दोनों विधायक रिस्ते में दादा पोता
राजेंद्र कुमार, सिरसा। हरियाणा सरकार के मंत्रीमंडल के हुए दूसरे विस्तार में सिरसा जिले के गांव चौटाला से दो विधायक केबिनेट मंत्री बने हैं। ये दोनों विधायक रिस्ते में दादा पोता हैं। चौटाला गांव के 14 वीं विधानसभा में अलग-अलग दलों के कुल पांच विधायक हैं। बता दें कि 14 वीं विधानसभा के हुए चुनावों में चौधरी देवीलाल का परिवार के छह सदस्य अलग-अलग दलों से चुनावी दंगल में उतरे। इनमें डबवाली सीट से भाजपा प्रत्याशी आदित्य चौटाला कांग्रेस के अमित सिहाग से हार गए। अभय चौटाला ऐलनाबाद, रणजीत सिंह निर्दलीय रानियां, नैना चौटाला जजपा बाढड़ा, दुष्यंत चौटाला जजपा उचाना से अपने प्रतिद्वद्वियों को हराकर विधानसभा पहुंचे हैं। देवीलाल जयंति के उपलक्ष्य में पिछले वर्ष गोहाना में आयोजित राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में मनमुटाव के चलते बशर्ते चौटाला परिवार अलग-थलग हो गया मगर अपनी सियासी विरासत बचाने में कामयाब साबित हुआ है। करीब 31 वर्षों के लम्बे अंतराल के बाद चौटाला परिवार से एक साथ दो कैबिनेट स्तर के मंत्री बन पाए हैं। वर्ष 1988 में चौधरी देवीलाल जब मुख्यमंत्री बने तो अपने मंझले बेटे रणजीत सिंह को केबिनेट स्तर का मंत्री बनाकर कृषि विभाग जैसा प्रभावी विभाग दिया। चौधरी देवीलाल के केंद्र में चले जाने के बाद उतराधिकारी की छिड़ी जंग में रणजीत सिंह औम प्रकाश चौटाला से हार गए और पार्टी को अलविदा कह दिया। इसके बाद रणजीत सिंह अपने संघर्ष के बते कांग्रेस व भाजपा में अलग-अलग विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ते रहे मगर विधानसभा नहीं पहुंच पाए। कई बार हार का मुंह देखने के बाद अबकी बार कांग्रेस पार्टी ने रानियां विधानसभा सीट से टिकट देने से मना कर दिया। रणजीत सिंह ने संघर्ष से हार न मानते हुए आजाद प्रत्याशी के तौर पर दंगल में कूद पड़े और विजयश्री प्राप्त की। भाजपा के अल्पमत में होने के कारण बढ़ी बूझ के चलते परिणाम के दिन ही रणजीत सिंह को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से विशेष विमान से दिल्ली ले जाया गया जहां पार्टी के उच्चाधिकारियों के साथ मंत्रीमंडल में शामिल होना तय हुआ और आज उसी समझौते के तहत वे केबिनैट स्तर के मंत्री बने रणजीत सिंह के मंत्री बनने के साथ ही प्रदेश के अंतिम छोर पर बसे गांव चौटाला से केबिनेट स्तर के दो मंत्री बन गए है जिससे गांव का नाम इतिहास के पन्नों पर फिर लिखा गया है। रणजीत सिंह चौधरी देवीलाल के पुत्र हैं तो उप-मुख्ययमंत्री बने दुष्यंत चौटाला परपौत्र हैं। अब दादा पोता की जोड़ी एक साथ सदन में बैठेगी। रणजीत सिंह के मंत्री बनने के बाद आज उनके आवास पर समर्थक एकत्रित हुए और खुशी में पटाखे फोड़े व मिठाई बांटते हुए ढोल की थाप पर खूब नाचे। बता दें ककि करीब आठ साल से अंतराल के बाद सिरसा जिले में कोई विधायक मंत्री बन पाया है। भूपेंद्र हुड्डा सरकार में गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा के गितिका केस में आरोपित हो जाने से मंत्री पद गवानापड़ा था जिसके बाद कोई विधायक मंत्री नहीं बन पाया।