कुलपति प्रो. अनायत व रजिस्ट्रार को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।