कैंसर कारक व नष्ट न होने वाले प्लास्टिक को कहें अलविदा : जैन
अमन अटकान, सोनीपत। जीवीएम गर्ल्ज कालेज की कैमिस्ट्री की प्राध्यापिका पूजा जैन ने सिंगल यूज प्लास्टिक को अलविदा कहने पर जोर देते हुए कहा कि यह कैंसर कारक है। दवाइयों को पोलिथिन में रखना अथवा खान-पान की चीजों को प्लास्टिक/पोलिथिन में रखकर प्रयोग करने से कैंसर होने की संभावना बढ़ती है। कुल मिलाकर प्लास्टिक/पोलिथिन बेहद खतरनाक है, जिसका उपयोग बंद करना अनिवार्य है। जीवीएम में गठित उन्नत भारत अभियान प्रकोष्ठ के संयोजन में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देशानुसार जारी स्वच्छता पखवाड़े के जल संरक्षण अभियान के अंतर्गत सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का शुभारंभ प्राचार्या डा. ज्योति जुनेजा ने दीप प्रज्वलित करके किया, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित प्राध्यापिका पूजा जैन ने छात्राओं को सिंगल यूज प्लास्टिक विषय के तहत महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने चिंता जताई कि प्लास्टिक का उपयोग लगभग हर स्तर पर किया जा रहा है। खिलौनों की पैकिंग, पानी की बोतलें, विभिन्न प्रकार के सामान की पैकिंग आदि में प्लास्टिक का प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है। प्रमुख वक्ता पूजा जैन ने कहा कि प्लास्टिक का निर्माण नेचुरल गैस से किया जाता है जिसे नष्ट होने में हजारों वर्ष लग जाते हैं। अब समय आ गया है कि सिंगल यूज प्लास्टिक को हमेशा के लिए बाय-बाय कर दी जाए। प्लास्टिक के विकल्पों का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले हमारे यहां पेड़ों के पत्तों से बनी पत्तल में खाना खाया जाता था, किंतु हमने अब यह छोडक़र प्लास्टिक को अपना लिया है। जबकि जापान जैसे देश में पत्तल को अपनाया जा रहा है। साथ ही उन्होंने गिले कूड़े तथा सूखे कूड़े को अलग-अलग करने की जरूरत पर भी जोर दिया। इसके अलावा उन्होंने मोबाईल से निकलने वाली नुकसानदायक रेडिएशन की भी जानकारी देते हुए कहा कि जितना संभव हो मोबाईल को शरीर से दूर रखना चाहिए। इस मौके पर सेमिनार की सह-संयोजक यूनिवर्सिटी आउटरिच प्रोग्राम टीम की संयोजक रूचिका विरमानी, प्राध्यापिका निधि मदान, अनीता राणा आदि उपस्थित रही।