दशहरा को लेकर पुतलों का काम शुरू
रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। उत्सवी आहट के साथ ही शहर में दशहरे की तैयारी भी शुरू हो गई है। रावण, मेघनाद व कुंभकरण के पुतले बनने लगे हैं। शहर में अबकी बार पुतलों की ऊंचाई 52 फीट व 50 फीट, 45 फीट एवं 18 फीट रहेगी। खास बात यह कि एक जगह इन पुतलों को तैयार करने का काम उत्तरप्रदेश के गांव दत्तनगर जिला बागपत का एक मुस्लिम परिवार संभाले हुए है। जानकारी के अनुसार दशहरे पर मुख्य रूप से शहर में चार जगहों पर पुतला दहन किया जाएगा। इस बार चारों जगह 52, 50, 45, 18 फ ीट के पुतले जलाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जब उनके बनाए पुतले जलते हैं तो उनका दिल भी रोता है कि उनकी मेहनत कुछ ही मिनटों में राख हो जाती है। सोनीपत शहर की चेतनलाल धर्मशाला में बनाए जाने वालों पुतलों के बारे में यूपी के बागपत जिला के गांव दत्तनगर निवासी 72 वर्षीय इकराम ने बताया कि वह पिछले 40 वर्ष से पुतले बनाने का काम कर रहा है। इस काम में उसका बेटा 46 वर्षीय बेटा शकील, 43 वर्षीय बेटा नसीम, इमरान व उस्मान सहित उनके पौत्र फुरकान, अरसलान एवं शानू सभी मिलकर इस काम को पूरा करते हैं। इकराम ने बताया कि उन्होंने रावण, कुंभकरण एवं मेघनाथ के पुतलों को तैयार करने में करीब माह का समय लग जाता है। मंहगाई बढऩे के कारण जो पुतले पहले 85 हजार में तैयार होते थे अब वे ही पुतले करीब एक लाख, 15 हजार रुपए की लागत आती है। इकराम ने बताया कि रावण का 52 फुट, कुंभकरण व मेघनाथ का 45-45 फुट के तीनों पुतलों पर करीब एक लाख से ज्यादा खर्च होता है। पिछले 40 साल से रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले बना रहे इकराम कहते हैं कि पुतलों को तैयार करने में कई-कई सप्ताह लग जाते हैं। ऐसे में परिवार को भी साथ लेकर चलना पड़ता है। उन्होंने कहा कि काम के साथ-साथ नमाज भी अता करनी पड़ती है। इकराम ने बताया कि हर साल पुतलों की लागत बढ़ती जा रही है। बीते वर्ष तीनों पुतले करीब एक लाख तक में तैयार हो रहे थे, जबकि इस साल इनकी लागत करीब सवा लाख तक चली गई है। इकराम ने यह भी बताया कि उनकी और उनके परिवार की कई सप्ताहों लंबी मेहनत कुछ ही मिनटों में ढेर हो जाती है। इसी वजह से वे एक बार तो सोचते हैं कि अगले साल से पुतले नहीं बनाऊंगा। लेकिन पता नहीं कौन सी शक्ति फिर इन्हें बनाने के लिए विवश कर देती है। इकराम के बेटे भी यही कहते हैं कि एक पखवाड़े की मेहनत के बाद वह रावण परिवार के पुतले तैयार करते हैं उसके बाद उनको कुछ ही मिनटों में जलाकर राख कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जब उनके बनाए पुतले जलते हैं तो उनका दिल भी रोता है कि उनकी मेहनत कुछ ही मिनटों में राख हो जाती है, बहुत पीड़ा होती है। इकराम ने बताया कि शहर के कामी रोड स्थित रामलीला सभा द्वारा रावण, कुंभकरण व मेघनाद के पुतले बनवाये गए हैं। कामी रोड स्थित रामलीला सभा द्वारा रावण 52 फुट व मेघनाद और कुंभकरण के 45-45 फुट के पुतले बनाए गए हैं। इन पर करीब सवा लाख रुपये खर्च हो जाते हैं। वहीं गीता भवन, फैज बाजार द्वारा 50 फुट ऊंचा रावण का पुतला तैयार करवाया गया है। वहीं चार मरला द्वारा 18 फुट ऊंचा रावण का पुतला तैयार करवाया गया है।