7 उम्मीदवारों की सूची
उकलाना सीट से अनूप धानकनारनौंद सीट से राम कुमार गौतम
महेंद्रगढ़ सीट से राव रमेश पलड़ी
नारनौल से कमलेश सैनी
बावल सीट से श्याम सुंदर
हथीन सीट से हर्ष कुमार
पानीपत सीट से देवेंद्र कादियान कार्यकर्ता से सीधे चुनाव में उतरे और बन गए थे विधायक उकलाना सीट के जजपा उम्मीदवार अनूप धानक पहले इनेलो में थे। वे इनेलो के कार्यकर्ता थे, उकलाना सीट रिजर्व होने की वजह से 2014 में पार्टी ने उन्हें टिकट दिया था और वे जीतकर विधायक बन गए। 2018 आते-आते चौटाला परिवार दो फाड़ हो गया। दुष्यंत चौटाला ने नई पार्टी जजपा का गठन कर लिया। अनूप धानक भी जजपा के झंडे तले रैलियों में नजर आए। इसके चलते इनेलो नेता अभय चौटाला की शिकायत पर विधानसभा स्पीकर ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी। जजपा में निष्ठा दिखाने की वजह से उनका नाम पहली सूची में आया है। चौटाला परिवार से नजदीकी की वजह से मिला देवेंद्र कादियान को टिकट इनेलो की सीट पर विधायक रहे पूर्व विधानसभा स्पीकर सतबीर कादियान के बेटे देवेंद्र कादियान को पानीपत ग्रामीण सीट पर टिकट दिया गया है। देवेंद्र ने अभी तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है। वे अपने पिता के राजनीतिक कैरियर के दम पर चुनाव में उतरेंगे। उनके पिता 1987, 1991 और 2000 में नौल्था सीट से विधायक बने। टिकट मिलने के पीछे की बड़ी वजह उनकी चौटाला परिवार से रिश्तेदारी मानी जा रही है। जिसके चलते जजपा के गठन के दौरान से सतबीर कादियान अजय चौटाला के साथ जुड़े हुए हैं। इसी के चलते पानीपत ग्रामीण से देवेंद्र कादियान को टिकट दिया गया है।
< भाजपा की सीट पर पहली बार विधायक बने थे रामकुमार गौतम नारनौंद से जजपा सीट पर चुनाव लडऩे जा रहे रामकुमार गौतम पहले भाजपा में थे। 2005 में जब भाजपा की पूरे हरियाणा में महज दो सीट आई थी, तब रामकुमार गौतन नारनौंद से जीते थे। लेकिन भाजपा का इनेलो से गठबंधन होने पर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके बाद चुनाव लड़ा हार गए,फिर निर्दलीय चुनाव लड़ा हार गए। वे 4 चुनाव लड़ चुके हैं। अभी जजपा के गठन के बाद पार्टी ज्वाइन की और उन्होंने आखिरी बार चुनाव लडऩे की इच्छा जताई थी, जो जजपा ने टिकट देकर पूरी कर दी है। हरियाणा विकास पार्टी और फिर निर्दलीय विधायक बने थे हर्ष कुमार हथीन सीट से चुनाव लडऩे वाले हर्ष कुमार 32 वर्ष से चुनावी राजनीति में हैं और हथीन सीट पर 7 विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। 1987 में पहला विधानसभा चुनाव लडऩे वाले हर्ष कुमार 1996 में हविपा से और 2005 में हथीन से निर्दलीय विधायक बने। 2014 के विधानसभा चुनाव में वे सिर्फ 6000 वोटों से चुनाव हारे थे। वे 1996 में बंसीलाल सरकार में मंत्री भी रहे। 2014 में मैदान में उतरे थे लेकिन हार गए अब जेजेपी ने दिया टिकट < बावल सीट पर जजपा उम्मीदवार श्याम सुंदर सभरवाल 2014 में इनेलो के टिकट चुनाव लड़े थे लेकिन चुनाव हार गए थे। जजपा का गठन हुआ तो वे इनेलो छोड़कर जजपा में आ गए। एलएलएम व एमबीए पढ़े श्याम सुंदर फिलहाल जजपा के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के रेवाड़ी जिलाध्यक्ष हैं।
इनेलो सीट पर 2014 में मिली थी कमलेश सैनी को हार नारनौल सीट पर जजपा उम्मीदवार कमलेश सैनी ने 2014 में इनेलो की सीट पर चुनाव लड़ा था। वे 4 हजार वोटों से हार गई थी। उनके ससुर भाना राम सैणी ने भी 2009 में नारनौल से इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ा था, वे भी 3 हजार वोटों से चुनाव हारे थे। महेंद्रगढ़ के जिलाध्यक्ष को मिला टिकट इनेलो छोड़कर आए राव रमेंश पालड़ी को जजपा ने महेंद्रगढ़ से उम्मीदवार बनाया है। पाली इनेलो में की वरिष्ठ पदों पर रहे हैं। वे जजपा के महेंद्रगढ़ से जिलाध्यक्ष भी हैं।<