आधे घंटे की मूसलाधार बारिश ने शहर को किया जलमग्न
प्रशासन के दावे हुए खोखले साबित, शहर का सीवरेज सिस्टम हुआ फेल
रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। सोमवार को हुई मूसलाधार बारिश से जहां लोगो को गर्मी और उमस से राहत मिली। वहीं तेज हवाओं के साथ हुई आधे घंटे की मूसलाधार बारिश ने पूरे शहर को जलमग्न कर दिया। देखा जाए तो इस आधे घंटे की बारिश ने प्रशासन के दावों की पोल खोल कर रख दी है। शहर की सबसे पॉश कालोनी कहे जाने वाली सेक्टर 14 में लोगो के घरों में पानी घुस गया। लोगो के घरों के सीवरेज बैक मार गए, जिससे लोगो के घरों में बदबूदार पानी फैल गया। पिछले कई दिनों से लगातार प्रशासन दावे कर रहा था कि बरसात आने से पहले पूरे शहर के सीवरेज साफ कर दिए हैं। इस बार कहीं भी पानी निकासी की समस्या नहीं आएगी। गौरतलब है कि यह बारिश सिर्फ आधा घंटा हुई थी तो यह हाल हो गया। अगर कहीं यह बारिश इसी प्रवाह से केवल आधे की जगह एक घंटा हो जाती तो पूरे शहर का क्या हाल होता इसका अंदाजा बाखूबी लगाया जा सकता है। गीता भवन चौंक, बस अड्डा, गोहाना रोड, रेलवे अंडर ब्रिज, सेक्टर 14, पुराना रोहतक रोड इलाका इन क्षेत्रों में पानी इतनी तेज रफ्तार से बह रहा था मानो कोई छोटी मोटी नदी बह रही हो। उपायुक्त कार्यालय से मिली सूचना के अनुसार सोनीपत शहर में 43 एमएम, गन्नौर में 40 एमएम, खरखौदा में 23 एमएम और गोहाना में 38 एमएम बारिश ने जहां किसानों के चेहरे खिला दिए। वहीं शहर में रहने वालों के लिए यह आफत की बारिश रही।
बड़ा हादसा होने से टला
मानसून की पहली बारिश ने जिला प्रशासन के विकास कार्यों की पोल खोल कर रख दी। नगर निगम में स्थापित नागरिक सुविधा केन्द्र (सीएचसी) की छत पर पानी जमा होने के कारण सीएचसी की सीलिंग नीचे लटक गई। जिससे नागरिक सुविधा केन्द्र में पानी फर्श पर आया। गनीमत ये रही कि सीलिंग सीएचसी के अन्दर नहीं गिरी न तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला प्रशासन द्वारा निर्माण किए गए नागरिक सुविधा केन्द्र में निम्न क्वालिटी की सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। वहीं दूसरी ओर ककरोई चौक पर बरसाती पानी की निकासी के लिए बनाए गए नाले के बैक मारने से सडक पर पानी जमा हो गया। गंदे पानी के रोड पर जमा होने से राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। दुकानदारों का कहना था कि जिला प्रशासन को बार-बार ढक्कन उठाकर सीवर साफ करने की गुहार लगाई गई, लेकिन इस ओर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। जिस कारण गंदे पानी की निकासी के लिए बनाए गए नाले पानी खिंचने की बजाय वापस बैक मार रहे थे। जिससे सडक़ पर गंदा पानी जमा हो गया।